बच्चों की इस तरह पढ़ाई में रुचि जगाएं 

बच्चों के पढ़ाई में मन न लगने की वजहें कई हो सकती हैं यथा पाठयक्रम अत्यधिक कठिन होना प्रमुख माना जा सकता है। प्राय: देखा गया है कि जहां स्कूली बच्चे कोर्स की पुस्तकों से जी चुराते हैं वही बाजारू किताबें खासकर कॉमिक्स एवं अन्य कहानी की किताबें बड़े ही चाव से पढ़ते है। वैसे कई छात्र किसी भी तरह की पुस्तकें नहीं पढ़ना पसंद करते किंतु पुस्तक पढ़े बिना कैरियर कैसे उत्तम हो? परीक्षा में पास कैसे हों? डंडे व डांट-फटकार कर पढ़ाना कदापि उचित नहीं। अत: अभिभावकों को चाहिये कि बच्चों की पढ़ाई में रूझान बनाने के लिए उससे स्वयं ही अंर्तमन में झांकने को कहें और पूछें कि उनका रूझान कैसी किताबों में है। कौन सी पुस्तक वह पढ़ना पसंद करते हैं। अत: बच्चों के मन के मुताबिक अच्छी साहित्यिक पुस्तकें जिनकी भाषा सरल व सहज हो, बच्चों को पढ़ने दीजिये। उनकी रूचि के अनुसार बाल पत्रिकाएं, चुटकुलों की किताबें व अन्य कहानी की किताबें पढ़ने को दे सकते हैं।
शुरू में भले ही वे थोड़ा पढ़ें परंतु पढ़ाई में रूचि जगाने के लिए प्रतिदिन पढ़ना बहुत ज़रूरी है। प्रतिदिन अपने बच्चों को सुबह-शाम पार्क में घूमने भेजें तथा आंखों से संबंधित या अन्य व्यायाम भी करवायें। यदि बच्चों को पढ़ते वक्त नींद आने लगे तो उन्हें कुछ देर सोने देना चाहिये। फिर आंखों पर पानी के छींटे मारकर पढ़ना चाहिए ताकि पढ़ते वक्त नींद न आ सके।
यह ध्यान रहे कि आपके बच्चों को प्रतिदिन कुछ न कुछ अवश्य पढ़ना चाहिये। ऐसा करने से उनकी दिनचर्या में पढ़ना शामिल हो जाएगा। बच्चों को यह भी बताएं कि अगर पुस्तक में लिखी बातें एक बार में समझ में न आएं तो उसे बार-बार पढ़ना चाहिये। यदि बच्चे पढ़ाई दिनचर्या के अनुसार करने लगें तो पाठ्यक्रम पर काबू पाना सरल हो है। (उर्वशी)