नव वर्ष , अधूरी उमंगें एवं संकल्प  2021

हर वर्ष की तरह एक बार फिर हम नये वर्ष का स्वागत करते हैं। इसी आमद पर हर वर्ष की तरह दिल में खुशियां, तंदुरुस्ती और खुशहाली के लिए प्रार्थनाएं करते हैं। जैसा कि हम सभी जानते है कि वर्ष 2020 हम सभी की ज़िन्दगी में एक ऐतिहासिक वर्ष की तरह माना जायेगा। कोरोना काल जिसका अंदाज़ा देश ही नहीं, दुनिया भर में बड़े से बड़े विशेषज्ञ भी नहीं लगा सके, ने सभी की ज़िन्दगी बदल कर रख दी। कोरोना ने कई परिवारों को ही उजाड़ दिया। कोरोना से राहत मिलने और ज़िन्दगी को पुन: शुरू करने की उम्मीद की किरण का इंतज़ार करते हुए पूरा वर्ष ही निकल गया। कोरोना वर्ष होने के कराण कुछ अपने साथ 2020 से संबंधित किये गए संकल्प इस वर्ष के अन्य कई लक्ष्य अधूरे ही रह गए होंगे लेकिन इस महामारी ने हमें ज़िन्दगी का एक ऐसा महत्वपूर्ण सबक सिखा दिया है कि किसी भी समय ज़िन्दगी में हमारे परिवार को बहुत कड़ी परीक्षा के दौर में से गुज़रना पड़ सकता है और इसके लिए हमें शारीरिक तौर पर, जज़्बाती तौर पर और मानसिक तौर पर मज़बूत रहना पड़ेगा। 2020 में हमारी लक्ष्य हासिल करने की क्षमता पर ज़रूर असर हुआ है लेकिन लक्ष्य बनाने पर कोई असर नहीं पड़ा। ज़िन्दगी की तेज़ रफ्तार गाड़ी कभी नहीं रुकती। अत: हमें भी इसके साथ-साथ वर्तमान और भविष्य की योजनाबंदी करनी पड़ेगी। हमें अन्य यर्थातक लक्ष्यों की तैयारी करनी पड़ेगी। नये वर्ष के नए उदय होते सूर्य की तरह हमें भी अपने मन को एक बार फिर तरो-ताज़ा करना होगा। नई उम्मीदों की सांस भरिए।अभी भी कोरोना खत्म नहीं हुआ। वैक्सीन की उपलब्धि के लिए देश-विदेश स्तर पर वितरण का काम काफी तेज़ी के साथ हो रहा है। जब तक वैक्सीन उपलब्ध नहीं होती तब तक हमें पूरी सावधानी से रहना पड़ेगा। लेकिन इस वर्ष को बेकार नहीं होने देना और नये वर्ष का स्वागत पूरे सकारात्मक और खुले दिल से करना है। परन्तु वास्तव में इस वर्ष के कोरोना दौर में हम महिलाओं ने बहुत हिम्मत और कुशलता के साथ घर चलाया। रसोई से लेकर बच्चों की पढ़ाई और लाकडाऊन में छोटे-बड़े से संबंधित आवश्यकताओं का पूरा ध्यान रखा। इसीलिए इस नये वर्ष में कोई बहुत बड़े सैद्धांतिक संकल्प हम अपने मन में नहीं सोचेंगे लेकिन जो गत कोरोना वर्ष में हमें हकीकत ने सिखाया, हम उसको ज़िन्दगी भर के लिए एक शिक्षा मानेंगे। सबसे बड़ा संकल्प यह है कि पैसों की बचत करनी और फिज़ूल खर्ची नहीं करनी। इसके बारे 2020 में सबसे अधिक  हमें यह सिखाया है कि ज़िन्दगी में किसी भी समय ऐसा मोड़ आ सकता है, जहां कामकाज रुक जाए तो बचत की हुई पूंजी ही उस समय का सहारा बनती है। 
बेसहारों की सहायता करना
2020 में जितने लोग काम से वंचित हुए लेबर या सहायक उनकी सहायता हर किसी ने अपनी ओर से की चाहे वे कपड़े, खाना या पैसे देकर हुई हो या किसी अन्य रूप में की गई मदद के द्वारा ही वे लोग अपनी ज़िन्दगी की गाड़ी चला सके और अपनी मंज़िलों तक पहुंच सके। सहायता सिर्फ कुछ देना ही नहीं बल्कि छोटे दुकानदारों और मेहनत करके पेट पालने वाले लोगों से बिना सौदेबाज़ी किये कुछ खरीदना भी एक तरह सहायता ही होता है, जिससे वे उत्साहित हों और सच्ची मेहनत करें न कि गलत काम करके पैसे कमाएं। अत: इस वर्ष यह संकल्प ज़रूर लें कि किसी भी रूप में ज़रूरतमंद और मेहनती इन्सान की मदद ज़रूर करनी है। सबसे महत्वपूर्ण चीज़ जो हमेें जाते-जाते कोरोना वर्ष सिखा गया, वह यह है कि अपने-आप को स्वस्थ रखना बहुत ज़रूरी है। जितने हम अंदर और बाहर से स्वास्थ होंगे उतनी ही हमारी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और कोरोना जैसी बीमारियों से लड़ने में सफल रहेंगे। अत: इस वर्ष यह संकल्प लें कि व्यायाम, स्वस्थ और पौष्टिक भोजन का अधिक ध्यान रखना है। एक महिला जो इन सब चीज़ों को खुद पर लागू करती है तो वह अपने आप ही सभी पारिवारिक सदस्यों पर लागू हो जाती है। अक्सर देखा गया है कि हमारे डाक्टरों, स्वास्थ्य योद्धाओं को वास्तविक ज़िन्दगी में अपने काम में मरीज़ों और लोगों का इलाज करने के समय बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ा है। 2020 में हमारे डाक्टर, अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी और पुलिस विभाग आदि सभी ने दिन-रात एक करके लोगों का ध्यान रखा। अपने परिवारों और घरों की चिन्ता किये बिना दिन-रात लोगों की सेवा में जुटे रहे। हम सभी का यह दायित्व बनता है कि ऐसे सभी लोग विशेष तौर पर, जो ज़मीन पर फरिश्तों की तरह थे, का सम्मान करें। उनकी ओर से किए गए इलाज पर विश्वास रखें, इस व्यवसाय की इज़्जत करें। हमारे समाज में भिन्न-भिन्न व्यसायों से जुड़े लोग हमारी ज़िन्दगी को आसान और सुखद बनाने के लिए अपना योगदान डालते हैं चाहे कृषि का क्षेत्र हो, स्वास्थ्य से संबंधित काम का या फिर मीडिया का, हर क्षेत्र के अपने-अपने लक्ष्य और दायरे होते हैं। अगर हम अपने दायरे में रहते हुए एक-दूसरे के काम का सम्मान करेंगे और बाकी सभी को ऐसा करने के लिए प्रेरित करेंगे तो सुनिश्चित तौर पर समाज में बड़ा सकारात्मक बदलाव आ सकता है।  अत: इस वर्ष हम पिछले वर्ष से सीखे नये सबक के आधार पर अपने लक्ष्य निर्धारित करें और संकल्प लें, जिससे हमारे और हमारे परिवार की ज़िन्दगी और बेहतर बनेगी। हमारा, हमारे परिवार का, समाज का बौद्धिक विकास होगा। एक बार पुन: सभी को नये वर्ष की शुभकामनाएं।