आटा गूंथना भी एक कला है

प्राय: सभी गृहिणियां सुबह-शाम आटा गूंथती हैं मगर आटा गूंथना भी सबके बस की बात नहीं है। चौंक गई न आप, जी हां, कई महिलाएं रोजाना आटा गूंथती तो हैं मगर उनको ठीक अनुपात का पता ही नहीं होता। वे कभी सख्त तो कभी अधिक नरम आटा गूंथ देती हैं जिससे रोटी बेलने में परेशानी भी होती है और रोटी का आकार भी अच्छा नहीं बनता। आइए, आपको इस कला के रहस्य से अवगत कराएं।
परांठे के लिए
वैसे तो परांठे विभिन्न प्रकार के बनाए जाते हैं जैसे आलू के परांठे, मूली के परांठे मेथी के परांठे, गोभी के परांठे आदि मगर रोजाना प्रयोग में सादे परांठे ही बनाए जाते हैं। सादा परांठों के लिए आटा गूंथते समय यदि थोड़ा दूध डाल दिया जाए तो परांठे नरम बनेंगे। अजवायन व नमक भी डाल सकती हैं।  
सादी रोटी के लिए
सादी रोटी बनाने के लिए आटा न अधिक नरम हो व न ही अधिक सख्त। इसके  लिए बराबर अनुपात में पानी डालें। आटे का अनुपात भी सही रखें। छोटी-छोटी लोइयां बनाकर चकले पर गोल आकार में बेले व तवे पर पकायें। ध्यान रखें कि आंच न अधिक धीमी हो और न ही तेज।
रोल वाली रोटी
आटे में सही अनुपात में पानी मिलाकर नरम आटा गूंथें। छोटी लोई लेकर पतले व गोल आकार में बेल लें। पूरी रोटी पर घी लगाएं व लपेट कर रोल बना लें। रोल को दोबारा लोई बनाकर बेलें व धीमी आंच पर सेंक लें।
पूड़ी के लिए
पूड़ियां बनाने के लिए आटे में थोड़ा घी मिलाएं। ध्यान रहे कि घी पूरे आटे में मिल जाए। अजवायन व बेसन भी मिलाया जा सकता है। थोड़ा पानी डालकर आटे को सख्त गूंथ कर अच्छी प्रकार मथ लें। छोटी-छोटी लोइयां बनाकर छोटे व गोल आकार में बेलें व घी में तलें।(उर्वशी)