स्वयं को पहचानें

जीवन में यदि आप सफल होना चाहते हैं तो सबसे पहले अपनी योग्यता को पहचानें। अपने भीतर छुपे गुणों को स्वयं पहचानें। अक्सर हम दूसरों से प्रभावित होते हैं तो बिल्कुल उनके जैसा बनना चाहते हैं जब ऐसा नहीं होता तो हम निराश हो जाते हैं। इस सृष्टि पर कुछ भी बेकार नहीं है। परमात्मा ने किसी भी इन्सान को व्यर्थ नहीं बनाया। हर इन्सान के अंदर अलग-अलग गुण हैं जब हम अपने भीतर छिपे इन गुणों को पहचान लेंगे तब सफलता के द्वार स्वयं हमारे लिए खुल जाएंगे। जितना जल्दी हम स्वयं को पहचान लेंगे उतना ही शीघ्र ज़िन्दगी में सफल होंगे।
जीवन में हमेशा स्वयं पर और अपनी मेहनत पर विश्वास रखें। असफलता से घबराकर कभी भी कोई काम अधूरा न छोड़ें क्योंकि असफलता ही हमें सफलता की ओर लेकर जाती है। असफलता हमें अनुभव देती है और यही अनुभव हमें हमारी मंज़िल तक पहुंचाते हैं। जब हम चलना सीखते हैं तो गिरते ही हैं, लेकिन प्रयास करने पर हम चलना ही नहीं दौड़ना भी सीख जाते हैं, लेकिन यदि प्रयास करेंगे ही नहीं तो चलेंगे कैसे, कैसे दौड़ेंगे? इसी तरह किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए प्रयास करना ज़रूरी है। जीवन कहीं से भी नए सिरे से शुरू किया जा सकता है, इसलिए कभी जीवन से निराश न हों। हमारी सकारात्मक सोच ही हमें हमारी मंज़िल तक लेकर जाती है।
हम अक्सर देखते हैं कि अधिकतर लोग अपने जीवन से निराश होते हैं क्योंकि वह कभी सफल नहीं हो पाते। वास्तव में ऐसे लोग स्वयं को, अपने भीतर छुपी योग्यता को पहचानने में असफल हो जाते हैं और दूसरों जैसे बनने के चक्कर में अपना जीवन बर्बाद कर लेते हैं। अपनी योग्यता और स्वयं को पहचानना यही सफलता का सिद्धांत है क्योंकि हर व्यक्ति, हर क्षेत्र में सफल नहीं हो सकता। काम वह करें जो आपको आंतरिक खुशी दे, क्योंकि जिस काम में हमें खुशी मिलती है वह काम हमारे लिए कभी बोझ नहीं हो सकता।  हमेशा उत्साह के साथ जीवन व्यतीत करें, ज़िन्दगी को प्यार करें। अपनी गलतियों से डरने की बजाय, उनसे सबक सीखें। अपनी तुलना कभी दूसरों के साथ न करें। जो आप हैं वह कोई दूसरा नहीं बन सकता और आप किसी दूसरे जैसे नहीं बन सकते। ईश्वर ने हर व्यक्ति को अलग-अलग बनाया है। इसलिए स्वयं को प्यार करें, ज़िन्दगी स्वयं ही प्यारी हो जाएगी।