ऐसे करें कीमती साड़ियों की देखभाल

रेशमी व जरी की साड़ियां ज्यादातर शादी-विवाह, पार्टी या पर्व त्यौहार पर ही पहनी जाती हैं और ऐसे समय में ही जाने-अनजाने चिकनाई या सब्जी का निशान, कॉफी या चाय का दाग उस पर पड़ जाता है। अगर कुछ बातों का ध्यान रखें तो उनके दाग-धब्बे छुड़ाने, उन्हें धोने और सहेज कर रखने में आपको आसानी होगी। 
= भारी काम वाली साड़ियों को यथासंभव अलमारी में हैंगर पर टांग कर रखना चाहिए।
= अलमारी में पीछे की ओर ओडोनिल का पैकेट रखने से कीड़े लगने का भय नहीं रहता।
= कभी भी इन भारी साड़ियों के मध्य में गंध वाले कीटनाशक जैसे नेप्थलीन बॉल्स इत्यादि न रखें। इससे जरी काली पड़ने का भय रहता है।
= साड़ी की तह हमेशा उल्टी ही करें अर्थात् जरी का हिस्सा तह करने में अंदर की ओर रहे। इस प्रकार जरी आपस में रगड़ नहीं खाएगी।
= अलमारी में टंगी अथवा संदूक में रखी इन साड़ियों की तह थोड़े अंतराल के पश्चात बदलते रहना चाहिए। अधिकतर चंदेरी, आरगंडी या बनारसी साड़ियां एक ही तह में लंबे समय तक रखने से वे मोड़ पर से फट जाती हैं।
=यदि इन साड़ियों पर हल्का-सा दाग लग भी जाए और उसे छुड़ाने का सही तरीका मालूम हो तो सिर्फ उसी स्थान को साफ कर लें। पूरी साड़ी कभी न धोएं। यदि साड़ी ज्यादा गंदी दिखे तो यथासंभव ड्राइक्लीन करवाने का प्रयत्न करें।
= इन साड़ियों को छाया में ही सुखाएं और हल्की नमी शेष रहने पर ही इस्तरी कर लें। इस्तरी करते समय साड़ी पर पतला कपड़ा रखें।
= रेशमी व जरी की साड़ियों में कलफ गोंद का ही लगाया जाता है। एक साड़ी के लिए दो लिटर पानी में एक चम्मच गोंद डालकर मिलाएं। फिर साड़ी उसमें कुछ क्षणों के लिए डुबोकर बहुत ही हल्के हाथ से दबाकर निकाल दें और धीरे से रस्सी पर फैला दें।  इन सावधानियों का ध्यान रखने से आपकी कीमती साड़ियां हमेशा नई व चमकदार बनी रहेंगी और अपनी चमक से आपकी सुंदरता में चार चांद लगाती रहेेंगी। (उर्वशी)