शानदार कॅरियर क्षेत्र है क्लाइमेट चेंज टेक और सस्टेनेबिलिटी
हाल के दिनों में यह शब्द यानी ‘क्लाइमेट चेंज टेक और सस्टेनबिलिटी’ राजनीति से लेकर टेक्नोलॉजी, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण सभी क्षेत्रों में बार-बार सुनायी पड़ा है। जाहिर है इस क्षेत्र का भविष्य के कॅरियर क्षेत्र से भी लेन देना है। इसलिए कॅरियर सलाहकाराें का कहना है कि यह क्षेत्र भविष्य के लिए एक ज़रूरी कॅरियर क्षेत्र है। अत: इस क्षेत्र में कॅरियर बनाने के लिए अभी से गंभीर हो जाएं। क्याेंकि दिन पर दिन क्लाइमेट चेंज की समस्या बढ़ रही है और उसी के साथ पर्यावरण के रक्षा का दायित्व भी बढ़ रहा है। ऐसे में भविष्य, इस क्षेत्र के बहुत सारे पेशेवर प्रोफेशनल चाहेगा। अत: इस क्षेत्र में कॅरियर बनाने की कदम दर कदम जानकारी ज़रूरी है। आइये जानें कि स्कूल के स्तर में इस क्षेत्र में जाने के लिए क्या करें?
कक्षा 10 और 12 के दौरान : इस समय इस क्षेत्र में जाने के लिए ज़रूरी समझ विकसित करें। मसलन पर्यावरण विज्ञान और टेक्नोलॉजी की आधारभूत समझ विकसित करें। इसके लिए 11वीं 12वीं में फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी, ज्योग्राफी और मैथ्स जैसे विषय चुनें। अपना जनरल नॉलेज बढ़ाने के लिए आईपीसीसी रिपोर्ट पढ़ें, जलवायु परिवर्तन के कारण समझें, कार्बन फुटपिं्रट क्या होता है, इसे समझें और ग्लोबलवार्मिंग जैसे विषय पर रूचि के साथ समझ विकसित करें। इसके लिए यू-ट्यूब चैनल के भी विभिन्न समाचार और विचार चैनलों को देखा जा सकता है।
ग्रेजुएशन के स्तर पर : दूसरे चरण में यानी ग्रेजुएशन के स्तर पर अपनी रूचि के मुताबिक टेक्निकल या नॉन टेक्निकल बेस बनाएं। अगर टेक्निकल बेस बनाना है तो बीटेक या बीई एन्वार्यमेंट इंजीनियरिंग से करें अथवा बीटेक इन रिन्यूबल एनर्जी/सस्टेनबिलिटी इंजीनियरिंग करें। अथवा बीएससी इन एन्वायर्वमेंट साइंस/क्लाइमेट साइंस आदि से करें।
अगर नॉन टेक्निकल बेस बनाना हो, तो बीए/बीएससी इन सस्टेनबिलिटी स्टडीज या बीए इन पब्लिक पॉलिसी विद क्लाइमेट फोकस और बीबीए सस्टेनबिलिटी बिजनेस मैनेजमेंट से करें। तकनीकी क्षेत्र में कॅरियर बनाने की मंशा रखने वाले छात्र तकनीकी ज्ञान के साथ डेटा एनालेटिक्स, मॉडलिंग और मशीन लर्निंग की समझ विकसित करें। जैसे ग्रीन बिल्डिंग मॉडल और जलवायु पूर्वानुमान मॉडल। इसी तरह नॉन टेक्निकल क्षेत्र में जाने की इच्छा रखने वाले छात्र सीएसआर की नीतियों, जागरूकता अभियानों, ईएसजी रिपोर्टिंन जैसी महत्वपूर्ण नीतियों को समझें।
इस क्षेत्र में कई तरह के संभावित जॉब रोल होते हैं। मसलन सस्टेनबिलिटी कंसल्टिंग, इसमें पीसीजी एनालिस्ट या ईएसजी एनालिस्ट या सीएसआर मैनेजर की भूमिका निभा सकते हैं। रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र में सोलर पीवी डिजाइनर और एनर्जी एनालिस्ट की जॉब पोर्टफोलियो महत्वपूर्ण मानी जाती है। रिसर्च एंड पॉलिसी के क्षेत्र में क्लाइमेट रिसर्चर, एन्वार्यमेंटल इंकोनॉमिस्ट आदि का पोर्टफोलियो पाया जा सकता है। टेक और क्लाइमेट के क्षेत्र में जीआईएस एनालिस्ट क्लाइमेट मॉड्यूलर तथा एनजीओ और थिंक टैंक आदि में एडवोकेसी ऑफिसर तथा कम्युनिटी मोबेमलाइजर बन सकते हैं।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर