भारत ने तोड़ा ऑस्ट्रेलिया की जीत का सिलसिला

क्या वह नो-बॉल थी या नहीं? इस पर हमेशा बहस होती रहेगी, लेकिन मैक्काय के ग्रेट बैरियर रीफ एरीना में 24 सितम्बर को भारत व ऑस्ट्रेलिया की महिला क्रिकेट टीमों के बीच हुए दूसरे एकदिवसीय मैच में यह हुआ। भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 50 ओवर में 275 रन बनाने का लक्ष्य दिया था। ऑस्ट्रेलिया 5 विकेट खोकर 49.5 ओवर में 272 रन बना चुका था। अब अंतिम गेंद पर उसे जीत के लिए 3 रन बनाने थे। यह गेंद भारत की तेज़ गेंदबाज़ झूलन गोस्वामी को देनी थी। गोस्वामी ने फुल-टॉस गेंद की, निकोला कैरी ने उसे पुल किया और मिड-विकेट पर कैच पकड़ लिया गया लेकिन थर्ड अम्पायर ने उस गेंद को वेस्ट-लाइन से ऊपर कहा और नो-बॉल करार दिया। भारतीय खेमा इस बात से सहमत नहीं था, फिर भी निर्णय तो हो चुका था। अब लक्ष्य में न सिर्फ  एक रन कम हो गया था बल्कि फ्री हिट भी थी और कैरी ने गोस्वामी की अगली गेंद को मिड-विकेट पर ही मार कर दो रन ले लिए। नतीजतन ऑस्ट्रेलिया ने एकदिवसीय मैच में अपनी रिकॉर्ड लगातार 26वीं जीत का जश्न मनाया, जिसमें सलामी बल्लेबाज़ बेथ मूनी के शानदार 125 नाबाद रन भी थे। मूनी ने अपने शानदार शतक के दौरान यह रिकॉर्ड भी बनाया। वह महिला क्रिकेट में एकदिवसीय मैच के दौरान पूरे 100 ओवर तक मैदान में रहने वाली पहली खिलाड़ी बनीं। चूंकि ऑस्ट्रेलिया पहला मैच भी जीत चुका था, इसलिए शृंखला का तीसरा व अंतिम मैच डेड रबर था कि उसके नतीजे से सीरीज के परिणाम पर कोई अंतर नहीं पड़ने वाला था सिवाये इसके कि हार-जीत का अंतर कम या ज्यादा हो जाता लेकिन अंतर्राष्ट्रीय मैच तो फिर भी महत्वपूर्ण होता है क्योंकि देश की साख दांव पर लगी होती है और उससे विश्व रैंकिंग पर भी फर्क पड़ता है। फिर भारत को ऑस्ट्रेलिया की जीत का सिलसिला भी तो तोड़ना था। बहरहाल, सीरीज का तीसरा व अंतिम मैच भी कोविड-19 प्रोटोकॉल के चलते ग्रेट बैरियर रीफ एरीना में ही 26 सितम्बर को खेला गया। टॉस जीतकर ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाज़ी करने का निर्णय लिया और एशले गार्डनर (67) व बेथ मूनी (52) के अर्द्धशतकों की मदद से उसने भारत के समक्ष 265 रन का लक्ष्य रखा। अब भारत को जीत के लिए रिकॉर्ड चेज दर्ज करनी थी, क्योंकि अब से पहले वह सिर्फ  248 रन का ही सफलतापूर्वक पीछा कर सका था, जो उसने 11 सितम्बर 2019 को वड़ोदरा में दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध 48 ओवर में 5 विकेट गंवाकर हासिल किया था। ग्रेट बैरियर रीफ एरीना में रिकॉर्ड 265 रन का पीछा करने में यस्तिका भाटिया (64) व शेफाली वर्मा (55) के अर्द्धशतकों ने ठोस आधार रखा और अंतिम ओवर में जब भारत को चार गेंदों में जीत के लिए चार रन बनाने थे तो 38 वर्षीय गोस्वामी ने चौका जड़कर भारत को दो विकेट से जीत दिला दी। इस तरह अपने आल-राउंड खेल से गोस्वामी मात्र 48 घंटे के भीतर ज़ीरो से फिर हीरो बन गईं। इस तरह ऑस्ट्रेलिया का जो पिछले चार वर्ष से जीत का सिलसिला चल रहा था, जिसमें उसने रिकॉर्ड लगातर 26 मैच जीते, उसे भारत ने तोड़ दिया। वैसे यह सिलसिला भारत के विरुद्ध ही मार्च 2018 में आरंभ हुआ था। बहरहाल, ऑस्ट्रेलिया की जीत के सिलसिले को तोड़ने पर भारत की कप्तान मिथाली राज ने कहा, ‘हम बहुत खुश हैं। मैं लड़कियों को बता रही थी कि ऑस्ट्रेलिया ने अपनी जीत का सिलसिला भारत के विरुद्ध ही आरंभ किया था 2018 में भारत ही में और अब हमने उसी की धरती पर इस सिलसिले को तोड़ दिया है।’ ज़ीरो से हीरो बनीं गोस्वामी का कहना है, ‘हम सिर्फ  पिच पर रहकर गेम को फिनिश करने की कोशिश कर रही थीं। दूसरे एकदिवसीय में गेंदबाज़ों के लिए (ओस के कारण) कठिन था, लेकिन तीसरे एकदिवसीय में सीनियर गेंदबाज़ होने के कारण मुझे अपनी ज़िम्मेदारी समझते हुए नई गेंद का सही से इस्तेमाल करना था। मैंने मेघना से कहा कि अंतिम गेंद तक ठहरना सुनिश्चित करना है।’ गोस्वामी को ‘प्लेयर ऑफ  द मैच’ दिया गया। उच्च गुणवत्ता का हरफनमौला खेल दिखाकर गोस्वामी ने साबित कर दिया है कि वह अगले वर्ष न्यूज़ीलैण्ड में होने वाले एकदिवसीय विश्व कप में भारत की मुख्य खिलाड़ी होने जा रही हैं। यह विश्व कप गोस्वामी के करियर की अंतिम अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता होगी।

-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर