प्रशासन द्वारा रास्ते बंद किये जाने से पोबारी गांव के लोगों की बढ़ी मुसीबतें

यमुनानगर, 22 दिसंबर - हरियाणा के जिला यमुनानगर का गांव पोबारी... जो है तो हरियाणा का लेकिन उसके रास्ते उत्तर प्रदेश के ज़िला सहारनपुर से होकर आते हैं। यमुना नदी के तट पर बसा यह गांव लगभग 40 साल से भी ज्यादा पुराना है। इस गांव में लगभग 100 परिवार रहते हैं। बरसात के दिनों में तो इस गांव में यमुना नदी के पानी की मार पड़ती ही थी, लेकिन इस बार इस गांव को अगर किसी की मार पड़ी है तो वह सहारनपुर जिला प्रशासन की। बता दें कि कुछ दिन पहले अवैध खनन से भरी हुई एक ट्राली के नीचे आकर एक महिला की मौत हो गई थी। इसके बाद चालक के खिलाफ कार्रवाई हुई और उसे गिरफ्तार भी कर लिया गया, लेकिन इस पूरे मामले का गुस्सा गांव पौबारी के लोगों पर उतरा। खनन के मामले का संज्ञान लेते हुए जब सहारनपुर के डीएम गांव पौबारी में पहुंचे तो उन्होंने देखा कि गांव का कुछ हिस्सा उत्तर प्रदेश की सीमा में भी आ रहा है इसके बाद में आग बबूला हुए और उन्होंने उत्तर प्रदेश के ग्रामीणों के साथ वहां पहुंचकर साफ कर कह दिया की उत्तर प्रदेश की सीमा में हुए हरियाणा के इस गांव के अतिक्रमण को तुरंत हटा दिया जाए। इन घरों में महिलाएं रहती है या फिर बच्चे इसे कोई फर्क नहीं पड़ता तुरंत प्रभाव से इस अतिक्रमण को हटाया जाए। हालांकि डीएम ने ग्रामीणों को कुछ दिन की मोहलत भी दे दी लेकिन जाते-जाते डीएम साहब ने पौबारी गांव के रास्ते ही बंद कर दिए। पौबारी गांव के साथ लगते उत्तर प्रदेश के गांव टाबर को जाने वाले रास्ते में बड़े बड़े बड़े गड्डे खोद दिए है और लोहे के पिलर लगाकर इस गांव का पूरा रास्ता ही बंद कर दिया गया।  यही नहीं उत्तर प्रदेश के साथ-साथ हरियाणा के हिस्से का रास्ता भी खाई खोदकर बंद कर दिया गया। हालांकि गांव के लोग सुविधा संपन्न है और अब यह लोग अपनी गाड़ियों को गांव से बाहर भी नहीं ले जा सकते क्योंकि इस गांव के जितने भी रास्ते हैं वह सब सहारनपुर जिले से होकर ही हरियाणा में आते थे। अब गांव के पास अगर कोई रास्ता बचा है तो वह सिर्फ यमुना नदी के पानी को पैदल पार करना और यह नजारा अब यहां पर आम देखने को मिल रहा है। कड़ाके की ठंड में भी महिलाएं और पुरुष इस यमुना नदी को पैदल पार कर यमुनानगर जिले के कस्बा जठलाना तक पहुंच रहे है। 

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