लीजेंडर एंडरसन - लॉर्ड्स से शुरु हुआ कॅरियर लॉर्ड्स में होगा खत्म

टेस्ट क्रिकेट किसी भी क्रिकेट खिलाड़ी की शारीरिक व मानसिक क्षमताओं की कठिन परीक्षा है। शायद इसलिए ही इस फॉर्मेट को टेस्ट यानी परीक्षा कहा जाता है। अगर आप नामचीन क्रिकेटरों के कॅरियर ग्राफ पर नज़र डालेंगे तो आज तक के इतिहास में केवल दस क्रिकेटर ही 150 या उससे अधिक टेस्ट खेले हैं और इनमें केवल दो गेंदबाज़ जिम्मी एंडरसन (187) व स्टुअर्ट ब्रॉड (167) और एक आलराउंडर जैक कालिस (166) ही शामिल हैं यानी शेष बैटर्स हैं। सबसे अधिक टेस्ट खेलने वाले जो पांच खिलाड़ी हैं वह हैं सचिन तेंदुलकर (200), जिम्मी एंडरसन (187), रिकी पोंटिंग (168), स्टीव वा (168) और स्टुअर्ट ब्रॉड (167)। इस डाटा से आप स्वयं ही अंदाज़ा लगा लीजिये कि एक गेंदबाज़, विशेषकर अगर वह तेज़ गेंदबाज़ है, तो उसके लिए लम्बे समय तक टेस्ट क्रिकेट खेलना कितना कठिन है। इस लिहाज़ से देखे तो जिम्मी एंडरसन की उपलब्धि विशेष हो जाती है। एक तेज़ गेंदबाज़ के तौर पर 41 वर्षीय एंडरसन का 21 साल तक टेस्ट क्रिकेट खेलना, उनकी दुर्लभ प्रतिभा, फिटनेस व समर्पण को ही प्रदर्शित करता है, खासकर इसलिए भी कि उनसे अधिक टेस्ट विकेट केवल दो गेंदबाज़ों ने लिए हैं- एम. मुरलीधरन (800) व शेन वार्न (708) जोकि दोनों ही स्पिनर्स थे। 
एंडरसन के फिलहाल 700 विकेट हैं, जिसमें कुछ इज़ाफा हो सकता है क्योंकि वह अपना अंतिम 188वां टेस्ट क्रिकेट के मक्का लॉर्ड्स में इसी जुलाई में वेस्टइंडीज के विरुद्ध खेलेंगे, जब वह अपने जीवन के 42वें बसंत में होंगे। अपनी विदाई की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा है, ‘अपने देश का दो दशक तक प्रतिनिधित्व करना अविश्वसनीय रहा है। मैं जिस खेल को प्यार करता हूं उसे अपने बचपन से खेल रहा हूं। आगे इंग्लैंड के लिए न खेलने का एहसास मुझे रहेगा, मैं उसकी कमी महसूस करता रहूंगा। लेकिन मैं जानता हूं कि अब सीढ़ी से उतरने का सही समय है ताकि मेरी तरह अन्य लोग भी अपने सपनों को साकार कर सकें। सपनों के पूरे होने से बड़ी खुशी कोई दूसरी नहीं होती है।’ 
एंडरसन इंग्लैंड और विश्व क्रिकेट में एक ऐसा अध्याय हैं जिसे पढ़ते हुए लगता था कि इसका कोई अंत ही नहीं है। सर्वकालिक श्रेष्ठ स्विंग व सीम गेंदबाज़ एंडरसन अब अपने शानदार अंतर्राष्ट्रीय कॅरियर को अलविदा कहने जा रहे हैं। उन्होंने 11 मई 2024 को अपने सोशल मीडिया हैंडल पर कहा, ‘सभी को हाय! छोटा सा नोट यह बताने के लिए कि लॉर्ड्स में समर का पहला टेस्ट मेरा अंतिम टेस्ट होगा।’ यह टेस्ट 10 जुलाई को वेस्टइंडीज के विरुद्ध आरंभ होगा। दिलचस्प यह है कि स्विंग गेंदबाज़ी के इस जादूगर ने अपना पहला टेस्ट 2003 में लॉर्ड्स में ही खेला था। अध्याय का अंत वहीं होगा जहां से आरंभ हुआ था। एंडरसन से ज्यादा टेस्ट विकेट किसी भी तेज़ गेंदबाज़ ने नहीं लिए हैं। उनके बाद जिस तेज़ गेंदबाज़ का नंबर आता है, वह उन्हीं के पार्टनर स्टुअर्ट ब्रॉड हैं, जिन्होंने 604 विकेट लिए हैं। ब्रॉड ने पिछले साल ओवल में एशेज सीरीज में अपना अंतिम टेस्ट खेला था। एंडरसन व ब्रॉड की जोड़ी ने दुनियाभर के बैटर्स को परेशान किया और दोनों ने मिलकर 1304 बैटर्स को पवेलियन की राह दिखायी, जोकि अविश्वसनीय है। 
बहरहाल, इस सफलता के संदर्भ में एंडरसन कहते हैं कि अपनी पत्नी डेनियल, बेटियों लोला व रूबी और अपने पेरेंट्स के प्रेम व समर्थन के हासिल नहीं कर सकते थे। वह अपने साथियों व कोचों के भी शुक्रगुज़ार हैं। भारतीय तेज़ गेंदबाज़ ज़हीर खान का भी वह धन्यवाद करते हैं, जिनसे उन्होंने रिवर्स स्विंग के गुर सीखे। आगे की चुनौतियों को लेकर वह उत्साहित हैं और अधिक गोल्फ खेलने की इच्छा रखते हैं। एंडरसन का शानदार 21-वर्ष लम्बा कॅरियर इस बात का गवाह है कि उनकी फिटनेस सुपर रही है और स्किल अप्रितम, जिसकी वजह से वह भारतीय उपमहाद्वीप की धीमी पिचों पर भी मैच जिताने वाले प्रदर्शन देने में कामयाब रहे। उनका एक यादगार प्रदर्शन 2012 में ईडन गार्डन्स टेस्ट में आया। गर्म दोपहर में उन्होंने सीरीज जीतने वाला प्रदर्शन दिया था। उनके करियर की हाईलाइट यह है कि वह तीन एशेज सीरीज जीत का हिस्सा रहे। हालांकि एंडरसन के टेस्ट भविष्य को लेकर कई वर्षों से सवाल उठ रहे थे, लेकिन इस साल इंग्लैंड ने जब भारत में पांच टेस्ट की श्रृंखला खेली तो अंदाज़ा हो गया था कि इंग्लैंड को अब उनकी जगह नई प्रतिभा तलाश करनी है। 
एंडरसन ने इस सीरीज में चार टेस्ट खेले थे। पिच दोनों स्पिन व पेस को मदद कर रही थीं, लेकिन एंडरसन केवल 10 विकेट ही ले सके थे। अपने पिछले आठ टेस्ट में उन्होंने 50 की औसत से मात्र 15 विकेट लिए हैं। ब्रिटिश मीडिया में खबरें थीं कि इंग्लैंड के मुख्य कोच ब्रेंडन मैकुलम ने गोल्फ खेलते हुए बात की है कि अब टीम नई प्रतिभाओं की तरफ देख रही है। इसके अगले दिन ही एंडरसन की तरफ से अपने जूते टांगने की घोषणा आ गई। एंडरसन ने अपने करियर में 194 ओडीआई भी खेले, जिनमें 29.22 की औसत से 269 विकेट लिए, 19 टी-20 में 18 विकेट लिए और 296 फर्स्ट क्लास मैचों में 24.67 की औसत से 1,114 विकेट लिए। वह निश्चितरूप से क्रिकेट लीजेंड हैं और मैदान पर उनकी कमी को महसूस किया जायेगा।

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