विमान यात्रा की सुरक्षा

21 जून को अहमदाबाद में जो विमान दुर्घटना हुई थी वह देश में विमान यात्रा के इतिहास का सबसे भयानक हादसा था। बोइंग कम्पनी के बड़े विमान ड्रीम लाइनर के उड़ान भरने के कुछ सैकेंड बाद ही गिर कर पूरी तरह तबाह हो जाने से जहां बड़ी मानवीय त्रासदी हुई थी, वहीं विमान यात्रा की सुरक्षा प्रति भी अनेक सवाल उठने लगे थे। जहां तक एयर इंडिया द्वारा खरीदे गये बोइंग कम्पनी के विमानों का सवाल है आज दुनिया भर में लगभग 1100 ऐसे विमान सफलता से उड़ान भर रहे हैं। इस कम्पनी के 14 सालों के इतिहास में ऐसा यह पहला भयानक हादसा हुआ है। जिसमें 32 सैकेंड में ही 260 लोगों की जान चली गई।
जहां तक इस विमान के पायलटों का संबंध है, कैप्टन सुमित सभ्रवाल के पास रिकार्ड अनुसार 15 हज़ार 638 घंटे विमान चलाने का अनुभव था। उसके सह पायलट कलायव कुंदर ने 3400 घंटे से ज्यादा समय तक विमान चलाए थे। इस हादसे संबंधी एक माह बाद सामने आई पहली रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि विमान के दोनों इंजनों को जाते पैट्रोल के कंट्रोल स्विच बंद हो गये थे। अंतिम समय पर विमान के पायलटों के बीच हुई बातचीत  का रिकार्ड हुआ जो विवरण सामने आया है, उसके अनुसार एक पायलट दूसरे से पूछता है कि इसको तूने बंद किया है तो दूसरा पायलट न में जवाब देता है। जहां तक इन पैट्रोल स्विचों का संबंध है, तकनीकी विशेषज्ञों अनुसार इनको बंद करना किसी तरह भी आसान नहीं होता। इस बात की भी हैरानी है कि ऐसा तकनीकी नुक्स दोनों इंजनों में ही एक या दो सैकेंड की अवधि के बाद कैसे पड़ा, इस विमान की कीमत 1720 करोड़ रुपये (200 मिलियन डॉलर) थी। इसे उड़ान के लिए फिट रखने के लिए इसकी तकनीक से संबंधित छोटी से छोटी चीज़ को भी देखा तथा जांचा जाता है और एक प्रतिशत भी इस संबंधी किसी तरह का समझौता नहीं किया जाता। पहली रिपोर्ट के सामने आने के बाद ही अनेक प्रकार की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं, परन्तु इस रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि यह मानवीय गलती थी या पैदा हुई तकनीकी त्रुटि थी? इसकी पूरी तथा विस्तारपूर्वक रिपोर्ट आने में महीनों तथा वर्षों का समय भी लग सकता है, परन्तु आज जबकि हवाई यात्रा की व्यवस्था को प्रत्येक पक्ष से बेहद त्रुटि रहित बनाने की दिशा में बहुत कुछ किया जा चुका है तो ऐसी दुर्घटना का घटित होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है और यह विमानों से संबंधित कम्पनियों के लिए भी एक बड़ी चुनौती है। 
आज विश्व भर में हवाई यात्रा बेहद बढ़ गई है। इसके बिना राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय कार्यों तथा गतिविधियों को सम्पन्न किया जाना किसी भी तरह सम्भव नहीं हो सकता। दूसरी ओर कुछ पलों में हुई जन हानि की पूर्ति हो सकना किसी भी तरह सम्भव नहीं और न ही उन परिवारों में से उठे इस दर्द के जल्द कम हो सकने की सम्भावना है। इसके कारणों की सही पहचान तथा फिर उनका पूरी तरह सुधार ही हवाई यात्रा को सुरक्षित रखने तथा इसकी विश्वसनीयता को बनाए रखने का बड़ा ज़रिया सिद्ध हो सकती है।

—बरजिन्दर सिंह हमदर्द 

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