प्रथम श्रेणी क्रिकेट के तेंदुलकरवसीम जाफर 

 उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मैच दस साल पहले अप्रैल 2008 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कानपुर में खेला था। चालीस साल की उम्र में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में दोहरा शतक बनाने वाले वे दुनिया के सिर्फ  पांचवें बल्लेबाज हैं। भारत और एशिया में तो यह कारनामा करने वाले वह पहले बल्लेबाज हैं। दुनिया में उनके अलावा इस उम्र में 300 या इससे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों में शामिल हैं- डब्ल्यूजी ग्रेस, पैसी हेंडेउन, बॉबी एबल, और डेव नॉर्स नटाल। इनमें ग्रेस ने 48 साल से भी ज्यादा की उम्र में 301 रन और इतने ही रन नाबाद रहते हुए पैसी हेंड्रेन ने 44 साल 5 महीने की उम्र में सन् 1933 में बनाये थे। जबकि बॉबी एबल ने 41 साल 6 महीने की उम्र में 357 रन और डेव नॉर्स नटाल ने 41 साल 2 महीने 9 दिन की उम्र में 304 रन बनाये थे। वसीम जाफर ने बहुत कम उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। स्कूली क्रिकेट में 15 साल की उम्र में उन्होंने 400 रन नाबाद की पारी खेली थी। जबकि अपने दूसरे ही प्रथम श्रेणी मैच में उन्होंने 314 रन बनाये थे। जाफर ने पहली बार सुलक्षण कुलकर्णी के साथ मिलकर मुंबई के लिए पहले विकेट के लिए 400 रन से ज्यादा की साझेदारी की थी। दोनों ने कुल 459 रन जोड़े थे। साल 2007 में कलकत्ता के ईडन गार्डेन मैदान में पाकिस्तान के विरुद्ध जाफर ने अपने टेस्ट करियर का दूसरा दोहरा शतक (202) बनाया था। रणजी क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड भी जाफर के नाम है। उन्होने अमोल मजूमदार का रिकॉर्ड तोड़ा था। 16 फरवरी, 1978, को मुंबई में पैदा हुए जाफर भारत, भारत ए, भारतीय बोर्ड अध्यक्ष एकादश, मुंबई, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, पश्चिम क्षेत्र, विदर्भ जैसी टीमों के साथ अब तक खेलते रहे हैं। वह दाहिने हाथ से बल्लेबाजी करते हैं। जबकि उनकी गेंदबाजी की ली राइट-आर्म ऑफ-ब्रेक है।


 -साशा
फ्यूचर मीडिया नेटवर्क