कनाडा का पंजाबी पहलवान अमर ढेसी

2021 की 23 जुलाई से शुरू होने वाली टोक्यो ओलम्पिक के लिए कनाडा का 25 वर्षीय पंजाबी पहलवान अमर सिंह ढेसी भाग ले रहा है। कनाडा में जन्मा होने के कारण प्रतिनिधित्व वह कनाडा का करेगा परन्तु उसकी पूरी तैयारी अमरीका करवा रहा है। उसकी कोचिंग, खुराक, रिहायश, माया के गफ्फे तथा अन्य सुविधाएं अमरीका ने प्रदान की हुई हैं। अमर ढेसी पहलवानी में दोआबा के प्रसिद्ध गांव संघवाल के पहलवान और वैनकूवर ‘खालसा रैसलिंग क्लब’ के संचालक बलवीर सिंह शीरी का बेटा है। 3 वर्ष की आयु में अमर ढेसी पिता शीरी के साथ ‘खालसा रैसलिंग क्लब’ के  साथ जुड़ गया था। स्कूलों, कालेजों और यूनिवर्सिटियों के मुकाबले लड़ते हुए उसने कनाडा के विभिन्न मुकाबलों मे 6 गुर्ज जीते। जैसे बाल केसरी, कनाडा कुमार, कनाडा केसरी (तीन गुर्ज), रुस्तम कनाडा और कनाडा मल्ल-सम्राट।  अमल ढेसी पढ़ाई करने अमरीका आया था और अमरीका की आर्गिन स्टेट यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के साथ-साथ कुश्ती की। उसकी पढ़ाई और कुश्ती के दांवपेच, रंग-ढंग और चुस्ती-फुर्ती देखते हुए कोचों की नज़रों में आ गया। इस समय वह अमरीका की ओहारियो स्टेट के ‘क्षेत्रीय प्रशिक्षण केन्द्र’ में एक वर्ष से अधिक समय से कोचों से प्रशिक्षण ले रहा है। न्यूयार्क में ‘न्यूयार्क एथलैटिक्स क्लब’ द्वारा करवाये गए मुकाबलों में 4 कुश्तियां जीता और एक हारा तथा कांस्य पदक प्राप्त किया। इसी तरह ही रोम (इटली) के सैमीफाइनल मुकाबलों में रशिया के दो पहलवानों को हराया और अंतिम कुश्ती में तीन बार के विश्व चैम्पियन को हरा कर स्वर्ण पदक जीता। ओटावा मुकाबलों में अमरीका की ओर से टोक्यो ओलम्पिक के लिए कड़ा मुकाबला था। पेन-अमरीकन द्वारा करवाई गईं इन खेलों में तीन पहलवानों को 10-0 के अंतर से हरा कर शीर्ष के अंतिम दो पहलवानों के कड़े मुकाबले में विजेता रहा और ओपन वेट की सीनियर कुश्ती के लिए ओलम्पिक के लिए चुना गया। अमरीका को अब उस पर बड़ी आशाएं हैं। अमरीका उसके लिए दिल के सभी दरवाज़े खोल कर खड़ा है। तीन बार का गोल्ड मैडलिस्ट बुल्गारियन कोच उसकी पूरी तैयारी करवा रहा है। दिन में दो या तीन बार उसकी मेहनत होती है। रविवार सिर्फ आराम, मसाज या थरैपी के लिए है। दुआ करते हैं कि अमर ढेसी हर मैदान फतेह करे और अमरीका द्वारा तैयार किया जा रहा पहलवान कनाडा के लिए उपलब्धियां प्राप्त करके आए। अमरीका और कनाडा देशों की सरकारों का नाम रौशन करे और विश्व में बसते करोड़ों पंजाबियों का सिर गर्व से ऊंचा करे।