फिर बढ़ने लगी नशे की तस्करी

पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार की ओर से लाख यत्नों के बावजूद नशे का जिन्न बोतल में बंद नहीं किया जा सका है। अलबत्ता प्रदेश में नशे का प्रसार और नशे का सेवन करने वालों की संख्या, दोनों में अतीत में बेतहाशा वृद्धि हुई है। नशीले पदार्थों की तस्करी और इस अवैध कारोबार को लेकर प्रदेश में एक ऐसा शक्तिशाली माफिया सक्रिय है जिसकी जड़ें प्रदेश की धरती पर बहुत नीचे तक धंसी हुई हैं। इसी कारण यह माफिया सतत् बलशाली होता जा रहा है। इसी लिए प्रदेश की किसी भी सरकार द्वारा इसे नियंत्रित नहीं किया जा सका है। नशे की तस्करी के इस माफिया को  राजनीति एवं सत्तारूढ़ पक्ष का संरक्षण सदैव प्राप्त रहा है। इसका प्रमाण इस एक तथ्य से भी मिल जाता है कि प्रदेश की आम आदमी पार्टी की सरकार के एक मंत्री का भतीजा हाल ही में एक किलो हेरोइन पदार्थ के साथ गिरफ्तार किया गया है। यह तथ्य भी इस घटना को अधिक सनसनीपूर्ण बनाता है कि पकड़े गये युवक ने नशे की यह खेप पाकिस्तान से मंगवाई थी। सीमा पार से ड्रोनों के ज़रिये नशीले पदार्थों की पंजाब की सीमाओं पर सप्लाई के समाचार प्राय: मिलते रहते हैं। नि:संदेह ‘आप’ विधायक ने इस मामले में कोई हाथ होने से इन्कार किया है, और कि उन्होंने पकड़े गये व्यक्ति को अपना भतीजा मानने से भी इन्कार किया है, किन्तु पुलिस द्वारा एकत्रित जानकारी और विवरण अपनी बात स्वयं कहते प्रतीत होते हैं। इस जानकारी में स्वयं इंगित ‘आप’ विधायक के विरुद्ध भी वर्ष 2002 में तस्करी के आरोप दायर होने का दावा किया गया है। हाल ही में अमृतसर में एक साथ नौ नशा तस्करों की गिरफ्तारी की सूचना भी स्थितियों की त्रासदी को ब्यां करती है। इनसे ड्रग मनी और नशीले पदार्थों की खेप भी मिली है। प्रदेश में नशे के प्रसार की एक अन्य बड़ी घटना भी प्रदेश सरकार द्वारा नशे के खात्मे हेतु किये जाते यत्नों के दावों की पोल खोलने के लिए काफी है। इस घटना के अन्तर्गत नशे के माफिया की ओर से, एक नशेड़ी को ज़बरदस्ती नशे की ओवरडोज़ वाला टीका लगा कर मार देने की सूचना है। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार नशे का माफिया युवक द्वारा उनसे नशा न खरीद कर, किसी अन्य से खरीदे जाने के कारण उससे ख़फा था।
ये दो घटनाएं पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार की ओर से नशे के विरुद्ध किये जाते यत्नों को मुंह चिढ़ाते प्रतीत होती हैं। इसके अतिरिक्त नशे के कारोबार एवं तस्करी में महिलाओं की शमूलियत भी चिन्ता का एक बड़ा मुद्दा बनती जा रही है। लुधियाना के एक गांव की इस घटना हेतु गिरफ्तार लोगों में एक महिला भी शामिल बताई जाती है। अभी दो ही दिन पूर्व माझा के क्षेत्र में नशे की सप्लाई के आरोप में एक महिला को काबू किया गया था। तरनतारन के एक गांव के एक पति-पत्नी को चंडीगढ़ की पुलिस ने उनसे बरामद हैरोइन सहित रंगे हाथों गिरफ्तार किया। ‘आप’ के नेताओं और विधायकों द्वारा नशा तस्करी में संलिप्त और पकड़े जाने वाले युवकों को छुड़ाने अथवा उनको बचाने हेतु किये जाने वाले सतत् प्रयत्नों को लेकर भी ‘आप’ सरकार प्रश्न-चिन्हों के घेरे में है। अकाली दल बादल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने भी खेमकरण के विधायक के भतीजे द्वारा नशे की तस्करी में पकड़े जाने को एक बड़ा मामला बताया है। प्राय: ‘आप’ के नेताओं, मंत्रियों एवं विधायकों द्वारा नशे को संरक्षण देने हेतु पुलिस पर दबाव डाले जाने के आरोप भी लगाये जाते रहे हैं। नशे की तस्करी के आरोप में पकड़े गये एक आरोपी को छुड़ाने के लिए एक ‘आप’ विधायक, पुलिस अधिकारियों और नशा तस्करों के बीच एक गुप्त लेन-देन होने की भी सूचना मिली है। इस सौदेबाज़ी में 40 लाख रुपये तक का सौदा हुआ बताया गया है। इस मामले की गूंज मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच जाने की सूचना से इन लोगों के बीच 25 लाख रुपये के एक और लेन-देन की भी सूचना प्राप्त हुई है। फिरोज़पुर के इलाके में एक सड़क दुर्घटना के बाद कार में से सात किलो से अधिक हेरोइन बरामद किये जाने का मामला भी चौंकाता है। इस खेप की बरामदगी अचानक ही हुई बताई जाती है। एक कार जब दो लोगों को कुचलने के बाद पलट गई तो पुलिस को उसकी तलाशी के दौरान उपरोक्त हेरोइन बरामद हुई। यह भी पता चला है कि पंजाब प्रदेश में नशे के नेटवर्क को बढ़ावा देने के लिए तस्करों की ओर से मिज़ोरम के माध्यम से एक नया मार्ग तलाश किया गया है। यहां से हेरोइन दिल्ली तक पहुंचाई जाती है, और फिर दिल्ली से कई मार्गों के ज़रिये इसकी खेप पंजाब के विभिन्न केन्द्रों तक भेजी जाती है। इस प्रकार पंजाब में नशे का एक बहुत बड़ा संजाल तैयार किया जा रहा है, किन्तु पंजाब की सरकार, उसके नेता, विधायक और मंत्री अपने-अपने स्वार्थ की राजनीतिक चौसर बिछाए दिखते हैं। प्रदेश की पुलिस भी अपने नेताओं एवं मंत्रियों-विधायकों के दबाव में बेबस हुई दिखाई देती है। प्रदेश में यह जो नशे के टीके लगाने का नया रुझान बढ़ा है, उसने युवा पीढ़ी को न केवल पंगु किया है, अपितु उनके शरीर को खोखला करके रख दिया है। नतीजा यह निकला है, कि कल तक पंजाब की जिस युवा शक्ति पर गर्व किया जाता था, आज यह युवा शक्ति नशे की दलदल में निरन्तर धंसती जा रही है।
हम समझते हैं कि नि:संदेह यह राष्ट्र-हित से जुड़ा एक ऐसा मामला है जिसे राजनीति ने अपहृत कर लिया है। प्रदेश तेज़ी से नशे के पथ पर अग्रसर है। यदि पंजाब को पुन: युवा शक्ति वाला प्रदेश बनाना है, यदि इसके युवाओं को राष्ट्र-हित में सन्नद करना है, तो नशे की समस्या, नशे की तस्करी और इसके सेवन की बढ़ती प्रवृत्ति को सख्ती के चाबुक से रोकना होगा। इसके लिए प्रदेश की सरकार को अपने नेताओं, मंत्रियों, विधायकों पर अंकुश लगाने के साथ-साथ प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था और पुलिस तंत्र को भी मुस्तैद करना होगा।