लोक-लुभावन वायदे और आम मतदाता

देश के पांच राज्यों में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों ने अपने तरकश में तीर सजाने शुरू कर दिए हैं। नेताओं की रैलियों, दौरों का आगाज़ हो चुका है। उ.प्र., पंजाब, उत्तराखंड और गोवा की तरह मणिपुर में राजनीतिक दलों ने लुभावने वायदों का पिटारा खोल दिया है। पिछले दिनों आए एक सर्वे में उ.प्र., उत्तराखंड और गोवा की तरह मणिपुर में भाजपा की पुन: वापसी के संकेत के बावजूद पार्टी उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड में जबरदस्त रूप से ज़ोर लगाए है। दिल्ली में सत्ता संभालने वाले केजरीवाल की पार्टी की बात करें या फिर हाशिये पर चल रही राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस, उ.प्र. की सपा की बात करें या फिर राष्ट्रीय लोक दल से, यहां तक कि भाजपा और क्षेत्रीय दलों द्वारा मुफ्त योजनाओं के अलावा अनेक प्रकार के वायदे किये जा रहे हैं। बेरोज़गारी और महंगाई जैसे मुद्दों पर कोई भी दल स्पष्ट घोषणा नहीं कर पा रहा है जबकि इन पांच राज्यों में किसानों के अलावा बेरोज़गारी और महंगाई का मुद्दा आम जनमानस के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुका है। ऐसे में हम चुनाव सर्वे और पार्टियों के लोक लुभावन वायदों पर नज़र डालें तो पता चलेगा कि रैलियों की भारी भीड़ के बावजूद जनता की चुप्पी को लेकर सभी संशकित हैं। 
फिलहाल चुनावी सर्वेक्षण के अनुसार सबसे पहले उत्तर प्रदेश की बात की जाए तो आगामी लोकसभा की तस्वीर उत्तर प्रदेश से ही तैयार होगी। ऐसे में सबसे ज्यादा नज़रें इस बार उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर हैं। वहां कुल 403 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। कुछ लोग मान रहे हैं कि इस बार उ.प्र. में भाजपा दोबारा लौट कर रिकॉर्ड बनाएगी और कुछ को अखिलेश यादव के आने की उम्मीद है। उ.प्र. में भाजपा को 213 से 221 सीट मिलने का अनुमान है जबकि, अखिलेश यादव की सपा को 152-160 सीट मिल सकती हैं। इस सर्वे में मायावती की बसपा को 16-20 सीट मिलने की बात कही गई है और कांग्रेस के हिस्से 6-10 सीट आ सकती हैं। उत्तर प्रदेश में जहां भाजपा व सपा में कड़ा मुकाबला है, वहीं उत्तराखंड में भाजपा के सामने कांग्रेस एक चुनौती है। यहां भाजपा को प्रदेश में 36-40 सीट मिलेंगी जबकि कांग्रेस को 30-34 सीट मिलने का अनुमान है। आम आदमी पार्टी के खाते में 0-2 सीटें आ सकती हैं। गोवा में सीधे-सीधे भाजपा के लौटने के आसार हैं। भाजपा के खाते में 19-23 सीटें आती दिख रही हैं जबकि कांग्रेस 2-6 सीट पाकर सिमटती दिख रही है। ‘आप’  को यहां 3-7 सीट मिलेंगी और अन्यों के खाते में 8-12 सीटें आएंगी। मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी के लौटने के आसार हैं। सर्वे में 25-29 सीट भाजपा के खाते में, 20-24 सीट कांग्रेस के हिस्से में वहीं एनपीएफ  को 4-7 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं। 
पंजाब में न भाजपा और न ही कांग्रेस के पास सत्ता आती दिख रही है बल्कि अनुमान है कि इस बार आम आदमी पार्टी बाजी मारेगी। कांग्रेस ने 2017 में वहां 70 सीट पर विजय प्राप्त की थी लेकिन अब 42 से 50 सीटों में वह सिमटते दिख रही है। चुनाव में आम आदमी पार्टी को 47 से 53 सीट मिल सकती हैं और भाजपा को यहां 16 से 24 सीट के बीच सीट पाकर ही संतोष करना पड़ेगा। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि इन चुनावों में फिर राजनीतिक दलों द्वारा घोषणा पत्रों और रैलियों में ऐसे वायदे क्यों किए जा रहे हैं, जिन्हें पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी पूरा न किया जा सके।
 बहरहाल अभी तक राष्ट्रीय लोकदल ने 2022 में 22 संकल्प के रूप में अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी किया है। इसमें उन्होंने एक करोड़ युवाओं को रोज़गार के साथ ही किसानों के लिए बड़ी घोषणाएं की हैं। वहीं दूसरे सियासी दलों के नेता भी वादों की झड़ी लगाना शुरू कर चुके हैं। अखिलेश, प्रियंका से लेकर तमाम नेताओं के भाषण में लाखों युवाओं को रोजगार, महिलाओं को आरक्षण, फ्री में इलेक्ट्रिक स्कूटी, स्मार्टफोन, फ्री लैपटॉप से लेकर मुफ्त बिजली जैसे वादे तैरने लगे हैं। इन सबके बीच सत्तारूढ़ भाजपा ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। फिलहाल पार्टी के नेता रैलियों-सभाओं में पांच साल के काम गिनाने में लगे हैं। समाजवादी पार्टी के वायदों पर नज़र डालें तो सरकार बनते ही 10 लाख युवाओं को नौकरी, हर महीने गरीब परिवारों को बिजली फ्री, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे फिर से बनाएंगे। फ्री लैपटॉप योजना शुरू की जाएगी। समाजवादी पेंशन योजना की धनराशि 500 से बढ़ाकर 1500 रुपये होगी। ऐसे में कांग्रेस कहां चूकने वाली कांग्रेस  ने 20 लाख युवाओं को रोजगार, उ.प्र. चुनाव में टिकट बटवारे में महिलाओं को 40 प्रतिशत हिस्सेदारी, इंटर पास लड़कियोंको फ्री स्मार्टफ ोन और बी.ए. पास लड़कियों को इलेक्ट्रिक स्कूटी, आदि वायदा किया है। 
बहुजन समाज पार्टी की तरफ  से वायदा किया जा रहा है कि सरकारी संस्कृत विद्यालयों को सरकारी सहायता देंगे। खाली पड़े सभी सरकारी पदों को भरा जाएगा, वित्तविहीन प्रबंधक एवं शिक्षक महासभा की मांगों पर आयोग, सम्मानजनक मानदेय और सेवा नियमावली बनाई जाएगी।
 भाजपा से छिटके ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा ने 300 यूनिट तक फ्री घरेलू बिजली, एम.ए. तक सबको मुफ्त शिक्षा, महिलाओं को राजनीति और नौकरियों में 50 फीसदी आरक्षण और सपा से अलग हुए शिवपाल की प्रसपा के वायदों में कानून बनाकर उ.प्र. में हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, स्नातक बेरोज़गार को स्वरोज़गार के लिए 5 लाख रुपये देंगे, हर परिवार को 300 यूनिट बिजली मुफ्त जबकि दिल्ली के बाद पंजाब और उत्तराखण्ड में जमीन बन रही आम आदमी पार्टी 300 यूनिट तक फ्री घरेलू बिजली, सरकारी स्कूलों की दशा और पढ़ाई के स्तर को सुधारेंगे जैसे तमाम वायदे पंजाब, उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश में किए हैं लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में आगामी चुनावों के मद्देज़नर कई घोषणाएं की हैं, जिनमें से एक सुर्खियों में है। केजरीवाल ने एलान किया है कि यदि उनकी पार्टी की सरकार बनी, तो राज्य में 18 साल से ऊपर की सभी महिलाओं के खाते में हर महीने 1,000 रुपये डाले जाएंगे। बुजुर्ग महिलाओं को वृद्ध पेंशन के अतिरिक्त यह राशि मिलेगी। इस योजना को उन्होंने स्त्री सशक्तीकरण से जोड़ा है।