पर्यटन के क्षेत्र में भारत का नया कीर्तिमान
भारत ने विश्व पर्यटन की दुनिया में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। विश्व यात्रा और पर्यटन परिषद (डब्ल्यूटीटीसी) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार 2024-25 में भारत दुनिया की 8वीं सबसे बड़ी पर्यटन अर्थव्यवस्था बन गया है। देश की पर्यटन से होने वाली आय 231.6 अरब अमरीकी डॉलर (लगभग 19.4 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच गई है। मिली जानकारी के अनुसार पिछले साल भारत 10वें स्थान पर था, लेकिन इस बार दो पायदान की छलांग लगाकर जापान और फ्रांस जैसे देशों को पीछे छोड़ दिया है। अमरीका (2,360 अरब डॉलर के साथ) पहले स्थान पर है। उसके बाद चीन, जर्मनी, ब्रिटेन, मैक्सिको आदि आते हैं। यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। इसके पीछे भारत सरकार की दूरदर्शी नीतियां, मेहनत और लगातार हुए प्रयास हैं।
गत एक दशक से पहले भारत की पर्यटन अर्थव्यवस्था की स्थिति ज्यादा मज़बूत नहीं थी। 2013 में डब्ल्यूटीटीसी की रिपोर्ट के अनुसार पर्यटन की विकास दर 6.7 प्रतिशत के आसपास थी, लेकिन वैश्विक रैंकिंग में भारत 24वें स्थान या उससे नीचे था। विदेशी पर्यटकों की संख्या 2013 में लगभग 6.97 मिलियन थी, जो 2019 तक बढ़कर 10.93 मिलियन हो गई। जीडीपी में योगदान 5.6 प्रतिशत था। इन सबके बीच 2020 में कोविड-19 महामारी ने पर्यटन उद्योग को और बड़ा झटका दिया। विदेशी पर्यटकों की संख्या घटकर 2.74 मिलियन रह गई और जीडीपी में योगदान 4 प्रतिशत तक गिर गया। होटल, टूर ऑपरेटर, गाइड्स और छोटे-मोटे दुकानदार सब परेशान थे, लेकिन इसके बाद जो हुआ, वह भारत की मेहनत और जज़्बे की मिसाल है। कोविड के बाद तेज़ रिकवरी हुई। 2023 में विदेशी पर्यटक 9.52 मिलियन पहुंच गए, जो 2019 के 87 प्रतिशत के बराबर था। घरेलू पर्यटन भी बड़ा 2023 में 2.5 अरब से ज्यादा घरेलू यात्राएं हुईं। यह सब सरकार की नीतियों से हुआ।
दरअसल, यह सफलता सालों की मेहनत का परिणाम है। 2014 से पर्यटन को प्राथमिकता दी गई। बजट आवंटन 2014 में 500 करोड़ रुपये था जो अब 2,400 करोड़ से ज्यादा हो गया है। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा साल 2002 में चलाए गए ‘अतुल्य भारत’ अभियान को और मज़बूत किया गया। सोशल मीडिया, फिल्मों और ब्लॉग्स के जरिए प्रमोशन बढ़ा। ट्रैवल कंटेंट ने भारत को वैश्विक स्तर पर चमकाया।
इसके अलावा स्वदेश दर्शन योजना 2014-15 में शुरू हुई जिसमें थीम-आधारित पर्यटन सर्किट विकसित किए गए, जैसे बौद्ध सर्किट, रामायण सर्किट, वन्यजीव सर्किट लेकिन शुरुआत में यह कई राज्यों में फैली हुई थी, इसलिए प्रभाव कम पड़ा। 2022 में स्वदेश दर्शन 2.0 लॉन्च हुई, जो एक-एक जगह पर केंद्रित है। इसमें सतत पर्यटन पर ज़ोर दिया गया, इस बात को ध्यान में रखते हुए कि पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे और स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत हो। पायलट प्रोजेक्ट में ओरछा (मध्य प्रदेश), गांडीकोटा (आंध्र प्रदेश), बोधगया (बिहार) जैसी सात जगहें शामिल हैं। एक और महत्वपूर्ण योजना है प्रसाद (तीर्थयात्रा पुनरुद्धार और आध्यात्मिक विरासत संवर्धन अभियान)। यह धार्मिक स्थलों को सुधारने के लिए है। जैसे—काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, अयोध्या का विकास, केदारनाथ का पुनर्निर्माण। इनसे धार्मिक पर्यटन बढ़ा और लोगों को रोज़गार मिला। 2024 तक प्रसाद के तहत 73 परियोजनाओं पर काम हुआ, जिसमें 1,400 करोड़ रुपये खर्च हुए। बुनियादी ढांचे में व्यापक स्तर पर बदलाव हुआ है।
जानकारी के अनुसार साल 2014 से 2025 तक राष्ट्रीय राजमार्ग 91,000 किलोमीटर से बढ़कर 1.46 लाख किलोमीटर हो गए। रेल विद्युतीकरण 98 प्रतिशत तक पहुंच गया। बंदरगाह क्षमता दोगुनी हुई। उड़ान योजना के तहत 88 एयरपोर्ट चालू हुए, छोटे शहरों में उड़ानें बढ़ीं। वंदे भारत ट्रेनों से आरामदायक और तेज़ यात्रा संभव हुई। होटलों में निवेश बढ़ा 2024 में 3,295 करोड़ रुपये के 40 प्रोजेक्ट मंजूर हुए, 23 राज्यों में प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्र बनाने के लिए। यही नहीं वीज़ा नीति भी आसान हुई। ई-वीजा अब 167 देशों के लिए उपलब्ध है, ऑनलाइन आवेदन से विदेशी पर्यटक बढ़े हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्तिगत रूप से कई जगहों को बढ़ावा दिया। उनका मानना है कि पर्यटन से रोज़गार बढ़ता है और संस्कृति का प्रसार होता है।
गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति बताकर प्रमोट किया। अब वहां सालाना 50 लाख पर्यटक आते हैं। स्थानीय अर्थव्यवस्था को मज़बूती मिली है। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद वहं फिल्मों की शूटिंग बढ़ी, पर्यटक बढ़े। 2024 में कश्मीर में दो करोड़ से ज्यादा पर्यटक आए।
मणिपुर, पूर्वात्तर की जगहों को भी विकसित किया गया, जैसे लोकटक झील। अकेले पूर्वात्तर में पर्यटन 30 प्रतिशत बढ़ गया। यूनेस्को विश्व धरोहर भारतीय स्थलों की संख्या 43 हो गई है, जो दुनिया में छठा स्थान है। जानकारों के अनुसार भारत का शीर्ष10 में पहुंचना कोई छोटी बात नहीं है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिताए सरकार की नीतियों और स्थानीय लोगों की मेहनत का नतीजा है। पर्यटन सिर्फ पैसे की बात नहीं हैय यह देश की संस्कृति, इतिहासए और विविधता से दुनिया को अवगत कराना भी है। (अदिति)