बॉलीवुड फिल्मों में जब स्टार से ज्यादा चर्चा में रहा स्टाइल
सिनेमा अकसर कहानियों से याद किया जाता है, लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि कहानियां पीछे छूट जाती हैं और याद रह जाती हैं कुछ खास स्टाइल। चाहे वह कोई देश हो, चाहे विलेन, वैम्प या हीरोइन की चाल हो, चाहे किसी खास किरदार की कोई खास लुक हो, ये कुछ ऐसी बातें हैं, जो दर्शकों के दिल में बस जाती हैं और सालों साल इनकी चर्चा होती रहती है, भले फिल्म सुपरहिट हो या न हो। मगर यहां हम बात सभी चीजों की करने की बजाय कुछ ऐसी पोशाकों या डे्रसेज के बारे में करेंगे, जो अपनी फिल्मों से भी कहीं ज्यादा हिट हुईं। यहां तक कि लोग फिल्मों का नाम भूल गये, लेकिन इन फिल्मों में नमूदार हुई विशेष ड्रेसों को नहीं भूले। आइये ऐसी ही कुछ पोशाकों को याद करें।
‘मुगल-ए-आज़म’ जिससे निकली अनारकली सूट की परम्परा
1960 में आयी फिल्म मुगल-ए-आज़म में इसकी हीरोइन मधुबाला का किरदार जितना कालजयी बना, उतना ही कालजयी एक परिधान भी इस फिल्म के जरिये भारतीय समाज का हिस्सा बना, जिसे ‘अनारकली सूट’ का नाम मिला। फिल्म में मधुबाला द्वारा पहने गये शिफॉन के घाघरे, जरीदार कढ़ाई वाले कुर्ते और मोती जड़े दुपट्टों ने दर्शकों को कुछ इस तरह से मोहा कि समूचा फैशन समाज हिल गया। सबसे दिलचस्प बात ये रही कि फिल्म में इस्तेमाल किये गये कपड़े असली सोने-चांदी की जरी से बुने गये थे। शब्द ‘अनारकली सूट’ इसी फिल्म से आया जो आज तक लोगों की जुबान में चढ़ा हुआ है।
फिल्म ‘बॉबी’ की डिंपल कपाड़िया जब बनी युवा फैशन की धड़कन
राज कपूर की फिल्म बॉबी वैसे तो एक प्रेम कहानी थी, पर लोगों की इस फिल्म में ज्यादा दिलचस्पी बॉबी की ड्रेस रही। डिंपल का लाल पोलका डॉट टॉप, स्कर्ट और सफेद रिब्बन वाला हेयर बैंड आज भी ‘रेट्रो फैशन’ की पहचान है। बॉबी के बाद भारत में पोलका डॉट कपड़ाें की बिक्री कई गुना हो गई थी। इस पर तब कई फिल्मी मैगजीनों में लिखा था, ‘दरअसल हर लड़की बॉबी बनना चाहती है’। डिंपल का स्टाइल बोल्ड भी था और चुलबुला भी। उन्होंने 70 के दशक की भारतीय युवतियों को ऐसा आत्मविश्वास दिया था कि वे भी अपनी फैशन परिभाषा खुद से एकत्र की हैं। आज भी ‘बॉबी लुक’ के नाम से लोग पोलका डॉट ड्रेस को जानते हैं।
‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ की सिमरन का सूट और राज की जैकेट
अगर कहा जाए कि सन् 1995 में आयी काजोल और शाहरुख खान की फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे’ में सिमरन का सूट और राज की जैकेट रोमांस की निशानी बन गये, तो कतई अतिश्योक्ति नहीं होगी। दरअसल यश चोपड़ा की इस फिल्म ने प्रेम कहानियों को नई ऊंचाई दी, जब फैशन की भावना बदल गई। काजोल के हरे रंग का पटियाला सूट और उस पर पीले दुपट्टे ने सादगी की नई ऊंचाई छू लिया। पंजाब और दिल्ली के बाजार में इस फिल्म के बाद ‘सिमरन सूट’ की भारी मांग बढ़ गई। वहीं शाहरुख खान का ब्राउन लैदर जैकेट और रिप्ड जींस युवाओं की पहचान बन गई। कहते हैं फिल्म के रिलीज के बाद ‘राज जैकेट’ नाम से बाज़ार में दर्जनों कॉपी मॉडल आ गये और धड़ाधड़ बिकने लगे। अंतत: डीडीएलजे ने यह साबित किया कि बॉलीवुड में रोमांस सिर्फ भावनाओं से ही नहीं बल्कि कपड़ों से भी बयां होता है।
देवदास की पारो और चंद्रमुखी ने जब महलों के परिधानों को मात दी
संजय लीला भंसाली वैसे भी धनता के पर्याय माने जाते हैं। फिल्म देवदास ने सिर्फ अभिनय का ही काव्य नहीं रचा बल्कि यह एक किस्म का दृश्य उत्सव भी था। ऐश्वर्या रॉय की ‘लाल बनारसी साड़ी’ और माधुरी दीक्षित की ‘घुंघरुदार सुनहरी लहंगा चोली’ आज भी इंडियन ब्राइडल फैशन में सबसे ऊपर हैं। फिल्म की कास्ट्यूम डिजाइनर नीता और अबु जानी, संदीप खोसला ने करीब 6 हजार मीटर कपड़ों का इस्तेमाल किया था, उस दौर की दुल्हनों ने ‘पारो लुक’ और ‘चंद्रमुखी साड़ी’ की नकल की झड़ी लगा दी। फिल्म के गीत ‘काहे छेड़े मोहे..’ में माधुरी का झिलमिलाता लहंगा आज भी बॉलीवुड नृत्य परिधानों में सबसे तिलिस्मी है। इस फिल्म के बाद ही कास्ट्यूम डिजाइनरों की मांग और इज्जत बहुत ज्यादा बढ़ गई।
‘जब वी मैट’ की गीत सूद जब हर लड़की का पहचान पत्र बन गई
2007 में आयी फिल्म ‘जब वी मैट’ में करीना कपूर का किरदार गीत जितना चुलबुला और बेबाक था, अपने फैशन में भी वह उतना ही बिंदास था। उनके मल्टीकलर पटियाला सूट और फुलकारी दुपट्टे ने भारतीय कॉलेज फैशन में तूफान ला दिया था। ‘गीत लुक’ नाम से दुकानों में सूट ही बिकने लगे और करीना का यह अंदाज युवतियाें का आत्मविश्वास बन गया। कहते हैं इस फिल्म के बाद पंजाबी ड्रेस महज एक पारंपरिक ड्रेस नहीं रही बल्कि मॉडर्न इंडियन लड़कियों की पहचान बन गई। आज भी जब कोई रंगीन ड्रेस देखी जाती है तो युवतियां बिना जोर डाले कह उठती हैं, ‘पूरा गीत वाला वाइब है’।
दरअसल इन पांचों फिल्मों ने हाल के दशकों में स्क्रीन में फैशन को नई ऊंचाईयां दी हैं। ‘अनारकली सूट’ ने परंपरा को शालीनता दी’। ‘बॉबी लुक’ ने आधुनिकता को स्वीकार किया, डीडीएलजे ने रोमांस को सादगी से जोड़ा, देवदास ने भारतीय परिधान की गरिमा बढ़ायी और ‘जब वी मैट’ ने आत्मविश्वास को रंगों में ढाला। फिल्में बीत जाती है, पर कई फिल्मों के लुक समय के साथ ट्रेंड बन जाते हैं। इन फिल्मों के फैशन स्टाइल हमेशा हमेशा के लिए फिल्मी इतिहास का अजर-अमर हिस्सा हो गये हैं।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर





