थल से जल तक पहुंची लड़ाई

इज़रायल गाज़ा पट्टी पर लगातार हमले करता रहा। पहले 7 अक्तूबर, 2023 को हमास ने गाजा पट्टी की ओर से हज़ारों रॉकेट से इज़रायल पर ताबड़तोड़ हमले किये जिसमें लगभग 1400 इज़रायली मारे गये। यह हमला इज़रायल के लिए तबाही का बहाना बन गया। हमास पर हमला करने के नाम पर गाज़ा में रह रहे फिलिस्तीनी जनता पर ताबड़तोड़ हमले किये गये। इस हमलों में दस हज़ार से ज्यादा फिलिस्तीनी लोग मौत के घाट उतार दिये गये। पच्चीस हज़ार से ज्यादा घायल हुए। उनकी बिजली-पानी और रसद की आपूर्ति काट दी गई। 
गाज़ा में रह रहे लगभग 23 लाख फिलिस्तीनी लोगों के भूखे मरने की नौबत आ गई। युद्ध खत्म होने और मासूम लोगों पर अत्याचार नहीं होने की आशा निराशा में बदलती चली गई। यमन के हूतियों पर अमरीकी हवाई हमला और उसके बाद यमन द्वारा की गई जवाबी कार्यवाही ने इस बात पर मुहर लगा दी है कि युद्ध पहले से काफी व्यापक हो रहा है। फिर ईरान समर्थित हूतियों ने एक यूनानी कार्गोशिप पर मिसाइल हमला किया था। अब तक हुए हमलों में यातायात सम्भालने वाले महत्त्वपूर्ण क्षेत्र में लगभग दो दर्जन जहाज़ों को निशाना बनाया जा चुका है। अमरीका ने हूती विद्रोहियों को निशाना बनाया था, जो दक्षिणी यमन में अपने नियन्त्रण वाले क्षेत्र के सामने निचले लाल सागर में जहाज़ों पर हमला कर रहे थे। 
वैश्विक व्यापार का लगभग 12 प्रतिशत हिस्सा और बीस प्रतिशत कंटेनर स्वेज नहर से होकर ही गुज़रते हैं। फिक्र इस बात का होना चाहिए कि लाल सागर में रुकावट से पहले से ही मुश्किल दौर से गुज़र रही वैश्विक आपूर्ति शृंखला के लिए ज्यादा बड़ी मुश्किलें पैदा हो रही हैं। भारत की तरफ आ रहे दो जहाज़ भी इन हमलों से बच नहीं पाये। बताया गया कि इसी महीने के आरम्भ में एक भारतीय युद्धपोत ने लाइबेरिया के एक जहाज़ के अपहरण को सफलतापूर्वक विफल कर दिया था, जिसमें बड़ी संख्या में भारतीय चालक दल के सदस्य मौजूद थे। 
गुजरात के तट से महज 340 किलोमीटर दूर भी एक जहाज़ पर ड्रोन हमला किया गया। पहले भी शिपिंग कम्पनियां एशिया और यूरोप के बीच अफ्रीका से होते हुए लम्बा रास्ता अपनाने के लिए अपने जहाज़ों का मार्ग बदल रही थी। शिपिंग लागतों में बढ़ावा हुआ है। रिपोर्ट बताती हैं कि चीन और उत्तरी यूरोप के बीच 40 फीट के एक कंटेनर की शिपिंग की कीमत 1500 डॉलर से बढ़कर 4,000 डॉलर यानि दुगनी से भी ज्यादा हो गई है। कुछ रिपोर्ट बताती हैं कि अगर हालात में ज्यादा खराबी आती है तो साल 2024 में भारतीय निर्यात में तीस अरब डॉलर तक की गिरावट आ सकती है।
 आज कल दुनिया इतनी आस-पास है कि विश्व के एक भाग का संकट अन्य देशों को कई तरह से प्रभावित कर सकता है और ऐसे नुकसान का अनुमान पहले से कभी नहीं लगा सकते। यहां एक और बात उल्लेखनीय है कि रूसी जहाज़ों या रूसी तेल ले जाने वाले वाहनों को निशाना नहीं बनाया जा रहा। चीनी जहाज़ भी ऐसे ़खतरे से बाहर ही हैं। अलबत्ता पी.एल.ए. नौसेनाचीनी जहाज़ों को सुरक्षा प्रदान करती है ताकि उनका कोई नुकसान न हो। कुछ जहाज़ तो हूती हमलों से बचने के लिए झूठा दावा पेश करते हैं कि उनके पास चीनी चालक दल मौजूद है। इस समय तक हमारी हूतियों के साथ कोई लड़ाई नहीं लेकिन जागरुक रहना इसलिए ज़रूरी है कि उन्हें ईरान का समर्थन है और भारत के उससे अच्छे संबंध हैं। 
विदेश मंत्री जयशंकर का विदेशी दौरा लाभप्रद रह सकता है। उनका ईरान दौरा भी है। पाकिस्तान स्थित बलोच आतंकी समूह जैश-अल-अदल के मुख्यालय पर ईरान ने ड्रोन और मिसाइल से हमले किये हैं। यात्रा से पूर्व जयशंकर ने अमरीकी विदेश मंत्री एंटनी बिलंकन के साथ फोन पर बातचीत की। इसमें कोई संदेह नहीं कि बातचीत में हूतियों का मुद्दा ही उठा होगा।