आओ जानें धुंध, ओस और कोहरे के बारे में

 

प्यारे बच्चो, पूरा वर्ष हम चार मौसमों का आनंद लेते हैं, जैसे गर्मी, सर्दी, पतझड़ और बसंत। इस मौसमों में से गर्मी, सर्दी का समय लम्बा होता है। इस समय भारत में सर्दी का मौसम चल रहा है, खास तौर पर उत्तर भारत में ज्यादा ठंड पड़ रही है। इस मौसम में धुंध, ओस, कोहरा और बर्फ ज्यादा पड़ती है, आज हम इनके बारे में जानकारी हासिल करेंगे।  बच्चो, धुंध उस समय पड़ती है जब धरती के निकट वाली हवा ठंडी हो जाती है तो इन हवाओं के जल-कण और मिट्टी के छोटे-छोटे कणों पर टिककर हमारे वायुमंडल में घूमती दिखाई देती है। इन कारणों के कारण हवाएं गहरी और धुंधली दिखाई देती है, जिसको हम धुंध कहते हैं।
प्यारे बच्चो, इस मौसम में ओस को घास, पौधों या खुले आसमान के नीचे पड़ी चीज़ों पर ज़रूर देखा होगा। ओस के कारण रात के समय में घास, पत्ते और अन्य पौधे ठंडे हो जाते है। नमी से भरी हवा रात को जब ठंडी घास या पत्तों से लगती है तो वह अपनी नमी संभाल नहीं पाती। हवाओं की यह नमी पानी की छोटी-छोटी बूंदों में बदल जाती है और छोटी-छोटी बूंदों के रूप में घास, पत्तों के साथ लग जाती हैं। इसको ओस कहते हैं। बच्चो आपने देखा होगा कि जिस दिन आकाश में बादल होते हैं, उस दिन सुबह ओस नहीं पड़ती, क्योंकि उस दिन सूर्य की गर्मी के साथ धरती से विकिरण क्रिया नहीं हुई होती।
इसी प्रकार बच्चो कोहरा भी धुंध की तरह होता है, क्योंकि धुंध और कोहरा एक ही तरह बनते हैं, फर्क सिर्फ यह है कि धुंध गहरी होती है।
इस प्रकार बच्चो आपने पहाड़ी इलाकों में बर्फ पड़ती भी देखी होगी। नमी वाली हवा वायुमंडल के बहुत ठंडे भागों में चली जाती है। इस हवाओं की नमी पानी में नहीं बदलती, बल्कि यह नमी आकाश में ही जमकर बर्फ का रूप धारण कर के धरती पर गिरने लगती है। यह ‘सनोफाल’ का मनमोहक दृश्य सबको अद्भुत खुशी प्रदान करता है। प्यारे बच्चो, यदि सभी ऋतुओं व मनमोहक प्रकृतिक नजारों का आनंद लेना है तो हम सब धरती वासियों को पर्यावरण प्रदूषण रोकने में अपना योगदान डालना पड़ेगा।
सरकारी मिडल स्कूल, धर्म सिंह वाला, ज़िला मोगा।
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