शिक्षा विभाग में आए ई.टी.टी. अध्यापकों को शृंखलाबद्ध तरक्की की उम्मीद बंधी

चंडीगढ़, 1 जून (सुरजीत सिंह सत्ती) : शिक्षा विभाग में विलय वाले ज़िला परिषदों अधीन गांवों के स्कूलों में काम करते ऐलीमैंट्री अध्यापक ट्रेनर (ईटीटी) अध्यापकों को तरक्की की आस बंधी है। सरकार ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में अंडरटेकिंग दी है कि उनकी वरिष्ठता बारे विचार करने के लिए समय मांगा है। दरअसल ई.टी.टी. अध्यापकों में बलजिंदर सिंह और अन्य ने एडवोकेट गगन प्रदीप सिंह बल्ल की ओर से एक याचिका दाखिल कर हाईकोर्ट का ध्यान दिलाया था कि वह ज़िला परिषद् के अंतर्गत आते गांवों के स्कूलों में काम कर रहे  हैं, उनकी ज्वाईनिंग उन स्कूलों में ही हुई थी या आठ वर्षों की नौकरी उपरांत बाद में विलय शिक्षा विभाग में कर दिया गया। याचिका में कहा गया कि जब ज़िला परिषद् अधीन गांवों के स्कूलों को शिक्षा विभाग में मिलाया गया, तो यह शर्त रख दी गई कि गांवों के स्कूलों से आए ईटीटी अध्यापकों की वरिष्ठता, शिक्षा विभाग में  पहले से काम कर रहे अध्यापकों से नीचे रखी जाएगी, जबकि उनकी वरिष्ठता गांवों के स्कूलों में ज्वाईनिंग से न गिन कर शिक्षा विभाग में विलय वाले समय तो गिनी जाएगी जो कि सरासर गलत है और इसके साथ उनके द्वारा निभाई गई 8 वर्षों की सेवाएं एक तरह से समाप्त हो जाएंगी। वर्णनीय है कि नौकरी और अन्य वित्तीय लाभ उनकी सेवाएं उनकी गांवों के स्कूलों में ज्वाईनिंग समय से ही माना जाएगा। सरकारी वकील ने कहा है कि सरकार को इस समस्या का हल निकालने पर विचार करने के लिए समय दिया जाए। हाईकोर्ट ने सुनवाई 16 जुलाई डाल दी है।