सितम्बर के बाद नहीं मिली सस्ती गेहूं, लोग ले रहे हैं महंगा आटा

जालन्धर, 6 जनवरी (शिव शर्मा): खाद्य सुरक्षा एक्ट के तहत ज़रूरतमंदों को दी जाने वाली 2 रुपए किलो वाली गेहूं का वितरण रुकने के कारण लोग महंगा आटा खरीद रहे हैं जिस कारण डिपो मालिकों का कहना था कि गेहूं की सप्लाई अभी शुरू न होने के कारण लोग उन्हें बार-बार गेहूं जारी करने की मांग कर रहे हैं जबकि उनके पास अभी तक गेहूं की सप्लाई नहीं आई है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा वर्ष 2019 के सितम्बर महीने में अंतिम बार 2 रुपए किलो वाली गेहूं का वितरण किया गया था। राज्य भर में 30 लाख के करीब परिवारों को सस्ती गेहूं का वितरण किया जाता है। गेहूं 6 माह के लिए दी जाती है। अगले गेहूं का वितरण अक्तूबर या नवम्बर महीने से देने की प्रक्रिया शुरू की जानी थी जो लोग 2 रुपए किलो वाली गेहूं के हकदार हैं और वह बाज़ार से 30 रुपए किलो वाला आटा ले रहे हैं। लोग महंगा आटा लेने से बचने के लिए डिपो मालिकों को बार-बार गेहूं देने की मांग करते हैं। कई डिपो मालिकों का कहना था कि जब इस बारे वह जानकारी हासिल करते हैं तो उन्हें बताया जाता है कि जो लोग सस्ती गेहूं प्राप्त करते हैं, उनमें सही ज़रूरतमंदों को ही गेहूं मिले, इसलिए इसकी जांच का काम चल रहा है। पंजाब राज्य डिपो होल्डर यूनियन के महासचिव  कर्मजीत सिंह अरेजा ने बताया कि जब वह गेहूं की सप्लाई बारे जानकारी लेते हैं तो उन्हें कहा जाता है कि जांच का काम भी चल रहा है परंतु सप्लाई के समय में देरी होने के कारण लोग उलटा महंगा आटा ले रहे हैं। अरेजा ने कहा कि लोगों को दूसरे राज्यों की तरह लोगों को एक-एक माह की गेहूं देनी चाहिए।