ओवरईटिंग से बचना ज़रूरी

ओवरईटिंग की आदत को अधिकतर लोगों में बचपन से ही पड़ जाती है पर बचपन में की गई ओवरईटिंग बच्चों के खेलकूद करने में बराबर हो जाती है। बस ओवरईटिंग के शिकार कुछ बच्चे ही होते हैं जो बस खाते हैं, उसे खेलकूद कर पचाते नहीं, सुस्त होकर टीवी के सामने या मोबाइल में गेम्स खेलने में समय व्यतीत करते हैं। वे धीरे-धीरे मोटापे के शिकार बनते जाते हैं। जो बच्चे खेलकूद कर खाया हुआ अधिक खाना पचा लेते हैं। वे पतले और स्मार्ट रहते हैं। अधिकतर माताएं बचपन से बच्चों को सिखाती हैं कि जब भूख लगे तब हैल्दी खाओ। उतना ही खाओ जितना मन हो। अगर पेट भर जाए तो तुरंत रुक जाओ। अगर हम इस आदत को बाद में भी ध्यान में रखें तो मोटापा हमसे दूर ही रहेगा। अगर भूलकर स्वाद भोजन को खाते ही रहेंगे तो नतीजा मोटापा हमें जल्दी अपनी गिरफ्त में ले लेगा। अगर आप ओवरईटिंग से बचना चाहते हैं तो ध्यान दें कुछ बातों पर :-
हैल्दी ऑप्शन पर जाएं
अपनी बचपन की इस अच्छी आदत को आगे तक ले जाएं कि भूख लगने पर हैल्दी खाएं। बस उतना ही खाएं जिससे पेट भर जाएं तो तुरंत रूक जाएं। ऐसे में ओवरईटिंग की आदत अपने आप ही कम हो जाएगी। अपने नियमित खाने में हैल्दी खाद्य पदार्थों को ही स्थान दें। स्वाद के चक्कर में आप ओवरईटिंग कर सकते हैं। ऐसे में अपनी पसंद की चीज को थोड़ी मात्र में प्लेट में रखें और उससे दूरी बना लें ताकि और लेने की इच्छा पर काबू पा सकें।
खाएं धीरे-धीरे
जो भी खाएं, धीरे-धीरे चबा-चबा कर खाएं। इससे आपकी खाने की स्पीड कम हो जाएगी। रिसर्च के अनुसार ब्रेन पर पेट भरने का सिग्नल भी जल्दी पहुंचेगा अगर आप धीरे-धीरे चबाकर खाना खा रहे हैं।
सिर्फ खाते समय खाएं
टीवी देखते हुए, कम्प्यूटर पर काम करते समय, बात करते समय या ड्राइव करते समय जो भी खाएंगे, वो शरीर को कैलोरीज देने के लिए तो ठीक है पर ध्यान दूसरी ओर होने पर हमारे ब्रेन को पेट भरने का सिग्नल नहीं मिल पाता। इसलिए खाने के समय सिर्फ खाने पर ही ध्यान दें, बाकी काम बाद में।
लें छोटी बाइट
अगर आप छोटी प्लेट में थोड़ा खाना रखकर छोटे-छोटे टुकड़ों में खाएंगे तो ओवर ईटिंग से स्वयं को बचा सकते हैं। इसलिए अपनी अच्छी आदत हेतु छोटी बाइट लेकर ही खाएं। 

(स्वास्थ्य दर्पण)
—सुनीता गाबा