साईबर ठगी का फैलता जाल
पंजाब में पिछले दो ही दिनों में दो बड़े शहरों में साईबर ठगी के दो बड़े गिरोहों का भण्डा-फोड़ होने से एक ओर जहां इस विशाल नेटवर्क पर शिकंजा कसे जाने की सम्भावना बढ़ी है, वहीं यह भी पता चलता है कि पंजाब में साईबर ठगों का कितना बड़ा संजाल फैला हुआ है। पहली घटना में ज़िला कपूरथला के फगवाड़ा शहर के एक होटल में से बेहद सक्रियता के साथ चलाये जा रहे इस गिरोह के 39 सदस्यों को बाकायदा इतने ही लैपटॉप और अन्य सम्बद्ध सामग्री के साथ गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार 39 लोगों में से 6 लड़कियां भी शामिल हैं जो अन्य लोगों के साथ कम्प्यूटर पर ठगी से जुड़े कार्यों को अंजाम दे रही थीं। छापेमारी के दौरान इस अवैध काल सैंटर में सभी कम्प्यूटरों पर जालसाज़ी का काम किया जा रहा था जिसे अधिकारियों ने अपने कब्ज़े में ले लिया। इस काल सैंटर से अधिकतर अमरीका, ब्रिटेन और कनाडा सरीखे विदेशों के लोगों को ठगी का शिकार बनाया जाता था। दूसरी घटना अमृतसर की है जहां से एक अवैध कॉल सैंटर के ज़रिये लोगों को ब्लैकमेल किया जा रहा था। यहां एक समय पर 80 से अधिक युवतियां काम कर रही थीं। लाडवा में भी ऐसे एक अवैध कॉल सैंटर पर छापेमारी किये जाने की सूचना मिली है। इन काल सैंटरों का मुख्य कार्य सॉफ्टवेयर समाधान के ज़रिये धनी-मानी लोगों और कम्पनियों के नाजुक सूत्रों का पता चला कर उन्हें अपनी ठगी का शिकार बनाना होता था। यह गिरोह लम्बी अवधि से देश-विदेश के लोगों को साईबर धरातल पर शिकार बना कर लूट रहा था किन्तु साईबर जागरूकता विभाग के अधिकारियों की सतर्कता और चौकसी के कारण ये लोग कानून के जाल में फंस गये हैं।
देश में साईबर अपराधियों का एक बहुत बड़ा नेटवर्क चिरकाल से सक्रिय है। देश और विदेश में इन अपराधी तत्वों के अलग-अलग गिरोह काम करते हैं। ये प्रशिक्षित आपराधिक तत्व बैंकिंग के ज़रिये ब्लैक-मेलिंग अथवा साईबर बंदीकरण के ज़रिये लोगों को लूटते और उन्हें प्रताड़ित भी करते हैं। पंजाब में भी विगत लम्बी अवधि से इस गिरोह द्वारा संचालित की जाती गतिविधियों का पता चलता रहता है। अभी हाल ही में मोहाली के एक वरिष्ठ जन से साईबर के ज़रिये पैसे दो-गुणा करने का लालच देकर डेढ़ करोड़ रुपये ठग लिये जाने की घटना का पता चला है। इसी तरह कपूरथला के साईबर ठगों द्वारा एक ही बैंक में 300 से अधिक फर्जी खाते खोल कर करोड़ों रुपये का जाली लेन-देन कर लेने की ़खबर भी अभी कुछ ही दिन पूर्व की ताज़ा घटना है। यह भी पता चला है कि बेशक इस नैटवर्क के छिट-पुट गिरोह भारत और पंजाब के कई शहरों में सक्रिय हो सकते हैं, किन्तु इनका मुख्य केन्द्र विदेशों में मौजूद होता है। पिछले दिनों कम्बोडिया में सक्रिय साईबर ठगी के एक ऐसे ही बड़े गिरोह का पता चला था। फगवाड़ा में जिस गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, इसके तार भी विदेश की धरती से जुड़े हैं।
साईबर सैल ने अब तक जो जानकारी उपलब्ध कराई है, उसके अनुसार ये गिरोह अन्त:राज्यीय धरातल पर कार्य कर रहे थे, और कि देश के प्राय: सभी राज्यों की राजधानी अथवा बड़े शहरों में इनका नेटवर्क सक्रिय है। फगवाड़ा में गिरफ्तार किये गये 39 लोगों में प्राय: देश के तेरह भिन्न-भिन्न राज्यों के साथ वाबस्ता लोग शामिल हैं। साईबर सैल पुलिस ने ऐसी आशंका भी जताई है कि इतने बड़े स्तर पर सक्रिय यह नेटवर्क साधारण नहीं हो सकता। नि:संदेह रूप से इसे उच्च प्रशासनिक धरातल से जुड़े लोगों और कुछ बड़े राजनीतिक गुटों का वरद् हस्त संरक्षण भी प्राप्त हो सकता है। यह नेटवर्क कितने बड़े स्तर पर कार्य कर रहा था, इसका पता भी इस एक बात से चल जाता है कि इसके मुखिया ने अपने काल-सैंटर के लिए एक बड़े होटल के बड़े हाल को ही ठेके पर ले रखा था, और उसी के भीतर केबिन आदि बना कर अपने कार्यालय का संचालन किया जा रहा था।
हम समझते हैं कि नि:संदेह किसी के भी भाग्य से यह छींका टूटा तो है। अब यह दायित्व देश और खासकर पंजाब प्रांत की सरकार के कंधों पर आ ठहरता है कि ऐसे आपराधिक गुटों के विरुद्ध सख्ती के साथ फंदा कसा जाए जिसकी गांठें दांतों से भी न खुल सकें। इस गिरोह के शिकार लोगों में से बेशक बहुतेरे विदेशों से हैं, किन्तु अपराध तो अपराध ही है न। इसे ज़मीन से सिर उठाते ही दबा देना होगा। अब तक प्रदेश के हज़ारों लोग ऐसे अपराधियों के पास करोड़ों रुपया गंवा चुके हैं जिसकी वापिसी हेतु कोई उम्मीद बर आते नहीं देती। तथापि, हम समझते हैं कि प्रशासनिक सतर्कता के अलावा इस प्रकार के अपराधों से बचने का एकमात्र बड़ा और सरल उपाय स्वयं अपनी जागरूकता बढ़ाना और लालच-वश इनके चंगुल में न फंसना ही है। सरकारों और रिज़र्व बैंक की ओर से बार-बार ऐसे ठग अपराधियों से बचने हेतु हाय-तौबा की जाती रहती है। बेशक इस अपराधों के विरुद्ध सरकारें समय-समय पर कार्रवाई करती रहती हैं, किन्तु ऐसे लोगों की चालबाज़ियों से जागरूक रहना, और अपना बचाव स्वयं करना ही, ऐसे साईबर ठगों से बचने का एकमात्र उपाय है।