बड़ी कम्पनियों के मुकाबले दोगुने मूल्यों पर मिल रही है देसी कम्पनी की दवाइयां

रामपुरा फूल, 9 दिसम्बर (नरपिंदर सिंह धालीवाल) : अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमा चुकी दवाइयां स्थानीय स्तर की कम्पनियों के मुकाबले बाज़ार में आधे मूल्यों पर मिल रही है। कुछ डाक्टर मरीजों को देसी स्तर की दवाइयां लिखकर जहां मरीजों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे है, वहीं उनकी भारी आर्थिक लूट भी करवा रहे हैं। कम्पनियों की दवाइयां से यह देसी कम्पनियों की दवाइयां दोगनी कीमत से बेची जा रही है। पता चला है कि डाक्टर एक ही कम्पनी की दवाइयां लिख कर देते हैं तो सवाल यह उठता है कि किसी और कम्पनी का प्रतिनिधि इन डाक्टरों के पास जाता ही नहीं है। देसी कम्पनी दवाइयों का ज़िला स्तर पर एक डीलर ही काम करता है और यह दवाइयां डाक्टर साहब के अस्पताल के निकट वाली दुकानों पर ही मिल सकती है, जबकि प्रसिद्ध कम्पनियों की दवाइयां हर जगह/शहरों में आसानी से मिल जाती है। हैरानीजनक तथ्य यह भी पता चला है कि मुख्य डीलर अपने उत्पादों का नाम बदल-बदल कर रखते हैं व डाक्टर साहिबान एक टारगेट लेकर दवाइयों लिखते हैं। सूत्रों अनुसार कुछ डाक्टर तो मरीज को ज़रूरत से ज्यादा दवाई ही इस करके खिलवाते हैं ताकि वह टारगेट को पूरा कर सके। कुछ दवाई विक्रेता ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि लोकल स्तर की कम्पनियां अपने स्वार्थों की पूरी के लिए कुछ डाक्टर, स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों व राजनीतिज्ञों की जायज-नजायज इच्छाओं को पूरी करते हैं, जिस कारण इस गौरख धंधे को कोई नहीं नहीं रहा। उन्होंने बताया कि औफलकसासिन व टीनाडाजौल के कंम्वीनेशन की दवाई देसी कम्पनियों द्वारा प्रसिद्ध कम्पनी मैकलौड के बराबर 120 रुपए में बेची जा रही है, दूसरी ओर जैनरिक दवाई 20-30 रुपए में मिल रही है। इसी तरह एंटीबाओटिक, औफलकासिन देसी कम्पनियां की 10 गोलियां 50 रुपए में जबकि उक्त कम्पनी की दवाई 20 रुपए में मिल रही है। दर्द निवारक टीके, पाचन की एक दवाई एंटीबायोटिक टीका, नैलड्राबौल डोकनेट, सिपरो टीनाडौजोल, प्रोटीन पाऊडर, कैल्शियम की गोलिया के रेटों में भारी अंदर देखने को मिला है। सूत्रों ने बताया है कि कुछ डाक्टर देसी कम्पनियों को ऑर्डर देकर लाट तैयार करवा लेते है व इस तरह की कम्पनियां डाक्टरों को 35 से 40 फीसदी कमिशन देती है। अगर सरकार इस गौरख धंधे की बड़े स्तर पर जांच करवाए तो यह बड़ा स्कैंडल बेनकाब हो सकता है। इस पूरे मामले बारे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि देसी दवाइयों की सैंपलिंग करवाएंगे व जो भी दोषी पाया गया, उस के खिलाफ बनती कार्रवाई की जाएगी।