मुफ्त का पैसा

इग्लैंड के महान् उपन्यासकार रोनाल्ड फेयर बैक के पितामह इंग्लैंड के प्रसिद्ध व्यापारियों में गिने जाते थे। एक बार उन्हें व्यापार में काफी घाटा उठाना पड़ा। उनके कई मित्रों ने उन्हें बिना किसी ब्याज और शर्त रुपया देना चाहा, पर रोनाल्ड साहब के पिता इसके लिए बिल्कुल तैयार न थे। उनका कहना था कि मैं बिना ब्याज के एक पैसा लेना भी भयंकर पाप समझता हूं।
एक मित्र ने इसका जब कारण पूछा तो वे बोले, ‘मित्र, मैं तुमसे जो रुपये लूंगा उसकी मदद से मैं फिर व्यापार में लाभ कमाऊंगा और तब उस लाभ में तुम्हारा भी भाग होगा। इसलिए मैं बिना ब्याज में मिले पैसे को मुफ्त का पैसा समझता हूं और मुफ्त में मिले पैसे को मैं कदापि नहीं लेता।’

-संजीव कुमार आलोक
मो-09835053651