दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम

पिछले दिनों चंडीगढ़ विश्वविद्यालय घड़ूआं (मोहाली) में जो घटनाक्रम घटित हुआ है, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। एक छात्रा की ओर से अपनी आपत्तिजनक वीडियो बना कर अपने ही एक मित्र के साथ साझी की गई तथा उसकी ओर से आगे यह वायरल कर दी गई। यह बात सामने आते ही विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों में रोष उत्पन्न होना प्राकृतिक बात थी परन्तु इसके साथ ही सोशल मीडिया पर इस घटना के साथ जोड़ कर जिस प्रकार की अन्य बातें भी पेश की गईं, उनसे भी क्रोध उत्पन्न हुआ जिसे लेकर बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने कैम्पस में प्रदर्शन करने शुरू कर दिये। 
चंडीगढ़ विश्वविद्यालय घड़ूआं एक बढ़िया व्यवस्था वाला निजी विश्वविद्यालय है जिसने शैक्षणिक क्षेत्र में अपना अच्छा नाम अर्जित किया है तथा अपना एक स्तर भी बनाया है। अनुशासन-प्रिय इस विश्वविद्यालय के संबंध में ऐसे सनसनीपूर्ण समाचारों का आज के सोशल मीडिया एवं इलैक्ट्रानिक युग में एकदम फैलना प्राकृतिक बात थी जिसके कारण विश्वविद्यालय प्रबंधकों एवं अधिकारियों के अतिरिक्त प्रशासन एवं पुलिस भी हरकत में आ गई। पंजाब एवं राष्ट्रीय महिला आयोगों ने भी तत्काल इसका नोटिस लिया। विद्यार्थियों में फैले इस रोष को शांत करने के लिए भी प्रशासन को अतीव संघर्ष करना पड़ा। विश्वविद्यालय अधिकारियों ने भी इस घटनाक्रम के संबंध में फैलाई जा रही अफवाहों का स्पष्ट रूप से खंडन करते हुए कहा कि न तो किसी छात्रा ने आत्महत्या करने की कोशिश की है तथा न ही किसी अन्य की मृत्यु हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय सभी प्रकार से पंजाब पुलिस को इस मामले की जांच में पूरा-पूरा सहयोग देगा। पुलिस एवं प्रशासन ने भी प्रारंभिक जांच के बाद स्पष्ट रूप में कहा है कि विद्यार्थी एवं जन-साधारण अफवाहों पर विश्वास न करें क्योंकि यह एक अतीव भावुक मामला है। इसका संबंध छात्राओं की निजता के साथ होने के कारण तत्काल पुलिस की ओर से संबद्ध लड़की एवं इस घटनाक्रम के साथ जुड़े शिमला के उसके मित्र एवं एक अन्य लड़के को तुरन्त गिरफ्तार कर लिया गया। इस समय के दौरान ये अफवाहें भी फैलीं कि संबद्ध लड़की की ओर से अन्य लड़कियों की भी ऐसी वीडियो बनाई गई हैं तथा उन्हें भी वायरल किया जा रहा है। यह भी कि कुछ लड़कियां तो आत्महत्या करने हेतु उतारू भी हो गई थीं परन्तु बाद में यह बात स्पष्ट होना शुरू हुई कि ऐसा कुछ भी घटित नहीं हुआ। पंजाब सरकार की ओर से इस मामले की प्रत्येक पक्ष से व्यापक जांच करवाने की घोषणा की गई है। इस संबंध में तीन महिला आधिकारियों पर आधारित एक जांच दल भी गठित किया गया है जो इसकी पूर्ण गहराई के साथ जांच करेगा तथा प्रशासन की ओर से यह भी आश्वासन दिलाया गया है कि शीघ्रातिशीघ्र इस मामले की पूरी जांच के बाद इसका विवरण समक्ष लाया जाएगा।
इसके साथ ही यह प्रश्न भी उठने लगा है कि आज जिस प्रकार के दौर से समाज विचरण कर रहा है तथा जितनी तेज़ी के साथ इलैक्ट्रानिक एवं सोशल मीडिया किसी भी बात को फैलाने के समर्थ हो गया है, उसके दृष्टिगत अत्यंत सचेत होने की आवश्यकता है। ये शिकायतें भी अक्सर मिलने लगी हैं कि बहुत से शरारती तत्वों की ओर से जानबूझ कर गड़बड़ पैदा करने के लिए अनेक प्रकार की अफवाहें फैला दी जाती है जिनका समाज के भिन्न-भिन्न वर्गों पर शीघ्र ही बड़ा प्रभाव पड़ जाता है। जब तक उनकी वास्तविकता सामने आती हैं, तब तक कई पक्षों से भारी नुक्सान हो चुका होता है। इसलिए आज जिस दौर में से समाज गुज़र रहा है, उसके दृष्टिगत जहां उसे अतीव चेतन होने की आवश्यकता होगी, वहीं प्रशासन एवं ज़िम्मेदार संस्थाओं को भी समयानुसार उचित कदम उठाने के लिए स्वयं को तैयार रखना पड़ेगा। 
इस नई दरपेश हुई चुनौती का सामना कैसे करना है तथा किस प्रकार इस माध्यम से किये जाते नकारात्मक प्रचार से होने वाले नुक्सान से समाज को बचाना है, यह एक ऐसा प्रश्न है जो अतीव गंभीर रूप में उभर कर सभी के समक्ष आ खड़ा हुआ है। इस बात को भी सुनिश्चित बनाया जाना आवश्यक है कि अफवाहें फैलाने वाले ऐसे तत्वों की तुरन्त पहचान की जाए तथा उन्हें समुचित दंड के भागी बनाया जाए। इस संबंध में पूर्ण सोच-विचार के साथ नये कानून एवं नियम भी बनाए जाने चाहिएं ताकि समाज को शरारती तत्वों की ओर से पहुंचाये जाते नुक्सान से सुरक्षित रखा जा सके। 

 —बरजिन्दर सिंह हमदर्द