बारिश ने फिर बढ़ाई धान उत्पादक किसानों की चिंता, खेतों में बिछी फसल

रादौर (कुलदीप सैनी), 26 सितम्बर - रादौर क्षेत्र में देर रात आई बारिश ने एक बार धान उत्पादक किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दीं। तेज हवा के साथ आई बारिश के कारण खेतों में धान की तैयार फसल बिछ गई। जिससे फसल की गुणवत्ता प्रभावित हो जाने के कारण किसानों को प्रति एकड़ हजारों रुपए का नुकसान झेलना पड़ सकता है। वही बारिश के कारण अब कई दिन तक फसल की कटाई का काम भी प्रभावित होगा। मंडी में कई जगह जलभराव की समस्या ने मार्किट कमेटी के प्रबंधों की भी पोल खोल कर रख दी। 
मौसम की मार इस बार धान उत्पादक किसानों का पीछा नहीं छोड़ रही है। धान के सीजन में जहां पर्याप्त बारिश न आने के कारण किसानों को फसल को बचाने के लिए अतिरिक्त खर्च करना पड़ा। वही अब फसल तैयार होते ही बारिश की मार एक बार फिर किसानों की चिंता को बढ़ा रही है। बुधवार देर रात तेज हवा के साथ आई बारिश से धान की फसल खेतों में बिछ गई। किसानों का कहना है कि फसल खेतों बिछ जाने के कारण इसकी गुणवत्ता प्रभावित होगी। जिसका सीधा असर किसानों को प्रति एकड़ हजारों रुपए के रूप में झेलना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मंडी में पहले ही उन्हें धान के उचित भाव न मिलने के कारण उन्हें आर्थिक नुक्सान झेलना पड़ रहा है। ऐसे में किसानों ने सरकार से इस प्राकृतिक आपदा के कारण प्रभावित फसल का उचित मुआवजा दिए जाने की मांग की है। 
वहीं रादौर मार्किट कमेटी के सचिव अफसर का कहना है कि धान खरीद को लेकर पूरे प्रबंध किये गए है। सभी आढ़तियों को पर्याप्त तिरपाल व अन्य प्रबंध करने के निर्देश दिए गए है। वही मंडी में जलभराव संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि बारिश तेज आने के कारण थोड़ी दिक्क्त आई थी, लेकिन बाद में सारा पानी निकल गया था।