संतों की संत मैरी मैग्डलीन की गुफा

 

 मैरी मैग्डलीन, जिन्हें मैग्डेल की मरियम भी कहा जाता है, ने प्रार्थना करते व ध्यान लगाते हुए अपने जीवन के अंतिम 30 साल एक पहाड़ की गुफा में गुजारे थे, जोकि दक्षिण फ्रांस में ला सैंटे-बाउमे के पवित्र वन में स्थित है। सदियों से ला सैंटे-बाउमे को मार्सिले का पवित्र पर्वत भी कहते हैं। ईसाइयों के लिए मैरी मैग्डलीन की गुफा येरुशलम व रोम के बाद तीसरा सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। इसलिए हर साल 22 जुलाई को, जोकि मैरी मैग्डलीन का फीस्ट डे है, हजारों तीर्थयात्री पहाड़ की खतरनाक ढलान पर चढ़ते हैं, जो प्राचीन वन से घिरी हुई है और जिसके पेड़ सैंकड़ों वर्ष पुराने बताये जाते हैं। 
मार्सिले शहर की चहल पहल से बचते हुए, मैं बस के जरिये गुफा पहुंचा। सभी वाहनों को पहाड़ की जड़ में पार्क करना होता है। बस से उतरने के बाद मैं भी अन्य तीर्थयात्रियों व पर्यटकों के साथ स्टीप रास्ते पर चढ़ने लगा। जगह की धार्मिक पवित्रता को मद्देनज़र रखते हुए सभी लोग खामोशी से चल रहे थे। कुछ बुजुर्ग कुछ मिनट चलने के बाद रुक जाते और प्राचीन पेड़ों को निहारने लगते या अपनी पानी की बोतलें भरने लगते, जबकि कुछ तरोताजा रहने के लिए अपना मुंह धोते। मैं भी प्राकृतिक सौन्दर्य का आनंद लेते हुए धीरे धीरे चल रहा था। कई किलोमीटर की पैदल यात्रा के बाद आखिरकार पवित्र गुफा दिखायी दी।
मैरी मैग्डलीन की पवित्र गुफा से पवित्र वन का साफ नज़ारा मिल रहा था और क्षितिज पर मेडिटरेनियन सागर दिखायी दे रहा था। गुफा के प्रवेशद्वार पर पिएटा मूर्ति है, यानी वर्जिन मैरी की ऐसी मूर्ति जिसमें वह यीशु मसीह के मृत शरीर को अपनी गोद या बाहों में पकड़े होती हैं। पिएटा मूर्ति के पीछे विशाल वेदी है। मैरी मैग्डलीन की बड़ी मूर्ति उस जगह रखी हुई है, जहां वह सोया करती थीं। गुफा में केवल उसी जगह पर पानी ने घुसपैठ नहीं की है। मैरी मैग्डलीन के लिए श्रद्धालुओं में भक्तिभाव प्रेरणादायक है। 
मैरी मैग्डलीन को लेकर अनेक कहानियां हैं। गुफा की निगरानी करने वाले डोमिनिकन संतों ने जो हमें सुनायी, उसके अनुसार मैरी मैग्डलीन रोमनों के हाथों ईसाइयों पर किये जा रहे अत्यचारों से बचने के लिए शताब्दियों पहले प्रोवेंस के तट पर एक पतवार रहित जहाज से आयी थीं और इस गुफा को उन्होंने अपना ठिकाना बना लिया। उन्होंने अनेक चमत्कार किये। जो भी उनके पास उनका आशीर्वाद लेने के लिए आता उसे वह ईश्वर के प्रेम की परिवर्तनकारी शक्ति की शिक्षा देतीं। उनके उपदेशों से न केवल फ्रांस के शाही परिवार ने ईसाई धर्म कुबूल किया बल्कि स्थानीय लोग भी ईसाई हो गये। स्थानीय लीजेंड है कि मैरी मैग्डलीन का एकमात्र भोजन होली युहरिस्ट (ईसा मसीह के अंतिम भोज का स्मारक रात्रि भोज, जिसमें वाइन या अंगूर के रस का एक सिप व ब्रेड का एक छोटा सा टुकड़ा लिया जाता है) था, जो उन्हें हर रोज फरिश्तों से हासिल होता था। जब मैरी मैग्डलीन का अंतिम समय आया तो फरिश्ते उन्हें स्वर्ग ले गये। गुफा में मैरी मैग्डलीन की मूर्ति को देखते हुए मुझे एहसास हुआ कि हर व्यक्ति को अपने आसपास के लोगों और ईश्वर के साथ अपना ही विशेष संबंध स्थापित करना चाहिए जोकि प्रेम पर आधारित हो। 
ईसा मसीह की मां मदर मैरी के बाद मैरी मैग्डलीन सबसे महत्वपूर्ण महिला संत हैं। मदर मैरी शुद्धता, दया व दैविकता की प्रतीक हैं, जबकि मैरी मैग्डलीन को कम नैतिक मूल्यों वाली ऐसी महिला समझा जाता है, जिनके शरीर के भीतर के सात राक्षसों को ईसा मसीह ने बाहर निकाला। लेकिन बाइबिल की न्यू टेस्टामेंट सहित ईसाइयों के आध्यात्मिक साहित्य में मैरी मैग्डलीन ईसा मसीह की नज़दीकी साथी के रूप में नज़र आती हैं। उन्होंने ही ईसा मसीह को सलीब पर चढ़ाए जाने व उनके ‘फिर जिंदा हो जाने’ को सबसे पहले देखा था। इसलिए उन्हें ‘संतों की  संत’ कहा कहा जाता है। अब वह दैविकता के उस महिला चेहरे का प्रतिनिधित्व करती हैं जिसे पश्चिमी संस्कृति में दबाया जा रहा है।
गुफा का अंतिम चरण सीधी सीढ़ियों पर चढ़ना है। सीढ़ियां अनंत प्रतीत होती हैं। किस्मत से, उनके एक तरफ रेलिंग है, उन लोगों के लिए जिनको इन पर चढ़ने में कठिनाई आती है। आखिरकार मैं उस गुफा के चौड़े प्रवेशद्वार तक भी पहुंच गया, जिसे सुंदर स्टेंड ग्लास की खिड़कियों और नक्काशी किये गये दरवाजे से कवर किया हुआ है। गुफा के अंदर अंधेरा व नमी थी और वह सैंकड़ों जली हुई मोमबत्तियों से ढका हुआ था। मैंने एक पल को सोचा कि इस अंधेरी जगह में किसी ने 30 वर्ष कैसे गुजारे होंगे। लेकिन तभी गुफा में मुझे ऊर्जा महसूस हुई। गुफा बड़ी है और उसमें एक चैपल है, आसन है और मैरी मैग्डलीन को स्वर्ग में ले जाते फरिश्तों की शानदार मूर्ति। यहां नियमित मास (पूजा) का आयोजन होता है, लेकिन मेरे वहां पहुंचने से पहले वह समाप्त हो चुका था। गुफा के तहखाने में ग्लास की गुम्बद है, जिसमें मैरी मैग्डलीन की खोपड़ी के अवशेष रखे बताये जाते हैं। कई सारी बेंच हैं, जिनमें से एक पर बैठकर मैं इस उल्लेखनीय महिला संत के समक्ष विश्व शांति के लिए प्रार्थना करता हूं। मैंने गुफा को आखिरी बार देखा, मैरी मैग्डलीन का शुक्रिया अदा किया कि उनके साथ समय बिताने का मुझे अवसर मिला और फिर मैं पहाड़ी से नीचे उतरने लगा, जोकि मैरी मैग्डलीन के आशीर्वाद से आसान लगा।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर