अंगूर से किशमिश कैसे बनती है?

‘दीदी, हलवे में जब मीठी मीठी किशमिश पड़ी हों तो उसे खाने में बड़ा मज़ा आता है।’
‘हां। यह बात तो है।’
‘लेकिन किशमिश वास्तव में होती क्या हैं?’
‘किशमिश छोटे, बहुत मीठे अंगूर ही होते हैं, जिन्हें बहुत ध्यानपूर्वक धूप में सुखाया गया होता है।’ 
‘वैसे किशमिश का उत्पादन कहां होता है?’
‘संसार में ऐसी ज्यादा जगह नहीं हैं, जहां किशमिश की खेती हो सके। चूंकि जब अंगूर पक जाते हैं तो उन्हें सुखाने के लिए गर्म, बारिश-रहित मौसम के कई सप्ताह की ज़रूरत होती है। मेडिटरेनीयन के निकट कुछ क्षेत्र हैं, स्पेन व यूनान के कुछ हिस्से और एशिया माइनर में इनकी खेती के लिए आवश्यक क्लाइमेट है। दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में भी कुछ हिस्से हैं।’
‘और भारत में?’
‘मुख्यत: महाराष्ट्र के सांगली, सोलापुर व नासिक ज़िलों में और कर्नाटक के विजयपुरा व बगालकोट ज़िलों में किशमिश का उत्पादन होता है।’
‘दुनिया में किशमिश उत्पादन के लिए सबसे आदर्श जगह कौन सी है?’
‘कैलिफोर्निया की सान जोकिन व सैक्रामेंटो घाटियां। किशमिश उत्पादन में यह विश्व में पहले नंबर पर हैं। इन घाटियों में सूखने का सीजन अगस्त से नवम्बर तक रहता है, गर्म व बारिश-रहित, जबकि ग्रोइंग सीजन में सिंचाई के लिए पास के पहाड़ों से पानी मिलता है।’
‘तो फिर अंगूर से किशमिश बनायी कैसे जाती हैं?’
‘कैलिफोर्निया में अंगूर अगस्त में पक जाते हैं। उन्हें बेलों से काट लिया जाता है और पंक्ति में रखी ट्रे में डालकर दो से तीन सप्ताह के लिए छोड़ दिया जाता है। फिर उन्हें डिब्बों में डाल दिया जाता है और कुछ और सूखने दिया जाता है। इसके बाद उन्हें पैकिंग प्लांट ले जाया जाता है। यहां उन्हें कन्वेयर्स में कैरी किया जाता है और इस प्रक्रिया से गुजरने के बाद किशमिश बाज़ार के लिए तैयार हो जाती हैं।’
‘प्रक्रिया क्या है?’
‘विशेष मशीन में धोया, स्टीम या विशेष घोल में सोक किया जाता है। अंगूर का मूल तीन-चौथाई वज़न किशमिश बनाने में समाप्त हो जाता है। बीजरहित किशमिश सुल्ताना अंगूर से बनती हैं।’
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर