ताकतवर विपक्ष के हंगामे के साथ 18वीं लोकसभा शुरू

आम चुनाव के नतीजों के आने के 20 दिनों बाद 24 जून 2024 औपचारिक रूप से 18वीं लोकसभा का आगाज़ हुआ। सुबह करीब 10:15 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रोटेम स्पीकर के रूप में उड़ीसा की कटक लोकसभा सीट से 7वीं बार सांसद चुने गये भर्तहरि महताब को शपथ दिलायी, जिसका विरोध करके विपक्ष ने यह झलक दिखायी कि पिछली दो लोकसभाओं की तरह इस बार प्रतिपक्ष कमजोर नहीं है। प्रोटेम स्पीकर बनाये जाने का एक बहुत साधारण सा नियम है कि मौजूदा संसद के सबसे वरिष्ठ सदस्य को यह सम्मान दिया जाता है। लेकिन वरिष्ठता का यहां आधार उम्र नहीं, लोकसभा सदस्य के रूप में अनुभव होता है। इसलिए विपक्ष ने, सत्तापक्ष द्वारा कांग्रेस के केरल से सांसद के. सुरेश की अनदेखी किए जाने की जबरदस्त आलोचना की। क्योंकि महताब जहां अभी तक लोकसभा के लिए सात बार चुने गये हैं, वहीं के. सुरेश 18वीं लोकसभा में 8वीं बार चुनकर आये हैं।
हालांकि लोकसभा के लिए 8वीं बार चुने गये के. सुरेश उम्र में भर्तहरि महताब से छोटे हैं। भर्तहरि महताब का जन्म 8 सितंबर, 1957 को उड़ीसा के भद्रक में हुआ था, जबकि के. सुरेश 4 जून, 1962 को केरल के तिरुवंतनमपुरम ज़िले में स्थित कोडिकुन्नेल में पैदा हुए थे। इस तरह देखा जाए तो केरल कांग्रेस के प्रमुख नेता और कांग्रेस की वर्किंग कमेटी के सदस्य के. सुरेश भले लोकसभा में आठ बार जीतकर पहुंचे हों, लेकिन उम्र के मामले में वे भर्तहरि महताब से छोटे हैं। लेकिन उम्र अगर इस मायने में कोई तर्क बन सकती है, तब तो संसद में एक नहीं अनेक सांसद प्रोटेम स्पीकर बनने की हैसियत हासिल कर लेते हैं। इसलिए विपक्ष ने लोकसभा के औपचारिक रूप से शुरु होने के पहले इसका विरोध किया, लेकिन एनडीए गठबंधन ने इस विरोध पर कोई ध्यान नहीं दिया। बावजूद इसके 18वीं लोकसभा की औपचारिक शुरुआत के क्षणों से ही यह साफ हो गया है कि इस बार संसद का नजारा पिछली दो बार की संसदों से भिन्न होगा।
जिस तरह संसद में औपचारिक शुरुआत के क्षणों में ही मजबूत विपक्ष ने सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में संविधान की कापियां लेकर प्रदर्शन किया और संविधान का सम्मान न करने का सत्तापक्ष पर आरोप लगाया, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले दिन कितने हंगामेदार होंगे। प्रोटेम स्पीकर के मामले में सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा नियमों को परे रखकर सात बार के एमपी भर्तहरि महताब को आठ बार के एमपी के. सुरेश पर तरजीह दिए जाने के कारण प्रोटेम स्पीकर के साथ जिन तीन विपक्षी सांसदों के. सुरेश (कांग्रेस), थलिक्कोट्टई राजुथेवर बालू (डीएमके) और सुदीप बंदोपाध्याय (टीएमसी) को प्रोटेम स्पीकर को उनकी मदद के लिए नियुक्त किया गया है, उस मदद के लिए तीनों विपक्षी सांसद उपस्थित नहीं हुए। क्योंकि वे इसका विरोध कर रहे थे। इनका मानना था कि सत्तापक्ष में जबरदस्ती नियमों की अवहेलना करते हुए भर्तहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाया है।
विपक्ष के आक्रामक तेवर उस समय भी देखने वाले थे, जबकि अभी संसद का पहला दिन था और कामकाज का औपचारिक रूप से शुरु होना बाकी था। ऐसे समय पर भी विपक्ष ने शिक्षामंत्री के रूप में धर्मेंद्र प्रधान के शपथ ग्रहण के दौरान खूब हंगामा किया, जैसे ही उनका नाम पुकारा गया, लोकसभा में ‘सेम सेम’ और ‘नीट शुड बी क्लीन’ के नारे गूंज उठे। हालांकि सभी मंत्रियों के शपथ ग्रहण पर इस तरह का शोरशराबा नहीं मचा। सत्तापक्ष द्वारा विपक्ष के तीन सांसदों के साथ-साथ सत्तापक्ष के भी दो सांसदों फग्गन सिंह कुलस्ते और राधामोहन सिंह को भी प्रोटेम स्पीकर को सहयोग देने के लिए पांच सदस्यों में से दो के रूप में रखा गया है, लेकिन इन सदस्यों के शपथ ग्रहण के दौरान विपक्ष ने कतई हंगामा नहीं मचाया। मगर जब प्रधानमंत्री मोदी 13 दिन में दूसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली और सत्तापक्ष ने संसद भवन को भारत माता के गगनघोष से डुबो दिया, ठीक उसी समय विपक्ष लगातार संविधान की प्रतियां सदन में लहराता रहा। साथ ही सत्तापक्ष को निरंतर संविधान का सम्मान करने की चेतावनी देता रहा।
18वीं लोकसभा की औपचारिक शुरुआत होते ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वायनाड सीट से इस्तीफा दिया, जिसे स्वीकार किए जाने की घोषणा प्रोटेम स्पीकर ने की। इसके पहले दिन में 11:04 मिनट पर 18वीं लोकसभा के लिए चुने गये सांसद सदन में उपस्थित हुए। सबसे पहले राष्ट्रगान हुआ और फिर 17वीं लोकसभा के आखिरी बजट सत्र में दिवंगत हुए, सांसदों को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। इसके पहले जैसी कि आशंका थी, मौजूदा संसद का ताकतवर विपक्ष यानी इंडिया ब्लॉक के सासंदों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास एकत्र हुए और संविधान के सम्मान और उसकी रक्षा की बात दोहरायी, साथ ही यह भी कहा कि सत्तापक्ष द्वारा संविधान के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जायेगी। विपक्ष ने संविधान की प्रतियां लहराकर सत्तापक्ष को जोरदार चेतावनी दी। हालांकि आज सुबह से लेकर दोपहर के समय संसद के स्थगन तक जो कुछ भी हुआ, वह लगभग स्क्रिप्टेड था। सत्तापक्ष यानी एनडीए गठबंधन पहले से ही तैयार था कि विपक्ष किस-किस तरह का विरोध प्रकट करेगा। 
शायद यही वजह थी कि दिन की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी ने भी विपक्ष पर जोरदार हमले के साथ की। सुबह करीब 10:46 मिनट पर संसद परिसर में प्रधानमंत्री मोदी 18वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत मीडिया को संबोधित करते हुए किया। उन्होंने आज के दिन को संसदीय लोकतंत्र में गौरव और वैभव का दिन बताया। उन्होंने ये भी कहा कि आज़ादी के बाद पहली बार सांसद नये संसद भवन में शपथ लेंगे, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि देश के नागरिकों ने तीसरी बार उनकी सरकार पर भरोसा किया है, जोकि उनकी सरकारी नीतियों पर मतदाता के विश्वास की मुहर है। इसके पहले प्रोटेम स्पीकर को लेकर विपक्ष के कड़े तेवरों को देखते हुए किरण रिजिजू ने कहा था कि संसद में अब के पहले कभी प्रोटेम स्पीकर को लेकर कोई मुद्दा नहीं रहा। यहां तक कि उन्होंने यह भी कहा कि वे विपक्ष के उन नेताओं से मुलाकात की है, जिन्हें प्रोटेम स्पीकर को सहयोग करने के लिए नियुक्त किया गया है और उन्होंने भी इसे कोई मुद्दा नहीं बताया है।          
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