सूरज की गर्मी न सहन कर पाने वाली मछली जेलीफिश
जेलीफिश एक विलक्षण शारीरिक संरचना वाला समुद्री जीव है। जेलीफिश के शरीर का अधिकांश भाग जेली की तरह होता है, अत: इसे जेलीफिश कहते हैं। यह अपने छाते जैसे शरीर को गति देकर तैरती है। यह समुद्री पौधों और चट्टानों से चिपकी रहती है और एक ही जगह पर अपना पूरा जीवन बिता देती है। इस तरह की जेलीफिश तैर नहीं सकती। हां, कभी-कभी थोड़ी बहुत गति करती है।
जेलीफिश विश्व के सभी सागरों और महासागरों में पायी जाती है। इसकी कुछ जातियां ध्रुवीय क्षेत्रों में भी देखने को मिलती हैं। जेलीफिश सूर्य की गर्मी सहन नहीं कर पाती, अत: यह हमेश पानी में रहती है। गर्मियों के मौसम में दिन के समय यदि कोई जेलीफिश भूल से तट पर आ जाए तो वह शीघ्र ही सूर्य की गर्मी से मर जाती है।
जेलीफिश की कुछ जातियां अत्यधिक विषैली होती हैं। इनकी कांटेदार कोशिकाओं का स्पर्श करते ही इनसे एक धागा निकलता है। इसी धागे में विष होता है। जेलीफिश के विष के प्रभाव से अनेक गोताखोर डूब कर मरे हैं। विश्व की सर्वाधिक विषैली जेलीफिश उष्णकटिबंधीय सागरों और कोरल सागरों में पायी जाती है।
सामान्यतया जेलीफिश छाते के आकार की होती हैं। ये आकार में अत्यधिक विषैली जेलीफिश से बहुत बड़ी होती हैं। इनका आकार 5 सेंटीमीटर से लेकर 2 मीटर तक हो सकता है। सामान्य जेलीफिश के शरीर के चारों ओर संस्पर्शिकाओं होती हैं। इनकी संख्या अत्यधिक विषैली संस्पर्शिकाओं के समान 4 अथवा 4 के समूह में होती है। विश्व की सबसे बड़ी जेलीफिश समुदी ब्लबर है। यह आर्कटिक सागर में पायी जाती है। समुद्री ब्लबर का शरीर 180 सेंटीमीटर लंबा एवं संस्पर्शिकाएं 60 मीटर तक लंबी होती हैं। समुद्री ब्लबर का शरीर प्राय: नीला, पीला, लाल अथवा कत्थई रंग का होता है। अन्य जेलीफिश भी प्राय: इन्हीं रंगों की होती हैं। जेलीफिश के मस्तिष्क एवं आंख, कान, नाक जैसे अंग नहीं होते।
इसके शरीर में अत्यंत साधारण तंत्रिका तंत्र होता है तथा शरीर के किनारे की ओर कुछ साधारण संवेदन शील अंग होते हैं जो प्रकाश, गुरूत्वाकर्षण एवं पानी में घुले रसायनों से प्रभावित होकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं। जेलीफिश एक मांसाहारी जीव है और विभिन्न प्रकार की मछलियों, झींगों एवं इसी तरह के अन्य समुद्री जीवों का शिकार करती हैं। जेलीफिश की कुछ जातियां तैर नहीं पातीं। ये समुद्री चट्टानों अथवा समुद्री पौधों से चिपकी रहती हैं। छोटे आकार की, बहुत सी छोटी संस्पर्शिकाओं वाली जेलीफिश बड़े समुद्री जीवों का शिकार नहीं कर पाती। ये प्लैंकटन के अत्यंत सूक्ष्मजीव खाती हैं।
जेलीफिश का प्रजनन बड़ा विचित्र होता है। इनमें सामान्यतया नर और मादा अलग-अलग होते हैं, किन्तु दोनों की शारीरिक संरचना में इतनी समानता होती है कि इन्हें सरलता से पहचाना नहीं जा सकता। जेलफिश के लारवों का विकास अलग-अलग जातियों में अलग-अलग ढंग से एवं अलग-अलग गति से होता है। जेली फिश के कुछ लारवे शीघ्र ही वयस्क हो जाते हैं, जबकि कुछ लारवों को वयस्क होने में एवं प्रजनन योग्य होने में काफी समय लगता है।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर