बेहद दु:खद घटना 

इस वीरवार को अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे ने एक बार तो देश तथा दुनिया को हिला कर रख दिया है। अचानक ऐसा हादसा होना, जिसमें कुछ पलों में ही 265 लोग मारे गए हों, उनसे संबंधित परिवारों के दु:ख को भीतर तक समझना बेहद कठिन है। इसमें 169 भारतीयों सहित ब्रिटेन के भी 53 लोग शामिल थे। जहां तक इस बोइंग 787 का संबंध है, इसने अब तक लम्बी उड़ाने भरी थीं। महज़ एक वर्ष में ही लगभग 8000 उड़ानें भरी हैं, परन्तु जहां तक अहमदाबाद से उसकी उड़ान का संबंध है, इस समय तक इस बात का पूरा तथा ठीक विवरण नहीं मिल सका कि इस बेहद सुरक्षित विमान के हवाई अड्डे से उड़ान भरते ही थोड़ा ऊपर जाकर एकाएक क्या खराबी आ गई? इसकी विस्तृत जांच के बाद ही पूरे तथ्य सामने आ सकेंगे।
इस हादसे ने एक बार तो लोगों के मन में हवाई यात्रा संबंधी भय पैदा कर दिया है, परन्तु यह भी सच्चाई है कि हवाई यात्रा के बिना आज जीवन की गति कायम नहीं रह सकती। आज विश्व भर में प्रतिदिन हज़ारों ही विमान उड़ते हैं। लाखों-करोड़ों लोग हवाई यात्रा करते हैं। जहां तक बोइंग कम्पनी का संबंध है, इसके 1100 से भी अधिक विमान हैं। यह प्रतिदिन 2000 से भी अधिक उड़ानें भरते हैं और लाखों ही यात्री इनमें स़फर करते हैं। विगत लम्बी अवधि में एयर इंडिया कम्पनी सरकारी संरक्षण में चलती रही है। पिछले तीन वर्षों से टाटा समूह ने इस कम्पनी की कमान सम्भाली है। टाटा समूह अपनी गुणवत्ता के लिए ज़रूर जाना जाता है। चाहे हवाई उड़ानों के क्षेत्र में तकनीकी और अन्य पक्षों से सुरक्षा का बेहद ध्यान रखा जाता है और लगातार इन्हें नियमित भी किया जाता है, परन्तु इसके बावजूद कभी न कभी विश्व भर में ऐसे हादसे घटित हो जाते हैं। जहां तक हवाई स़फर का संबंध है इसकी सुरक्षा की ओर अधिक ध्यान देने की ज़रूरत होती है कि इस संबंध में कोई भी हादसा न हो, क्योंकि हवा में किसी भी हादसे के दौरान बचाव के उपाय किए जाने बेहद मुश्किल होते हैं। इस हादसे का दुखांत बेहद बड़ा है, जिसके संबंध में विश्व भर ने गहरा दु:ख और बड़ी चिन्ता व्यक्त की है।
नि:संदेह इस संबंध में पीड़ितों के लिए घोषित की गई बड़ी से बड़ी राशि भी इस दु:ख को कम करने में सहायक नहीं हो सकती परन्तु इस बेहद दु:खद हादसे ने एक बार फिर यह एहसास ज़रूर करवा दिया है कि सरकारें और संबंधित कम्पनियों को हवाई स़फर में सुरक्षा के ऐसे उत्तम प्रबन्ध ज़रूर करने चाहिएं, जिनसे ऐसे भयावह और दु:खद हादसे न हों, ताकि देश-विदेश में करोड़ों ही हवाई स़फर करने वाले यात्री पूरी तरह निश्चित होकर स़फर कर सकें। 

—बरजिन्दर सिंह हमदर्द

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