शांतमयी ढंग से विकसित हो रहा दक्षिण अमरीकी महाद्वीप


विश्व के सात महाद्वीपों में से दक्षिण अमरीकी महाद्वीप, वह महाद्वीप है जिसका ज्यादातर हिस्सा भू-मध्य रेखा के दक्षिण की तरफ और बिल्कुल कम हिस्सा उत्तर अर्ध गोले में आता है। तकरीबन 178 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र वाला यह महाद्वीप क्षेत्रफल के तौर पर चौथे नम्बर पर आता है। यह पश्चिम की तरफ प्रशांत महासागर, उत्तर और उत्तर पश्चिम की तरफ कैरीबियाई समुद्र और पूर्व और दक्षिण पूर्व की तरफ से अटलांटिक महासागर के साथ घिरा हुआ है। 434 मिलियन की जनसंख्या वाले इस महाद्वीप की 90 प्रतिशत जनसंख्या ईसाई धर्म से संबंध रखती है। महाद्वीप के तकरीबन आधे क्षेत्र पर फैला देश ब्राजील इस क्षेत्र का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश है। इस महाद्वीप के अन्य स्वतंत्र देश हैं अर्जेंटीना, बोलीवीया, चीन, कोलम्बीया, एैकुआडोर, गुआना, पेरू, सूरीनाम, उरूरूये, वैनेज़ुएला और पैरागुआये। एंडीज़ पर्वत, जिसकी लम्बाई 8900 किलोमीटर है। इस महाद्वीप का सबसे लम्बा पर्वत है जो कि सात देशों पेरू, अर्जेंटीना, एकुआडोर, कोम्बीया, चिल्ली, वोलीवीया और वैनीजुएला में से हो सकते हैं।
दक्षिण अमरीकी पर यूरोपीय देशों और विशेषकर सपेन और पुर्तगालियों का लम्बे समय राज रहा था जिसके कारण अभी भी यहां के लोग सपैनिश और पुर्तगाली भाषाएं बोलते है। खनिजों के पक्ष से यह क्षेत्र सोना, चांदी, तांबा, पैट्रोलियम, टिन और लोहे जैसे अनेक खनिज पदार्थों का प्रमुख स्त्रोत है। पेरू, ब्राजील और अर्जेंटीना सोने के बड़े उत्पादक देश हैं, जबकि चांदी का उत्पादन बोलीवीया, चिल्ली और पेरू में ज्यादा किया जाता है। लोहे की खुदाई और बरामद में ब्राजील विश्व में दूसरे नम्बर पर है। चिल्ली और पेरू तो तांबे और चांदी की बरामद करने वाले अग्रणी देशों में से है।
दक्षिण अमरीकी महाद्वीप का उल्लेख इस बीच की दुनिया के सबसे बड़े ‘एमाजोन’ नाम के बरसाती जंगल के बिना अधूरा होगा। करीब 55 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला यह जंगल ब्राजील, पेरू, कोलंबीया, बोलीवीया, एकुआडोर, फ्रैंच गुआना, सूरीनाम, वैनेजुएला और गुआना देशों में से होकर निकलता है, परन्तु इसका 60 प्रतिशत भाग अकेले ब्राजील में ही है। इस जंगल की विशेषता यह है कि इसमें 16000 प्रजातियों के 390 बिलियन वृक्ष हैं जो कि पूरी दुनिया को आक्सीजन देने का काम करते हैं। दक्षिण अमरीका के पश्चिम और पूर्व की तरफ बहता एमाज़ोन दरिया पानी की निकासी के तौर पर विश्व का सबसे बड़ा और लम्बाई के तौर पर विश्व का दूसरा बड़ा दरिया है। (वर्णनीय है कि मिसर देश का नील दरिया विश्व का सबसे बड़ा दरिया है) इसकी एक हजार के करीब उप नदियां आस-पास की कुदरती प्रणालियों का संतुलन भी कायम रखती हैं।
महाद्वीप का सबसे बड़ा टापू ‘इसला ग्रैंड डे टेरा डेल फूअगो’ है। साढे  अठारह हजार वर्ग मील में फैले इस टापू पर एक लाख लोग रहते हैं।
दक्षिण अमरीका महाद्वीप की विशेषता यह है कि यह वर्तमान समय का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला महाद्वीप है जहां तकरीबन 80 प्रतिशत जनसंख्या शहरों में रहती है जबकि विश्व के अन्य हिस्से पर शहरी जनसंख्या की प्रतिशतता 50 है। इस क्षेत्र में स्थानीय और अंग्रेजी भाषाओं के अलावा सपैनिश और पुर्तगाली भाषाएं ज्यादा बोली जाती हैं। दक्षिण अमरीका को उत्तरी अमरीका महाद्वीप से पनामा के थलडमरू पर स्थित ‘डारीयन पहाड़’ अलग करता है, जबकि कुछ लोगों द्वारा पनामा नहर को दो महाद्वीपों को अलग करने की लकीर माना जाता है।
इस महाद्वीप के उत्तर की तरफ कोलंबिया देशों की जलवायु नमी वाली है जबकि उत्तर पूर्व के सूरीनाम और गुआना देशों में ठंडी जलवायु है और अर्जेंटीना और पैरागुआये में हलकी गर्मी रहती है जबकि चिल्ली खुशक और गर्मी वाला क्षेत्र है। 
समूची दक्षिण अमरीका, मैक्सिको और केन्द्रीय अमरीका को मिलाकर बने क्षेत्र को ‘लैटिन अमरीका’ कहा जाता है। इस क्षेत्र के लोगों द्वारा बोली जाती भाषाओं को ‘रोमांटिक भाषाएं’ कहते हैं जोकि सपैनिश, पुर्तगाली, फ्रैंच और इटालीयन भाषाओं का मिश्रण है। यूरोप, एशिया और अफ्रीका महाद्वीपों की तुलना में दक्षिण अमरीका काफी हद तक शांत क्षेत्र है। जनसंख्या के तौर पर दक्षिण अमरीका सात महाद्वीपों में से पांचवें नम्बर पर आता है।  समूचे महाद्वीपों के लोगों में अंग्रेजी फ्रैंच, पुर्तगाली, सपैनिश और डच्च भाषाएं काफी प्रचलित हैं। इस क्षेत्र में पश्चिमी देशों का बस्तीवादी राज्य लम्बे समय तक रहने के कारण पश्चिमी संस्कृति का काफी प्रभाव है। महाद्वीप निकट लगते अनेकों टापूओं जैसे अरूबा, बोनेर, नूवा असपार्टा और तृनीदाद और टोबागो आदि भूगोलिक तौर पर दक्षिण अमरीका के पास हैं। इस लिए कई बार इनको महाद्वीपों का हिस्सा ही माना जाता है। 
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