राज्य की नई पीढ़ी आलसी, हर काम में प्रवासियों की पकड़

माछीवाड़ा साहिब, 23 जनवरी (सुखवंत सिंह गिल) : देश के बंटवारे के बाद बुजुर्गों द्वारा परेशानियां व मजबूरियों को झेलते सख्त मेहनत से चलाए अपने कामों को युवा पीढ़ी द्वारा न अपनाने से मां-बाप चिंताओं में घिरे दिखाई दे रहे हैं। वहीं पंजाब के हर काम में प्रवासियों द्वारा बनाई जा रही अपनी मजबूत पकड़ पंजाबी युवाओं के लिए बड़ी चुनौती बनती दिखाई दे रही है। आज पंजाब के हर उस काम जिसमें पंजाबियों को बड़ी मुहारत हासिल थी। पंजाब में मुख्य कामों में कृषि, राजमिस्त्री, पलंबर, इलैक्ट्रिकल मैकेनिक, दर्जी का काम, रंग-रोगन, हलवाई आदि काम को अन्य राज्यों के लोगों ने अपनी पंजाबियों की नई पीढ़ी को पछाड़ दिया है। किसान जगदेव सिंह, हरदेव सिंह, अजीत सिंह ने भरे मन से बात करते हुए बताया कि देश के बंटवारे के बाद यहां आकर कच्चे घरों में रहते हुए मिली ज़मीन पर सख्त मेहनत करके जंगली बूटी को उ्रखाड़ कर कृषि लायक बनाया अब मशीनी युग में कृषि का काम पहले के मुकाबले अधिक आसान हो चुका है पर हमारी नई पीढ़ी कृषि को अपनाना नहीं चाहती व विदेशों को भागती जा रही है व पिता पुरखी कृषि को आने वाले समय में कोई-कोई किसान का बेटा करता ही नज़र आयेगा व हमारी ज़मीनें या तो कार्पोरेट घराने या बाहरी राज्यों के लोग मालिक दिखाई देंगे। शहर में रेस्तरां का काम करते पहलवान शम्मी कुमार ने कहा कि खाने-पीने के कामों में पहले पंजाबी कारीगर ज़रूर होते थे पर अब यह काम पूर्ण रूप से हिमाचली, बंगाली व यूपी के कारीगरों की पकड़ में है। हर रेस्तरां में प्रवासी मज़दूर ही दिखाई देंगे। सेनीटेशन व हार्डवेयर कामों से जुड़े संजीव बांसल ने कहा कि हमारे काम में टाईलें, पत्थर के कामों पर लगभग 90 प्रतिशत प्रवासी कारीगरों की पंजाबियों के मुकाबले बड़ी पकड़ है। राज मिस्त्री कामों में महिन्द्र कुमार, महेश साहनी, योगेश यादव ने बताया कि हम बिहार से आकर मज़दूरी का काम किया था व बिल्डिंगें बनाने के काम में हमारे भाईचारे का कोई मुकाबला नहीं करता। पलंबर का काम करके घनश्याम, शंभू, अनिल ने 35वर्ष पहले बिहार से पंजाब थे, जो हर बड़ी कोठी व बिल्ंिडग में टूटियों आदि के कामों के लिए लोगों की पहली पसंद हैं। विजय पंडित, रघु यादव ने बताया कि हम 40 वर्ष पहले पंजाब आये थे मज़दूरी का काम शुरू किया। धीरे-धीरे रेहड़ियां व भुट्टे व सब्जी बेचने का काम किया व अब शहर में सब्जी का प्रमुख काम है। हम पक्के मकान व बच्चों को अच्छे स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। पंजाब के पारंपरिक कामों की लिस्ट तो लम्बी है, पर इस पंछी जात ने यह बात ज़रूर सामने लाई है कि सख्त मेहनत के रूप में जाने जाते पंजाबियों की नई पीढ़ी सख्त मेहनत से भाग कर आलसी होती जा रही है।