दुनिया की सबसे तेज़ तैरने वाली मछली मार्लिन

मार्लिन सागर की शानदार तैराक मछली है। इसकी गणना विश्व की सर्वाधिक तेज तैरने वाली मछलियों में की जाती है। ये लंबी चोंच वाली मछली है। लंबी चोंचवाली मछलियों की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि ये पकड़े जाने पर अत्यंत उग्र रूप धारण कर लेती है और काफी समय तक फड़फड़ाती रहती है। मार्लिन गर्म सागरों की शक्तिशाली मछली है। यह विश्व के प्राय: सभी उष्णकटिबंधीय सागरों और महासागरों में पाई जाती है। मार्लिन हमेशा अकेली विचरण करती है तथा यह सागर में काफी फैली हुई है। मार्लिन की 6 जातियां हैं। मार्लिन की शारीरिक संरचना सागर की सामान्य मछलियों से पूरी तरह भिन्न होती है। इसकी विभिन्न जातियों की शारीरिक संरचना और स्वरूप में काफी अंतर होता है।  मार्लिन की शारीरिक संरचना तेज़ गति से तैरने वाली मछलियों के समान होती है। इसका शरीर लंबा और अगल-बगल से चपटा होता है। मार्लिन का थूथन और ऊपर का जबड़ा गोल एवं बहुत आगे निकला हुआ होता है। यह भाग एक लंबी पतली चोंच की तरह दिखाई देता है। मार्लिन की चोंच वाला भाग हड्डियों का बना हुआ होता है एवं इसके आगे का सिरा भाले के समान नुकीला होता है। सामान्य मार्लिन अधिक लंबी और भारी नहीं होती। इसकी लंबाई लगभग 1.8 मीटर एवं शरीर का वजन 24 किलोग्राम के आसपास होता है। मार्लिन की पीठ एवं शरीर के ऊपर का भाग नीला, गहरा कत्थई अथवा काला होता है एवं पेट तथा नीचे के भाग का रंग चांदी की तरह रूपहला, रूपहला ग्रे अथवा पीला होता है। मार्लिन की कुछ जातियों के शरीर के मांसल भागों पर नीले और रूपहले रंग के पतले-पतले पट्टे भी होते हैं। 
मार्लिन एक तेज़ तैरने वाली मछली है और तेज तैरने वाली मछलियों को बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इसीलिए यह बहुत अधिक भोजन करती है। मार्लिन का प्रमुख भोजन मछलियां हैं। इसे मैकरल और उड़ने वाली मछलियां बहुत पसंद हैं। इसके साथ ही यह कटलफिश और स्क्विड को भी अपना आहार बनाती है। मार्लिन प्राय: झुंड बनाकर रहने वाली मछलियों का शिकार करती है। यह झुंड का पीछा करती है, उसकी जानकारी प्राप्त करती है और फिर झुंड के भीतर घुस कर मछलियों पर आक्रमण करती है, जिससे बहुत सी मछलियां मरती हैं और बहुत सी घायल हो जाती हैं। मार्लिन उन्हें अपना आहार बनाती है और इसके बाद पुन: झुंड का पीछा करती है। यह क्रम काफी समय तक चलता रहता है। सन् 1955 में संयुक्त राज्य अमरीका के फिश एंड वाइल्ड लाइफ सर्विस के जहाज ‘जॉनआरमैनिस’ ने हवाई के दक्षिण में एक मार्लिन पकड़ी थी। इसका वजन लगभग 680 किलोग्राम था। इसके पेट में ताजी मारी गई पीले रंग के मीनपंखों वाली एक टूना मछली थी, जिसकी लंबाई 1.5 मीटर तथा वजन 72 किलोग्राम था। मार्लिन ने टूना मछली को सिर की ओर से साबूत निगला था। टूना मछली के सिर के आर पार दो छेद थे, जो मार्लिन की भाले जैसी चोंच के आक्रमण से बने थे। इस उदाहरण से मार्लिन के भोजन और भोजन करने के ढंग तथा भोजन करने की क्षमता का सरलता से अनुमान लगाया जा सकता है। मार्लिन का प्रजनन वसंत और गर्मी में होता है। इसी समय यह सागर में गहरे पानी मे जोड़े बनाती है। वयस्क मार्लिन हमेशा सागर तट से दूर, गहरे पानी में जोड़ा बनाती है, अत: इसके प्रजनन के संबंध में अभी तक पूरी जानकारी नहीं मिली है। मार्लिन एक शक्तिशाली मछली है। इसका शिकार केवल बड़ी शार्क मछलियां करती हैं विशेष रूप से टाइगर शार्क और नरभक्षी शार्क। मार्लिन चीते के समान तेज गति से तैरने वाली मछली है। जिस प्रकार चीते की गति कुछ समय के लिए ही बहुत तेज होती है, उसी प्रकार मार्लिन भी कुछ समय तक ही तेज गति से तैर सकती है। इसके बाद इसकी गति धीमी हो जाती है। शार्क मछलियां इसी अवसर की तलाश में रहती हैं और इसकी गति धीमी होते ही इस पर आक्त्रमण कर देती हैं तथा इसे अपना आहार बना लेती हैं। 
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