हिमाचल ने GST में मादक पदार्थों के लिए अलग ई-वे बिल की मांग की
शिमला, 9 अगस्त (चमन शर्मा)- नशीले पदार्थों के दुरुपयोग पर कड़ा अंकुश लगाने और दवा कंपनियों से मादक द्रव्यों के अन्य स्रोतों में जाने को रोकने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने कई सख्त कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार ने निगरानी, विनियमन और प्रवर्तन को मजबूत करने की दिशा में निर्णायक पहल की है। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि लाइसेंस प्राप्त दवा कंपनियों के संचालन की निगरानी के लिए उप-मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जा रही है। इसमें आबकारी विभाग, पुलिस और औषधि नियंत्रण प्राधिकरण के अधिकारी शामिल होंगे, जो नियामक मानकों का पालन सुनिश्चित करेंगे और मादक पदार्थों के दुरुपयोग को रोकेंगे। ट्रेसेब्लिटी को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार ने जीएसटी परिषद से विशेष रूप से मादक दवाओं और मनोप्रभावी पदार्थों के लिए समर्पित ई-वे बिल व्यवस्था शुरू करने की मांग की है। इससे उनकी आपूर्ति श्रृंखला की वास्तविक समय में निगरानी संभव होगी और हर स्तर पर नियंत्रण कड़ा होगा। साथ ही, राज्य कर एवं उत्पाद शुल्क विभाग ने लाइसेंसधारकों पर मात्रा संबंधी प्रतिबंध लगाए हैं, ताकि अतिरिक्त स्टॉक के अवैध उपयोग को रोका जा सके।