मक्की, उड़द एवं मटर में तेज़ी : चावल-चना-मसूर-तुअर टूटे

नई दिल्ली, 25 अगस्त (एजेंसी): गत सप्ताह मक्की में स्टॉकिस्टों की लिवाली आने एवं पाइप लाइन में माल की कमी से 35/40 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी आ गयी। उड़द भी नीचे वाले भाव से 100 रुपए की सुर्खी लिए बिक गया। खुले में आयात न होने से शॉर्टेज में मटर 300/400 रुपए प्रति क्विंटल छलांग लगा गयी।  वहीं बारीक चावल में 250/300 रुपए का मंदा आ गया। दलहनों में चना 175/200 रुपए, तुअर 100 रुपए, मसूर 150 रुपए नीचे आ गये।  मूंग में भी 200 रुपए निकल गये। इस तरह सभी दलहनों एवं दली हुई दाल में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी तक मंदे का दौर बना रहा, लेकिन उत्पादक मंडियों व उत्पादक देशों से माल के पड़ते न लगने से अगले सप्ताह ही यहां से बाजार तेजी का यू-टर्न ले सकता है। आलोच्य सप्ताह बिहार के खगड़िया, बेगुसराय, गुलाबबाग, दरभंगा लाइन में मक्की की आवक पूरी तरह टूट गयी तथा नेपाल की मांग आने से वहां 2150 रुपए से बढ़ाकर 2200 रुपए गोदाम की मक्की बोलने लगे। वहां की मक्की राजपुरा पहुंच में 2375 रुपए के पड़ते की मिल रही है, जिससे यूपी की मक्की भी 35/40 रुपए छलांग लगाकर गोदामों से 2210/2215 रुपए एवं राजपुरा पहुंच में 2250 रुपए बोली गयी। बाजरा भी 10/20 रुपए मजबूत रहा, क्योंकि नया माल आने में एक महीने का समय बाकी है तथा पाइप लाइन पूरी तरह से खाली है। इधर चावल टुकड़ा महंगा होने से डिस्टिलरी प्लांट वाले एक बार फिर बाजरे की लिवाली करने लगे हैं, जिससे बाजार फिर तेज हो जायेगा। दलहनों में उड़द नीचे में 5800 रुपए एसक्यू क्वालिटी बिकने के बाद 5900 रुपए हो गयी। मटर भारतीय बंदरगाहों पर नाममात्र रह गयी है, जिससे स्टॉकिस्ट यहां 300/400 रुपए बढ़ाकर 5700/5800 रुपए बोलने लगे। वहीं गेहूं, रोलर फ्लोर मिलों की मांग पूरी तरह ठंडी पड़ जाने से 10/15 रुपए दब गया। बारीक चावल भी निर्यातकों की मांग रह जाने एवं स्टॉकिस्टों की घबराहटपूर्ण बिकवाली से 200/300 रुपए गिरकर चावल 1121 सेला 6600/6700 रुपए एवं स्टीम 7600/7700 रुपए प्रति क्विंटल रह गया। इसी अनुपात में अन्य प्रजाति के चावल भी मंदे रहे, जबकि मोटे चावल में हेराफेरी के माल कम आने से 20/30 रुपए की अकड़ बनी रही।