सेल्समैन से एक्टर बनने तक का स़फर अरशद वारसी

 बचपन में ही अरशद के सिर मां-बाप का साया उठ गया था। अरशद की शुरुआती शिक्षा नासिक, महाराष्ट्र में हुई थी।  अरशद ने एक सेल्समैन से बॉलीवुड के बेहतरीन एक्टर बनने तक का सफ र पूरा किया है।   मां बाप के गुजर जाने के बाद अरशद को काफ ी उतार चढ़ाव देखने पड़े। अपनी जिंदगी गुजारने के लिए अरशद ने 10वीं के बाद पढ़ाई को छोड़कर अपना सारा ध्यान पैसे कमाने में लगा दिया था। 1987 में आई फि ल्म ठिकाना और काश के गानों को कोरियोग्राफ  करने का मौका मिला। कोरियोग्राफी  में कामयाबी हासिल होने के बाद उन्हें बतौर एक्टर 1996 में फि ल्म ‘तेरे- मेरे सपने’ में काम करने का मौका मिला। अरशद की किस्मत यहां भी रंग लाई और फि ल्म बॉक्स ऑफि स पर हिट साबित हुई। सबसे बड़ी बात यह है कि इस फिल्म में मौका उन्हें जया बच्चन ने दिया था। साल 2003 में उनके करियर का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट आया।  उन्हें राजकुमार हिरानी निर्देशित फि ल्म मुन्नाभाई एमबीबीएस में बड़ा ब्रेक मिला। यहां से उन्हें अरशद की जगह सर्किट के नाम से नई पहचान मिली  अरशद का कॉमिक स्टाइल निर्देशक रोहित शेट्टी को बेहद पसंद है ।