भारतीय बैडमिंटन में नई उम्मीद है -तन्वी शर्मा

साल 2008 में साइना नेहवाल ने वह हासिल किया था, जिसे उस समय अधिकतर लोग असंभव समझ रहे थे। वह बीडब्लूएफ वर्ल्ड जूनियर चैंपियन बनीं। उसके बाद से भारत में बैडमिंटन ने अनेक बुलंदियों को स्पर्श किया है लेकिन हाल के दिनों में नतीजे भारतीय खेल प्रेमियों की चाहतों के अनुरूप नहीं रहे हैं; क्योंकि स्टार खिलाड़ी बड़े मंच पर पहले की तरह प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं और युवा खिलाड़ी अपने पैर जमाने में समय ले रहे हैं। इस पृष्ठभूमि में दो उभरते हुए खिलाड़ियों ने भारतीय बैडमिंटन के प्रेमियों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफलता हासिल की है- उन्नति हूडा और तन्वी शर्मा। 
हाल ही में बीडब्लूएफ वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप गुवाहाटी, असम में हुई थी। इस प्रतियोगिता के टीम इवेंट में भारत ने ऐतिहासिक कांस्य पदक जीता, जिसमें उन्नति की प्रमुख भूमिका थी। तन्वी महिला वर्ग के एकल के फाइनल में पहुंची और वह 17 वर्ष के लम्बे अंतराल के बाद साइना के कारनामें को दोहरा ही देतीं, लेकिन दुर्भाग्य से चूक गईं। तन्वी को रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा। इसके बावजूद वह भारतीय बैडमिंटन की नई उम्मीद हैं और विशेषज्ञों की राय यह है कि वह भी साइना व पीवी सिंधु की तरह भविष्य में भारत के लिए ओलंपिक पदक ला सकती हैं। साइना ने लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था और सिंधु ने रिओ ओलंपिक में रजत व टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक अपने नाम किये थे। 
तन्वी वर्तमान में जूनियर वर्ल्ड नंबर 1 हैं और वह इस साल के शुरू में यूएस ओपन सुपर-300 के फाइनल में भी पहुंचीं थीं। इसलिए इस चर्चा का शुरू होना स्वभाविक था कि साइना व सिंधु की तरह तन्वी भारतीय बैडमिंटन का अगला बड़ा सितारा बनने जा रही हैं। तन्वी इन्हीं दो महान खिलाड़ियों को खेलता हुआ देखकर बड़ी हुई हैं। ये दोनों ही उनकी आदर्श हैं; क्योंकि उनके खेल व सफलता के कारण ही तन्वी को बैडमिंटन से प्यार हुआ है। सच, अंतर्राष्ट्रीय मंच पर कामयाबी बहुत लोगों को अपने हीरोज के पदचिन्हों पर चलने के लिए प्रेरित करती है। तन्वी ने बताया, ‘मुझे वास्तव में कोर्ट में सिंधु दीदी की आक्रमकता, वह जिस तरह से खेलती हैं, हर पॉइंट के बाद वह जिस तरह प्रतिक्रिया करती हैं आदि बहुत पसंद है, विशेषकर यह भी कि वह कभी नर्वस दिखायी नहीं देतीं।’ लेकिन तन्वी अपने खेल को सिंधु पर नहीं बल्कि ताइवान की महान खिलाड़ी ताई त्जू यिंग पर मॉडल करना चाहती हैं। उन्हें ताई की शैली से प्यार है और वह उसे अपने अंदाज़ से अपनाना चाहती हैं। तन्वी बताती हैं, ‘ताई का खेल डिसेप्शन (चकमा) देने वाला है और मैं रोज़ाना अपने कोच से मालूम करती हूं कि वह ऐसा कैसे करती हैं? ताई के मैच देखकर मैं फोरहैंड स्लाइस करना तो सीख गई हूं।’ 
ताई जैसी सारी कलाकारी सीखने के लिए तन्वी के पास समय है। लेकिन अभी के लिए उन्हें कई अन्य क्षेत्रों में अपने अंदर सुधार लाना है ताकि वह अगले लेवल तक पहुंच जायें। 16-वर्षीय तन्वी का कहना है, ‘मुझे अभी अपनी फिटनेस, कोर्ट सहनशीलता और नेट स्किल्स पर काम करना है ताकि अगले लेवल तक पहुंच जाऊं। उच्चतम स्तर पर खेलना आसान काम नहीं है।’ बहुत कम लोग यह बात जानते हैं कि तन्वी ने खेलने की शुरुआत एक प्रतिभावान जूडोका के रूप में की थी लेकिन जब उन्होंने होशियारपुर, पंजाब के अपने घर में अपनी मां मीना व बहन राधिका को बैडमिंटन का मैच खेलते हुए देखा, तो उन्हें इस खेल से हमेशा के लिए प्यार हो गया। दोनों बहनों में प्रतिभा भरपूर है और मीना के शुरुआती गाइडेंस में उन्होंने ज़बरदस्त प्रैक्टिस की। जब राधिका ने गोपीचंद अकादमी में ट्रेनिंग आरंभ की तो तन्वी भी उनके पीछे-पीछे वहीं चली गईं, जबकि उस समय वह मात्र 6 वर्ष की थीं। रेजिडेंट ट्रेनी तन्वी को छह साल तक तराशा गया और उसके बाद वह राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने लगीं। 
तन्वी बताती हैं, ‘प्रतियोगिताओं में भाग लेते हुए मैंने फैसला किया कि अब मुझे बैडमिंटन को अपना प्रोफेशन बना लेना चाहिए और फिर मैंने गुवाहाटी के नेशनल सेंटर ऑ़फ एक्सीलेंस में ट्रेनिंग करने का फैसला किया।’ एनसीई में तन्वी को दक्षिण कोरिया के कोच पार्क तै-संग की निगरानी में ट्रेनिंग करने का अवसर मिला, जो बीडब्लूएफ वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप के दौरान कोर्ट के बाहर बैठकर उनका हौसला बढ़ा रहे थे। तन्वी बताती हैं, ‘मुझे उनके साथ ट्रेनिंग करने में अच्छा लगता है। वह बहुत मज़ाकिया हैं और कभी-कभी बहुत सख्त भी।’ अगर तन्वी के अभी तक के कॅरियर रिकॉर्ड की बात करें तो महिला एकल में उनकी 50 जीत व 19 हार हैं। बीडब्लूएफ वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में उन्होंने एक रजत (एकल) व एक कांस्य (टीम) पदक जीता। एशियन टीम चैंपियनशिप्स 2024 में वह स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय महिला टीम का हिस्सा थीं और इसके अतिरिक्त उन्होंने 2025 एशियन जूनियर चैंपियनशिप्स में कांस्य पदक (लड़की एकल) भी जीता है।

-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर 

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