तरनतारन व फिरोज़पुर में पराली को आग लगाने के मामले बढ़े

वरसोला, 21 अक्तूबर (वरिंदर सहोता): राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा-निर्देशों पर पंजाब में पराली, नाड़ व फसलों के अन्य अवशेष को आग लगाने पर पाबंदी लगाई होने के बावजूद प्रदेश में धान के चल रहे इस सीज़न के दौरान किसानों द्वारा बड़े स्तर पर आग लगाई जा रही है। सरकारी आकड़ों के अनुसार 1 अक्तूबर से लेकर 19 अक्तूबर तक प्रदेश में पराली को आग लगाने के 1536 मामले सामने आए हैं जबकि पंजाब के रिमोट सैसिंग केन्द्र की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में पराली को आग लगाने के 1700 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। यह भी खुलासा हुआ है कि ज़िला तरनतारन व ज़िला फिरोज़पुर में पराली को आग लगाने के मामलों में वृद्धि हुई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 1 अक्तूबर से 19 अक्तूबर तक तरनतारन ज़िले में पराली को आग लगाने के 285 मामले सामने आए हैं। जबकि इस बार इस समय दौरान 338 मामले सामने आए हैं। इसी तरह ज़िला फिरोज़पुर में इस समय दौरान पराली को आग लगाने के 93 मामले सामने आए हैं। जबकि इस बार यह बढ़कर 121 हो गए हैं। इसके साथ ही ज़िला पठानकोट गत वर्ष की तरह इस बार भी पराली को आग न लगाने के मामले में मिसाल बन रहा है। इस ज़िले के अंदर गत वर्ष उक्त समय दौरान भी पराली को आग लगाने का मामला सामने नहीं आया था और इस बार भी यह आंकड़ा ज़ीरो पर ही खड़ा है। यदि बाकी ज़िलों की बात की जाए तो सरकारी आंकड़ों के अनुसार ज़िला अमृतसर में 1 अक्तूबर से 19 अक्तूबर तक पराली को आग लगाने के 363, ज़िला बरनाला में सिर्फ 7, बठिंडा में 16, फतेहगढ़ साहिब में 18, फरीदकोट में 84, फाज़िल्का में 31, गुरदासपुर में 71, होशियारपुर में सिर्फ 6,  जालन्धर में 58, कपूरथला में 39, लुधियाना में 16, मानसा में 36, मोगा में 27, मुक्तसर में 33, शहीद भगत सिंह नगर में 13, पटियाला में 184, रूपनगर में सिर्फ 7, एस.ए.एस. नगर में 25 और संगरूर में 43 मामले सामने आए हैं। तारीखें बढ़ाने के बावजूद 50 फीसदी से अधिक नहीं हुई सब्सिडी वाली मशीनरी खरीदने वाले किसानों की संख्या : पराली को आग लगाने के रुझान को रोकने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा किसानों को 80 व 50 फीसदी सब्सिडी पर पराली को खेतों में दबाने के लिए उचित मशीनरी मुहैया करवाई जा रही है। इसके लिए 9 अगस्त तक पंजाब के 7800 किसानों ने आवेदन दिए थे, जिन्हें स्वीकार करने के पश्चात् मशीनरी खरीदकर खेतीबाड़ी कार्यालयों में बिल जमा करवाने के लिए पहले 10 अक्तूबर का समय निर्धारित किया गया था। परंतु इस समय तक सिर्फ 50 फीसदी किसानों द्वारा ही मशीनरी खरीदे जाने के कारण इसमें वृद्धि करते हुए बिल जमा करवाने का समय 20 अक्तूबर तक कर दिया गया था परंतु इसके बावजूद मशीनरी खरीदने वाले किसानों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं हुई।22 आई.ए.एस. अधिकारियों ने ज़िलास्तर पर सम्भाली कमान : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के दिशा-निर्देशों पर पंजाब में पराली जलाने की गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए लगाए गए 22 सीनियर आई.ए.एस. अधिकारियों ने ज़िलास्तर पर कमान सम्भाल ली है। इस तरह पराली को आग लगाने की घटनाओं को रोकने व निगरानी रखने के लिए पंजाब सरकार ने एक-एक अधिकारी को एक-एक ज़िले की विशेष ज़िम्मेवारी सौंपी है। 
 

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