एक्ंिटग के अलावा मुझे कुछ और आता नहीं   सैफ अली खान

लीक से हटकर फिल्में हों या फिर वेब सिरीज, हीरो हो या विलेन, किसी तरह का किरदार निभाने में सैफ अली खान ने कभी गुरेज़ नहीं किया। यदि कैरियर के शुरूआत में 2-3 साल छोड़ दिये जायें तो उन्होंने अपनी फिल्मों और किरदारों में बेधड़क होकर हमेशा खूब प्रयोग किये। पिछली फिल्म ‘तानाजी: द अनसंग वॉरियर’ में सैफ अली खान उदयभान के बेहद स्ट्रांग नेगेटिव रोल में थे लेकिन अपने बेहद खूबसूरत और उम्दा काम से उस किरदार में उन्होंने ऐसी रौनक बख्शी कि दर्शक दंग रह गये। यह किरदार उनके कैरियर के लिए ‘लार्जर दैन लाइफ’ साबित हुआ। इसके पहले भी सैफ अली खान, अजय देवगन के साथ ‘ओमकारा’ में एक माइंड ब्लोइंग विलेन लंगड़ा त्यागी का खूबसूरत किरदार निभा चुके हैं।   रानी मुखर्जी और सैफ अली खान की ऑन स्क्रीन कैमिस्ट्री बेहद शानदार रही है। अब दोनों फिर एक साथ ‘बंटी और बबली 2’ में नजर आएंगे। यह छोटे शहर के आज के दौर की कहानी है। इसमें सैफ अली खान और रानी मुखर्जी शौहर-बीवी के किरदार में हैं। प्रस्तुत हैं सैफ अली खान के साथ की गई बातचीत के मुख्य अंश:
एक लंबे अरसे बाद, अजय देवगन के साथ ‘तानाजी’ में काम करने का अनुभव कैसा रहा ?
-मैंने इसमें जो किरदार निभाया, इसके पहले उस तरह का किरदार कभी नहीं निभाया। फिल्म के हर सीन में थोड़ा बहुत ड्रामा था। खासकर मेरे किरदार की एक अलग ही चाल थी। वह थोड़ा पागल भी था। उसकी बात करने का ढंग भी बिलकुल अलग था। कुल मिलाकर बहुत ही थिएट्रिकल परफॉर्मेंस थी। मैं कोई थियेटर एक्टर नहीं हूं, इसलिए इसे निभाने में थोड़ा डर भी महसूस हो रहा था। सबसे बड़ा खतरा किरदार में ओवर हो जाने का था लेकिन खुदा का शुक्र  है कि ओम राउत (फिल्म के निर्देशक) ने संभाल लिया और सब कुछ ठीक ठाक हो गया।  
एक अभिनेता के तौर पर पहले के मुकाबले कितना ज्यादा बेहतर महसूस कर रहे हैं ?
-मैं एक्टिंग के लिए बहुत ज्यादा उत्साही हूं क्योंकि मुझे पता है कि इसके अलावा मैं कुछ और नहीं कर सकूंगा। मैं रोज सुबह जब उठता हूं तो मेरी कोशिश यही होती है कि पिछले दिन से कुछ बेहतर और नया कर सकूं। मुझे अच्छे अवसर मिल रहे हैं लेकिन पहले से मैं कितना बेहतर हुआ हूं, यह बात मुझसे ज्यादा दूसरे लोग बता सकेंगे। 
 आप काफी सोच समझकर सिर्फ कमर्शियल जोन में ही जोखिम उठा रहे हैं ? 
-मुझे मजा आ रहा है इसलिए एक्टिंग में हूं और जिस सीमा तक एंजॉय कर सकता हूं बस वहीं तक जोखिम उठाता हूं। मेरी किस्मत अच्छी है कि जितना जोखिम मैं उठा सकता हूं, उसी केलिबर के किरदार मुझे मिल भी रहे हैं। मुझे ज्यादा एक्सपेरीमेंट नहीं करना है। (अदिति)