भारी बरसात से उड़द-मूंग-तुअर-राजमा की फसल चौपट : मक्की भी खतरे से उछली

नई दिल्ली, 29 सितम्बर (एजेंसी): गत सप्ताह एमपी, महाराष्ट्र, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार में लगातार बरसात से उड़द, मूंग, तुअर, राजमा चित्रा की फसल को भारी नुकसान हुआ है। बरसात व बाढ़ से खेतों में पानी को देखते हुए 50 प्रतिशत फसल नष्ट हो जाने की संभावना से पुराने माल की बिकवाली घट गयी, जिससे रंगूनी उड़द 500 रुपए प्रति क्विंटल छलांग लगा गया। मूंग व तुअर में भी 100/200 रुपए का इजाफा हो गया। राजमा चित्रा का क्वलिटी डिफरेंस आने से नये माल में 1000 रुपए का अंतर हो गया। इनके समर्थन में चना भी 100 रुपए बढ़ गया। उधर मक्की की फसल तैयार खड़ी है, जो वर्षा से 20 प्रतिशत खराब हो गयी है, जिससे 100 रुपए का इजाफा हो गया। गेहूं भी एफसीआई के भाव ऊंचे होने से 30/35 रुपए महंगा हो गया। आलोच्य सप्ताह मध्य प्रदेश-यूपी के ललितपुर, झांसी, शिवपुरी, कटनी, मडावना, आगर के साथ-साथ छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र में भी लगातार बरसात होने से उड़द की तैयार फसल को 50 प्रतिशत नुकसान हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि फसल दागी होना एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन दाने सड़ जाने से उपलब्धि पूरी तरह घट जाती है। इस स्थिति में इस बार उत्पादन ही आधा रह जाने की संभावना है, क्योंकि तैयार फसल पूरी तरह चौपट हो गयी है। यही वजह है कि रंगूनी उड़द नया एसक्यू 5100 रुपए से छलांग लगाकर 5600 रुपए तथा एफएक्यू 5000 रुपए से बढ़कर 5500 रुपए की ऊंचाई पर जा पहुंचा। देसी माल भी क्वालिटीनुसार 5200/5400 रुपए बोलने लगे। दाल के भाव भी 300/400 रुपए धोया व छिलका के तेज बोलने लगे। इसी तरह मूंग भी 200 रुपए बढ़कर 5600/6100 रुपए बिक गयी। दाल छिलका व धोया में भी 200 रुपए का इजाफा हो गया। तुअर भी खेतों में अधिक पानी लगने से 20 प्रतिशत गल चुकी है। दूसरी ओर जो तैयार है उसमें भी पानी खड़ा होने से सुखठा रोग लगने की संभावना बढ़ गयी है। उधर बर्मा में भी कोई विशेष स्टॉक न होने से चेन्नई, मुम्बई में 150/200 रुपए बढ़ाकर आयातक बोलने लगे। जिसके प्रभाव से यहां भी 5275 रुपए से बढ़कर 5400 रुपए बढ़िया लेमन का व्यापार हो गया।