पहचानें सब्ज़ियों की ताज़गी

सब्ज़ियों की ताजगी और उनकी गुणवत्ता का पता उन्हें छूने से नहीं हो सकता है। इसके लिए ज़रूरी है निम्न बातों पर गौर किया जाए।
चुकंदर : चुकंदर वही ताजे होते हैं जो खूब गहरे लाल रंग और बैंगनी रंगत लिए हुए हों और जिनकी ऊपरी परत फटी हुई न हो।
पत्तागोभी व फूलगोभी : गोभी जो छोटी, गोल और एकदम गठी हो, वह अच्छी है। छोटे-छोटे छेदों का ध्यान रखें, जिनका मतलब है कि आपके खाने से पहले कीड़े उसे खा चुके हैं।
गाजर : जो गहरा केसरिया रंग लिए हुए हो तथा जिसकी ऊपरी परत बिना सलवटें लिए एकदम साफ हो।
लहसुन : जिसकी बाहरी परत एकदम सूखी हो। हाथ लगाकर उसकी गांठ पहचानें कि एकदम सख्त हो और थोड़ी गोलाई लिए हुए हों।
मशरूम : जो थोड़े नरम हों और मानो एक ही सांचे में ढले हुए चिकने से हों ध्यान रहे कि वे साफ भी हों।
प्याज : एकदम सख्त, सूखे व ऊपरी छिलका थोड़ा चिकना व गुलाबी रंगत लिए हुए हो।
मटर : जिसकी फलियां थोड़ी नरम, मुलायम हों और उनका रंग सुनहरा हरा हो।
आलू : जो एकदम टाइट हों, ऊपरी सतह चिकनी हो। टूटी हुई त्वचा वाले न लें और न ही, जो बाहर से खूब काले या मिट्टी से भरे हुए हों। यह भी ध्यान रखें कि उनमें अंकुर निकले हुए न हों। जिन आलुओं की त्वचा हरी हो, वे भी न खरीदें।
टमाटर : जो गोलाई और थोड़ा मोटापा लिए हुए हों, लाल व सख्त हों। ध्यान रहे, उनमें कोई दाग या काले निशान न हों और न ही वे पिलपिले हों।
फ्रेंच बींस : हरी-हरी कच्ची फलियां लें। हाथ लगाकर स्पर्श करें। 
भिंडी : छोटी-छोटी लंबाई लिए हुए पसंद करें। उन पर काले निशान न हों। उनकी पूंछ को हाथ लगाकर तोड़ें। अगर वे झट से टूट जाती हैं तो एकदम ताज़ा हैं।
तुरई : ऊपर का छिलका बहुत ज्यादा कांटेदार न हो और न ही उन पर काले निशान हों। ज्यादा मोटी भी न लें, क्योंकि फिर उसमें अंदर बहुत बीज व रेशे होंगे।
धनिया पत्ती : पत्तियां मुलायम और हरी हों। पीली पड़ी हुई न लें। न ही अलसाई हुई पत्तियां लें, क्योंकि इनमें खुशबू नहीं रहेगी। बहुत गीली गड्डियां भी न लें, क्योंकि इनमें काफी पानी रहेगा और ये जल्दी गल जायेंगी। इन्हें हमेशा कागज़ में लपेटकर रखें।
नींबू : थोड़े से बड़े लें जो चिकने हों और उनका छिलका पतला हो तथा उन पर काले निशान न हों।
लौकी : लंबाई लिए हुए पतली लौकी का चुनाव करें। जिसका छिलका हल्के हरे रंग का हो और थोड़ी चिकनाई लिए हुए हो।
परवल : लंबाई लिए हुए हों और जिन पर सुनहरा रंग हो तथा हल्की-सी गहरे रंग की धारी भी दिखती हो। पीले पड़े हुए न लें, न ही मोटाई लिए हुए परवल लें क्योंकि अंदर के बीज पके हुए हो सकते हैं।

(उर्वशी)
—नरेन्द्र देवांगन