कंटेंट डिजाइन -बनने वाला है लड़कियों के लिए शानदार कॅरियर
इस डिजिटल युग में शब्दों और डिजाइन से दुनिया की दिशा काफी हद तक बदल दी है। एक समय तक जब कंटेंट राइटिंग को बस लेखन तक ही सीमित समझा जाता था, लेकिन आज की डिजिटल दुनिया में कंटेंट डिजाइन ने इसे रचनात्मकता और तकनीक का ऐसा संगम बना दिया है, जो कॅरियर के लिहाज से निर्णायक भूमिका अदा कर रहा है। चाहे वह शिक्षा हो, ई-कॉमर्स हो, सरकार की डोर स्टेप सेवाएं हों, एप डेवलपमेंट हो या ब्रांडिंग की बात हो। कंटेंट डिजाइन इन सभी क्षेत्रों में अपनी तरह से महत्वपूर्ण होता है। सबसे बड़ी बात यह है कि कई दूसरे कॅरियर क्षेत्रों से अलग लड़कियों के लिए यह क्षेत्र बेहद सुरक्षित और लचीला है। इसमें रचनात्मकता है, स्वतंत्रता है व भरपूर आर्थिक स्थिरता भी। इसलिए जानकारों का आंकलन है कि वुमन कॅरियर के लिहाज से यह क्षेत्र आने वाले दशकों में खूब फलने फूलने वाला है।
आखिर कंटेंट डिजाइन क्या है? वास्तव में यह इस बात की रणनीतिक सोच है कि किसी प्लेटफॉर्म पर यूजर को क्या और कैसे लिखें ताकि वह जल्दी, सरल और असरदार ढंग से समझ सके। सीधे शब्दों में कहें तो कंटेंट डिजाइन वो प्रक्रिया है कि जो किसी वेबसाइट, एप या डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सही संदेश को, सही रूप और टोन में उपयोगकर्ताओं तक पहुंचाती है। कंटेंट डिजाइन का काम यह तय करने का होता है कि कौन सा शब्द, कौन सी इमेज या कि कौन सा इंटरफेस यूजर के अनुभव को बेहतर बनायेगा? उदाहरण के लिए जब आप किसी एप में ‘पे नाउ’ या ‘प्रोसीड टू चैक आउट’ बटन देखते हैं, तो वह सिर्फ एक शब्द नहीं बल्कि बारीक सोच समझ के साथ डिजाइन किया गया कंटेंट एलीमेंट होता है। यही सोच वास्तव में कंटेंट डिजाइन की होती है।
क्या फले फूलेगा कंटेंट डिजाइन का कॅरियर? : क्योंकि आज हर क्षेत्र डिजिटल हो रहा है। बैंकिंग, शिक्षा, स्वास्थ्य, सरकारी योजनाएं आदि सब चीजें इन दिनों डिजिटल प्लेटफॉर्म में ही मौजूद हैं। इन सबको समझने योग्य और आकर्षक बनाने के लिए कंटेंट डिजाइनर्स की भारी मांग है। क्योंकि कंपनियां अब यूजर एक्सपीरियंस कंटेंट को समान प्राथमिकता दे रही हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इस फील्ड में घर से काम करने वालों के लिए भरपूर अवसर हैं। इसलिए महिलाएं इस फील्ड के लिए काफी उपयोगी हैं। क्योंकि उन्हें पारिवारिक जिम्मेदारियों और मातृत्व के कारण रिमोर्ट वर्क और फ्रीलांसिंग की ज़रूरत ज्यादा होती है। क्योंकि यह क्षेत्र टेक्नोलॉजी के साथ-साथ क्रिएटिविटी का भी संगम है। इसलिए यह महिलाओं के लिए ज्यादा उपयुक्त कॅरियर है, क्योंकि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले ज्यादा रचनात्मक होती हैं।
जरूरी योग्यता और कौशल : कंटेंट डिजाइन के क्षेत्र में कॅरियर बनाने के लिए यूं तो किसी विशेष डिग्री की अनिवार्यता नहीं होती, पर सही स्किल सेट का होना ज़रूरी होता है। जहां तक शैक्षणिक पृष्ठभूमि की बात है, तो ग्रेजुएशन इन इंग्लिश, मॉस्क कम्युनिकेशन, डिजाइन, जर्नलिज्म, फाइन आर्ट और साइकोलॉजी उपयुक्त पृष्ठभूमि प्रदान करते हैं। यूजर एक्सपीरियंस डिजाइन या कंटेंट स्ट्रेटेजी में सर्टिफिकेट अथवा डिप्लोमा कोर्स भी मान्य रखता है। इस क्षेत्र के लिए ज़रूरी स्किल्स में संक्षिप्त और उपयोगी भाषा लिखना, कंटेंट को तार्किक और सहज ढंग से प्रस्तुत करना, यूजर की ज़रूरतों को समझकर उसके सहयोग हेतु रचनात्मक डिजाइन तैयार करना और बेसिक डिजाइन टूल मसलन- फीगमा, कैनवा, मिरो, एडोब एक्सडी आदि टूल्स की जानकारी होना और एसईओ और डिजिटल एनालिटिक में माहिर होना ताकि कंटेंट ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सके। इन कुशलताओं के साथ-साथ यह समझना कि वास्तव में यूजर क्या चाहता है और उसके किसी आकर्षण के लिए ज़रूरी दिशा क्या होती है? ये समझ होना, इस क्षेत्र में प्रवेश के लिए उपयोगी स्किल्स हैं। इसके अलावा जो अन्य महत्वपूर्ण सॉफ्ट स्किल्स इस क्षेत्र में ज़रूरी होना है, उनमें क्लाइंट और टीम के साथ संचार क्षमता रखना, रचनात्मकता व कल्पनाशीलता होना तथा समय प्रबंधन की क्षमता के साथ निरंतर सीखते रहने की इच्छा का होना भी इस क्षेत्र के लिए ज़रूरी कुशलताएं हैं। 15 से 25 लाख रुपये का सालाना वेतन 7 वर्ष या इससे ज्यादा अनुभव हो जाने के बाद हासिल होता है और इस वरिष्ठ स्तर के पद को लीज करने वाले प्रोफेशनल को लीग कंटेंट डिजाइन या डिजाइन मैनेजर की जिम्मेदारी मिलती है। इसके अलावा फ्रीलांसिंग, कंसल्टेंसी आदि के जरिये भी क्रिएटिव कंटेंट डिजाइन बड़े आराम से 10 से 20 लाख रुपये सालाना कमाई कर सकते हैं।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर



