गेहूं-चावल व दालें थोक में हुई सस्ती : महंगाई का ढोल फर्जी

नई दिल्ली, 19 जनवरी (एजेंसी): गत सप्ताह गेहूं, चावल सहित थोक में दालें सभी मंडियों में मंदी रही, लेकिन कुछ प्रचारकर्ता महंगाई का ढोल पीटते रहे। एफसीआई गेहूं के रेट शीघ्र घटने की आशंका से 20 रुपए घटने के बाद अंतिम टेंडर पुराने भाव पर हुए। अंतिम दिन सरकार द्वारा इसके भाव 110/165 रुपए प्रति क्विंटल क्वालिटीनुसार घटाने की घोषणा कर दी। फलत: 15/20 रुपए और घट गये। इसी तरह बारीक चावल में निर्यात के अभाव में 100/200 रुपए का और मंदा आ गया। मोटे चावल भी 25/50 रुपए घट गये। मक्की, बाजरे में भी नरमी लिये बाजार बंद हुआ। इसके अलावा मूंग, उड़द, तुअर, चना 50/100 रुपए ऊपर के भाव से घट गये। दालें भी 100/200 रुपए नीचे आ गयी। आलोच्य सप्ताह दिल्ली-एनसीआर सहित देश की सभी मंडियों में यह चर्चा जोरों पर थी कि सरकार द्वारा ओएमएसएस में बेचे जाने वाले गेहूं के भाव 160/165 रुपए प्रति क्विंटल घटाये जाने की योजना बन चुकी है, जिसके चलते 15/20 रुपए थोक गेहूं लॉरेंसरोड पर मंदा हो गया। मिल व चक्की पहुंच में गेहूं 2340/2355 रुपए प्रति क्विंटल रह गया, लेकिन सप्ताह के उत्तरार्ध में एफसीआई से होने वाले टेंडर पुराने भाव 2245 रुपए प्रति क्विंटल में होने से बाजार फिर पांच रुपए मजबूती लिये बंद हुआ, जबकि आटा, मैदा, सूजी व चोकर के भाव 20 रुपए प्रति 50 किलो दबे रहे। शनिवार को सरकार ने एफसीआई के बाहर शेड में पड़े गेहूं को 160/165 रुपए तथा गोदाम के 110 रुपए घटाकर बिकवाली किये जाने से 20 रुपए और घट गये।  इधर बासमती प्रजाति के सभी चावल भी ईरान, अफगानिस्तान, अमरीका तनाव के चलते निर्यात प्रभाववित होने से 100/200 रुपए प्रति क्विंटल घट गया।  इन सबके बावजूद ग्राहकी कमजोर होने से 100 रुपए घटकर 1121 सेला चावल 5300/5400 रुपए एवं 1509 सेला 5050/5100 रुपए रह गया। इसी अनुपात में स्टीम चावल में भी मंदे का दौर  बना रहा। उधर बिहार के मुजफ्फरपुर, सिवान, पटना, बेगुसराय लाइन से सोनीपत, पानीपत करनाल पहुंच में मोटे धान 30/40 रुपए घटकर 1640/1670 रुपए में व्यापार हो गया।