अधिक बिजली के बावजूद बिजली महंगी करने की सिफारिश करेगा पावरकॉम

जालन्धर, 3 नवम्बर (शिव शर्मा) : पावरकाम के पास इस समय अधिक बिजली का भंडार है परंतु इसके बावजूद उसे वर्ष 2020-21 के लिए बिजली महंगी करने की सिफारिश  करने के लिए पंजाब अथारिटी आयोग के पास याचिका इस महीने दाखिल करनी है और समझा जा रहा है कि इस बार 10 से 15 प्रतिशत तक बिजली महंगी करने की याचिका 30 नवम्बर तक आयोग के पास दाखिल कर दी जाएगी। पावरकाम ने जब भी अगले वर्ष के लिए बिजली महंगी करनी होती है तो उसको इसकी मंज़ूरी लेने के लिए वर्ष के नवम्बर महीने में अपनी याचिका पंजाब बिजली अथारिटी के पास याचिका दाखिल करनी पड़ती है। इस याचिका में पावरकाम कोयला द्वारा वार्षिक अधिक घाटे के अंतर को बताकर ही बिजली महंगी करने के लिए दरें तय करने की मंज़ूरी मिल जाती है। कुछ समय से कोयला महंगा होने के कारण पावरकाम ने गत दिवस 5 पैसे प्रति यूनिट बिजली महंगी कर दी थी परंतु कुछ माह पहले पावरकाम पर 2800 करोड़ रुपए का वह खर्च पड़ गया था जोकि कोयला कंपनी को दिया जाना है। कंपनी को कोयले की धुलाई सहित अन्य खर्चों का भुगतान करना पड़ा है। जिस कारण इतनी बड़ी रकम का भुगतान करने के लिए पावरकाम पर भार पड़ गया है। इसके अतिरिक्त पावरकाम के पास इस समय बिजली की मांग 6000 मैगावाट के लगभग ही रह गई है  जबकि पड़ते सीज़न में यह मांग 11500 मैगावाट तक चली गई थी। पावरकाम के पास इस समय अधिक बिजली है। अपने थर्मल प्लांट के कई यूनिट बंद कर पावरकाम इस समय निजी थर्मल प्लांट से बिजली प्राप्त कर रहा है परंतु बिजली का प्रयोग न करने के कारण तो पावरकाम को दोहरा खर्च पड़ रहा है यदि वह निजी थर्मल प्लांट से पूरी बिजली नहीं लेता है तो उसको बिना प्रयोग किए ही करोड़ों रुपए का भुगतान कंपनियों को करना पड़ता है। बिजली विशेषज्ञ  भी यह सवाल उठा रहे हैं कि इस समय देश में बिजली की कीमतें काफी नीचे आ गई है। पावरकाम को बिना बिजली प्रयोग किए भुगतान कंपनियों को करना पड़ रहा है। तो वह फालतू बिजली को उद्योगों को सस्ते भाव में सप्लाई क्यों नहीं करता। इससे बिजली की खपत भी हो जाएगी और इसके साथ उपभोक्ताओं पर बिजली महंगी करने का भार भी नहीं पड़ेगा। देश भर के राज्यों में पंजाब की संख्या उन राज्यों में होती है जहां घरेलू बिजली भी कई गुणा महंगी है।