गलियारा के पहले पड़ाव के निर्माण हेतु पाक सरकार ने नहीं ली कोई आर्थिक सहायता : आतिफ मज़ीद

अमृतसर, 23 अक्तूबर (सुरिन्द्र कोछड़) : गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के सौंदर्यकरण और गलियारे की तैयारी के लिए पाकिस्तान सरकार द्वारा किसी भी विदेशी सिख संस्था या व्यक्ति की ओर से किसी प्रकार की कोई आर्थिक सहायता नहीं ली गई है और पाक द्वारा अपनी तरफ यह समूचे सिख भाईचारे को एक यादगारी तोहफा दिया गया है। ‘डिवैल्पमैंट ऑफ करतारपुर कोरीडोर’ प्रोजैक्ट अधीन गलियारे की करवाई जा रही तैयारी के डायरैक्टर आतिफ मज़ीद ने उक्त जानकारी सांझी करते हुए बताया कि चाहे गलियारे की तैयारी से पहले पड़ाव में पाक सरकार द्वारा कोई फंड नहीं लिए गए हैं, पर तैयारी का दूसरा पड़ाव जिसमें करतारपुर साहिब के नज़दीक होटल, सरां, कमर्शियल हाल, सैमीनार हाल और प्लाज़ा आदि का निर्माण किए जाने की योजना है, विदेशी सिख जत्थेबंदियों से दान देने की अपील ज़रूर की जाएगी। आतिफ मज़ीद ने बताया कि गुरुद्वारा साहिब के साथ बिना छेड़छाड़ किए बाहरी नये ढांचे को अंग्रेजी के शब्द ‘यू’ के रूप में तैयार किया गया है ताकि डेरा बाबा नानक दर्शन स्थल से संगत गुरुद्वारा साहिब के बिना किसी रोक से खुले दर्शन किए जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि पहले गुरुद्वारा साहिब की मुकम्मल इमारत 4 एकड़ में थी, जिसको बढ़ा कर 42 एकड़ कर दिया गया है। गुरुद्वारा साहिब में 600 गुणा 660 कुल साढ़े तीन लाख स्कवेयर फुट में एक ही डिज़ाइन वाला संगमरमर लगाया गया है। इसी प्रकार गुरु  साहिब के खेतों को भी 26 एकड़ से बढ़ाकर 62 एकड़ कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि पाक सरकार द्वारा करतारपुर गलियारे के लिए कुल 800 एकड़ भूमि खरीदी गई है, जिसमें 444 एकड़ में गुरुद्वारा साहिब, खेती साहिब, बाग और अन्य स्मारक तैयार किए जाएंगे, जबकि बाकी में दरिया रावि पर पुल, टर्मिनल और सड़कें बनाईं गई हैं। आतिफ मज़ीद अनुसार यात्रा दौरान टर्मिनल-1 से यात्रियों को विशेष बसों से टर्मिनल-2 तक ले जाया जाएगा। पैदल यात्रा करने के इच्छुक यात्रियों के लिए गलियारे के दोनों और फुटपाथ और रास्ते में आराम करने के लिए बैठने का भी प्रबंध किया गया है। टर्मिनल-2 में पहुंचने के बाद बाइमैट्रिक मशीनों से यात्री गुरुद्वारा साहिब में दाखिल होंगे। उन्होंने बताया कि यात्री के चलते यात्री अंग्रेजी भाषा के ‘एल’ शब्द बना बारांदरियां से गुरुद्वारा साहिब में दाखिल होंगे। जहां अजायब घर, लाईब्रेरी और प्रदर्शनी हाल के साथ ही जोड़ा-घर बनाया गया है। इन बारादरियों और इनके साथ बने यात्रियों में 1500-2000 यात्रियों के रहने की व्यवस्था की गई है। यहां पास ही दीवानखाना भी तैयार किया गया है। जहां रोज़ाना प्रकाश किया जाएगा और गुरुद्वारा साहिब की असली इमारत अधिक बड़ी न होने के कारण संगत इसी दीवानथाना में अपनी पारम्परिक रस्में पूरी करेंगे। इस स्थान के बिल्कुल पीछे लंगर भवन तैयार किया गया है। यात्रियों की उत्सुकता को देखते पाक सरकार द्वारा 10 हज़ार यात्रियों के रहने और लंगर की व्यवस्था की जा रही है।