अनदेखा न करें बार-बार होने वाले सिरदर्द को

आधुनिक जीवन शैली भागदौड़ से भरी हुई है। इसी भागदौड़ में तनाव का बढ़ जाना एक आम समस्या है। तनाव से सिर दर्द होना भी आम बात है पर नियमित सिरदर्द होना ठीक नहीं। इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर आप भी नियमित सिरदर्द की समस्या से जूझ रहे हैं तो डाक्टर से परामर्श कर उसका निदान करने का प्रयास करें।
कारण
सिरदर्द किसी एक कारण से नहीं होता। इसके अनेक कारण हैं यथा दिमाग पर काम का बोझ, तनाव, धूप में अधिक देर बाहर रहना, मौसम में बदलाव, नाक बंद होना, सर्दी जुकाम का होना, वायरल बुखार होना, थकान होने पर, आंखों की नजर कमजोर होने पर, खानपान ठीक न होने पर, नींद पूरी न होने पर अक्सर सिरदर्द की शिकायत होने लगती है। अगर कारण समझ में आ जाए तो पहले उन कारणों को दूर करने का प्रयास करें। फिर भी सिरदर्द बना रहे तो डाक्टर से परामर्श करें।
जिन लोगों को माइग्रेन का दर्द होता है, वह गंभीर भी हो सकता है। इससे मस्तिष्क की नसें प्रभावित होती हैं और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की सामान्य प्रक्रि या में बाधा पड़ती है जो खतरनाक हो सकती है।
डाक्टर के पास कब जाएं
* सिर पर किसी भी तरह की चोट लगने से जब सिरदर्द होता है तो हमें हल्के में न लेकर डाक्टर को दिखाना चाहिए। कभी कभी चोट से मस्तिष्क में गहरे जख्म भी हो सकते हैं।
* कभी कभी सिरदर्द के साथ चक्करों का आना, धुंधला दिखना, संतुलन बिगड़ना, पैरों में अकड़न होना, बोलने में मुश्किल होना हो तो डाक्टर से तुरंत मिलें। यह ब्रेन स्ट्रोक का संकेत भी हो सकता है।
* बार-बार सिरदर्द होने पर न्यूरोलॉजिस्ट से अवश्य संपर्क करें क्योंकि बार बार तेज सिरदर्द होना स्वास्थ्य हेतु घातक हो सकता है। डाक्टर सीटी स्कैन या एमआर आई करवाकर स्थिति जांच सकते हैं।
* उल्टी के साथ होने वाला सिरदर्द माइग्रेन हो सकता है। इसका इलाज करवाना जरूरी होता है। माइग्रेन से मस्तिष्क के अंदर बड़ी गड़बड़ी भी हो सकती है।
* उल्टी के साथ होने वाला सिरदर्द माइग्रेन हो सकता है। इसका इलाज करवाना जरूरी होता है। माइग्रेन से मस्तिष्क के अंदर बड़ी गड़बड़ी भी हो सकती है।
*लगातार या बार-बार सिरदर्द की समस्या को अनदेखा न करें, न ही स्वयं पेनकिलर लेकर अपना इलाज स्वयं करने का प्रयास करें। यह घातक हो सकता है।

(स्वास्थ्य दर्पण)