सोशल मीडिया का ज़ायका फैला रायता  

एक है नौरंगीलाल कहते हैं कि ‘तीन तिगाड़े  काम बिगाडे’ नौरंगीलाल की जिंदगी इन्हीं ने बिगाड़ दी ऐसे तो यह खुद बड़े ज्ञानी ध्यानी विद्वान है आजकल यहां वहां जहां तहां भटकते रहते हैं। उनके बारे में सुना गया है कि पहले वह भी गृहस्थ आदमी थे, बड़े ही काम के आदमी थे लेकिन कहते हैं ‘गालिब इश्क ने निकम्मा कर दिया’ नौरंगीलाल भी इसी मुहावरे के अंतर्गत शिकार हो गए।
यूं तो नौरंगीलाल बचपन से ही नटखट है थोड़े युवा हुए तो जीवन में नौ रसों का आगमन भी हो गया.... लेकिन स्थाई स्थान उनके जीवन में श्रृंगार रस ही बना पाया श्रृंगार रस ने ऐसा उन्हें प्रभावित किया कि... अन्य रसो का स्थान गौण होकर ही रह गया। यूं ही नहीं कहा गया है ‘जिसे प्रेम की हवा लगी उसे न कोई दवा ना दुआ लगी’ श्रृंगार रस ने उनके ऊपर ऐसा असर किया कि एक छोड़ कितनी ही कन्याओं के हृदय में विचरण करने लगे।
लेकिन उनके साथ बहुत बुरा हुआ... इन तीन तिगाड़े ने इनकी जिंदगी बिगाड़ कर रख दी या यू कहिए उजाड़ कर रख दी और यह थे फेसबुक, इंस्ट्रा, ट्विटर इन तीनों पर नौरंगीलाल इतना रास रचा, की सुंदरियों का डिजिटल दुनिया के स्क्रीन से निकलकर रियल दुनिया में घर के दरवाजे पर आगमन हो गया और तब उनकी पत्नी और परिवार वालों ने उनको इतना त्रास दिया की सुंदरियों का आगमन और नौरंगीलाल  का घर से पलायन, दोनों कांड एक साथ अंजाम को पाए थे।
नौरंगीलाल फिर भी जिंदगी के मोर्चे पर डटे हुए थे, रोजी-रोज़गार, घर छूट गया। अमीर से फकीर हो गये लेकिन सुंदरिया और तीन तिगाडो के प्रति उनका   मोह अभी भी नहीं छूटा था... अत: वो ‘करतल भिक्षा  तरु तल वास’ करते हुए सुंदरियों के द्वारे-द्वारे भिक्षा मांगते फिर रहे थे। अत: इनसे आम गृहस्थ जनों को ज्ञान और आशीर्वाद लेने की परम आवश्यकता है, आखिरकार जीवन की सभी विधाओं पर पर नौरंगीलाल  रिसर्च और शोध किए हुए छात्र हैं फुल वारंटी देते हैं सफलताकी गारंटी के साथ...।
और उन्हें ज्ञान देने का हक भी है क्योंकि इन सभी बाधाओं भूत-प्रेतों से वह निपट चुके हैं। उन्हें हर प्रकार की सुंदरी के दिल के दरवाजा खोलने का पास्वर्ड उन्हें पता है और बसंत ऋतु में उनकी डिमांड बहुत बढ़ जाती है। बहुत दूर-दूर से लोग इनके पास ज्ञान प्राप्त करने के लिए आते हैं।

-बलिया (यूपी)