खट्टा सिंह की गवाही से डेरा सिरसा प्रमुख की मुश्किलें और बढ़ीं


साध्वी यौन शोषण मामले में 20 साल की सज़ा काट रहे डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मुश्किलें फिर से बढ़ गई हैं। रोहतक ज़िले की सुनारिया जेल में बंद गुरमीत राम रहीम पर पत्रकार छत्रपति व डेरे के पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या का आरोप है। डेरा प्रमुख को सीबीआई कोर्ट द्वारा 20 साल की सज़ा सुनाए जाने के बाद डेरा प्रमुख के पूर्व ड्राइवर रहे खट्टा सिंह ने सीबीआई कोर्ट में अर्जी देकर फिर से बयान करवाए जाने का आग्रह किया था। उसका कहना था कि डेरा प्रमुख के प्रभाव व डर के चलते वे कोर्ट के समक्ष सच्चाई को ठीक से बता नहीं पाया था और अब वे कोर्ट के समक्ष पूरी सच्चाई लाना चाहता है ताकि कोर्ट के सामने सही तथ्य आ सके और कोर्ट को इन मामलों में न्याय करने में आसानी रहे।
सीबीआई कोर्ट ने खट्टा सिंह की अर्जी को खारिज कर दिया था। इस बारे फिर उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। खट्टा सिंह की हाईकोर्ट में अर्जी पर सुनवाई के दौरान सीबीआई कोर्ट में यह मामला लंबित रहा और आखिरकार हाईकोर्ट ने खट्टा सिंह को फिर से बयान देने और कोर्ट के समक्ष पूरी सच्चाई रखने की इजाजत दे दी।
हाईकोर्ट के इन आदेशों को डेरा प्रमुख ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी और सुप्रीम कोर्ट ने भी डेरा प्रमुख को कोई राहत देने की बजाय खट्टा सिंह को फिर से गवाही देने बारे हाईकोर्ट के आदेशों को हरी झंडी दे दी। इसके चलते खट्टा सिंह ने पांच मई को पत्रकार छत्रपति हत्याकांड में अपनी गवाही दर्ज करवा दी है और रणजीत सिंह हत्याकांड में भी उसकी गवाही होने जा रही है। जब छत्रपति व रणजीत सिंह की हत्याएं हुई थी तो उस समय खट्टा सिंह डेरा प्रमुख के ड्राइवर थे और हर समय डेरा प्रमुख के आसपास ही रहते थे। दोनों घटनाओं में उसे बेहद अहम व मौके का गवाह माना जा रहा है। अब खट्टा सिंह की गवाहियों पर बहस शुरू होगी और उम्मीद की जा रही है कि छत्रपति व रणजीत सिंह हत्याकांड में भी सीबीआई कोर्ट अपना फैसला जल्दी ही सुना सकती है।
खिलाड़ियों का सम्मान समारोह स्थगित
राष्ट्रमंडल खेलों में देश ने 66 मैडल जीते थे और इनमें से एक तिहाई मैडल जीतने वाले खिलाड़ी हरियाणा से संबंधित थे। इन खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए प्रदेश सरकार ने एक सम्मान समारोह आयोजित करने की न सिर्फ घोषणा कर दी थी बल्कि उस समारोह के लिए कार्ड तक भी छप गए थे और बंट भी गए थे। इसी बीच सरकार व खिलाड़ियों में पुरस्कार राशि को लेकर कुछ विवाद पैदा हो गया। इस विवाद के चलते कई खिलाड़ियों ने समारोह के बहिष्कार का भी मन बना लिया था। जैसे ही यह सूचना प्रदेश सरकार तक पहुंची तो सरकार को आनन-फानन में यह पुरस्कार समारोह स्थगित करना पड़ा।
विवाद यह हुआ था कि प्रदेश के कुछ खिलाड़ियों को रेलवे सहित कई अन्य विभागों ने नौकरी दे रखी है। जैसे ही इन खिलाड़ियों ने मैडल जीते तो उनके मूल विभागों ने उन्हें नगद पुरस्कार सहित सम्मानित करने की घोषणा कर दी। ऐसे में इनको इनके विभागों के साथ-साथ हरियाणा सरकार से भी नगद पुरस्कार राशि मिलने जा रही थी। जो खिलाड़ी अन्य संस्थानों व केंद्रीय संगठनों के कर्मचारी नहीं थे, उन्हें सिर्फ हरियाणा सरकार से ही पुरस्कार राशि मिलनी थी। सरकार ने सभी को एक बराबर रखने की दृष्टि से यह निर्णय ले लिया कि जिन खिलाड़ियों को रेलवे सहित उनके अपने विभागों व संस्थानों से जो पुरस्कार राशि मिली है उतनी राशि घटाकर बाकी राशि प्रदेश सरकार की ओर से दी जायेगी। ताकि सभी खिलाड़ियों को पुरस्कार राशि एक समान मिल सके।
खिलाड़ियों का एतराज इस बात का था कि प्रदेश सरकार अपनी ओर से सभी को एक समान पुरस्कार राशि दे और उन्हें इस बात से कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए कि अन्य संस्थान किस खिलाड़ी को कब, कितना व क्या पुरस्कार देते हैं। इसी बात को लेकर विपक्ष ने भी सरकार को घेरना शुरू कर दिया और केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह ने भी एतराज उठाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार को बिना कोई भेदभाव किए सभी को एक समान पुरस्कार राशि देनी चाहिए। राज्य सरकार ने एक बार तो घोषणा करने के बाद भी पुरस्कार सम्मान समारोह स्थगित कर दिया है और अब यह पुरस्कार समारोह कब और कहां होगा, फिलहाल कोई तय नहीं है।
इनेलो-बसपा का एस.वाई.एल. पर जेल भरो आंदोलन
हरियाणा में इनेलो व बसपा का गठबंधन होने के बाद दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच आपसी बेहतर तालमेल बनाने व प्रदेश से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर संयुक्त आंदोलन चलाने के लिए दोनों दलों की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक पिछले हफ्ते कुरुक्षेत्र में बुलाई गई। बैठक में दोनों दलों के प्रमुख नेताओं व पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक से पहले एसवाईएल पर इनेलो की ओर से पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार जेल भरो आंदोलन शुरू हुआ और दोनों दलों की बैठक के बाद यमुनानगर में जेल भरो आंदोलन रखा गया।
दोनों दलों की ओर से एसवाईएल के साथ-साथ दादूपुर नलवी नहर का निर्माण, किसानों, गरीबों व मजदूरों के कज़र्े माफ करने और आगरा व मेवात कनाल का मामला भी उठाया जा रहा है और किसानों को स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार फसलों के लाभकारी मूल्य दिए जाने की भी मांग की जा रही है। बसपा कार्यकर्ता 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान दलित वर्ग के लोगों के खिलाफ दर्ज मामले वापिस लिए जाने और उन्हें रिहा करवाना चाहते हैं। इनेलो ने भी इस मुद्दे पर बसपा कार्यकर्ताओं के सुर में सुर मिलाते हुए इस मांग को काफी जोर-शोर से उठाना शुरू कर दिया है।
खट्टर ने मुख्यमंत्री पंजाब को लिखा पत्र
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर यूके व इजराईल के दौरे पर रवाना हो गए हैं। वे इससे पहले भी कई देशों का दौरा कर चुके हैं। विदेश दौरे पर जाने से पहले वे जाते-जाते मुख्यमंत्री पंजाब को एक पत्र भी लिखकर गए हैं जिसमें उन्होंने कहा है कि रावी नदी में देश के हिस्से का पानी जो बहकर पाकिस्तान जा रहा है, उसके सदुपयोग और प्रबंधन के लिए व इस पानी को रोकने के लिए मिलकर प्रयास करना चाहिए। इसमें न सिर्फ हमें लाभ होगा बल्कि केंद्र को भी ज़रूरी कदम उठाने के लिए कहा जायेगा। अब पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा इस पत्र पर दिए जाने वाले जवाब का सभी को इंतज़ार रहेगा।
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