दुनिया देखेगी भारतीय सेना का शौर्य

प्रतिवर्ष देश की तीनों सेनाओं में से किसी एक को गणतंत्र दिवस परेड का कोऑर्डिनेटर बनाया जाता है और इस बार भारतीय वायुसेना राजपथ पर 71वें गणतंत्र दिवस परेड के लिए लीड एजेंसी है। वायुसेना और थलसेना के कुल 45 विमान और हेलीकॉप्टर परेड में हिस्सा लेकर गणतंत्र दिवस समारोह की परेड को अविस्मरणीय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। परेड में वायुसेना के 41 विमान जबकि थलसेना के चार हेलीकॉप्टर भारतीय सेना की ताकत और पराक्रम को प्रदर्शित देंगे। परेड के दौरान इस बार आसमान में पूरी दुनिया भारतीय वायुसेना की ताकत देखेगी। राजपथ पर वायुसेना का फ्लाई पास्ट परेड की शुरूआत में और परेड के आखिर में अर्थात् दो हिस्सों में होगा और परेड में वायुसेना के सभी विमान राजपथ तथा इंडिया गेट के बीच 60 से 300 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरेंगे। परेड की शुरूआत वाई-फॉरमेशन बनाते हुए वायुसेना के चार एमआई17वी5 हेलीकॉप्टर के साथ होगी और इन चारों में से एक हेलीकॉप्टर पर भारत की आन-बान और शान तिरंगा झंडा लहरा रहा होगा जबकि शेष तीनों हेलीकॉप्टरों पर देश की तीनों सेनाओं के ध्वज होंगे। वायुसेना के इस प्रदर्शन के बाद बारी होगी थलसेना की, जिसके चार एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टरों के राजपथ पर आने के साथ ही राजपथ पर मुख्य परेड की शुरूआत होगी। थलसेना के इन हेलीकॉप्टरों के बाद गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार अमरीकी हैवीलिफ्ट हेलीकॉप्टर चिनूक ‘विक फॉरमेशन’ बनाते हुए अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे। बेहद ताकतवर चिनूक हेलीकॉप्टरों के प्रदर्शन के बाद बारी होगी वायुसेना के नए लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे की। पांच अपाचे हेलीकॉप्टर एक साथ उड़ान भरेंगे और तीर जैसा ‘एरोहेड फॉर्मेशन’ बनाते हुए हवा में कलाबाजियां दिखाकर अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे।  परेड की समाप्ति वायुसेना के फ्लाई पास्ट के साथ होगी और इस फ्लाई पास्ट की शुरूआत ‘रूद्र फॉर्मेशन’ से होगी, जिसमें ‘विक’ (विक्टरी) बनाते हुए स्वदेशी एएलएच (डब्लूएसआई) रूद्र हेलीकॉप्टर होंगे। फिक्सड विंग एयरक्राफ्ट की शुरूआत 3 डोरनियर एयरक्राफ्ट्स से होगी और उसके बाद 3 सी-130जे सुपर हरक्युलिस मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट अपना जलवा दिखाने आएंगे। इसके बाद बारी होगी नेत्रा फॉरमेशन में शामिल विमानों की, जिसमें एक एवैक्स (एयरबोर्न अर्ली वार्निंग कंट्रोल सिस्टम) टोही विमान, दो सुखोई फाइटर जेट्स तथा तीन सी17 ग्लोबमास्टर हेवीलिफ्ट ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट शामिल होंगे। 5 जगुआर फाइटर जेट्स के साथ परेड में लड़ाकू विमानों की शुरूआत होगी। जगुआर के बाद 5 अपग्रेडेड मिग-29 फाइटर जेट्स प्रदर्शन करेंगे और फिर होगा ‘सुखोई फॉरमेशन’, जिसमें त्रिशूल बनाते हुए तीन सुखोई फाइटर जेट्स आएंगे और फिर एक सुखोई राजपथ पर वर्टिकल मैन्युवर करेगा।गणतंत्र दिवस परेड में वायुसेना की झांकी में वायुसेना अपने पांच मॉडलों का प्रदर्शन करेगी, जिनमें फ्रांसीसी एविएशन कम्पनी ‘दसाल्ट एविएशन’ द्वारा निर्मित दो इंजन वाला राफेल लड़ाकू विमान, स्वदेश में विकसित हल्के लड़ाकू विमान ‘एलसीए तेजस’, लाइटर कॉम्बेट हेलीकॉप्टर एलसीएच, अस्त्र मिसाइल तथा आकाश मिसाइल प्रणाली शामिल होंगे। ‘अग्नि’ तथा ‘अस्त्र’ पूर्णत: स्वदेशी मिसाइलें हैं, जिनका निर्माण डीआरडीओ द्वारा किया गया है। इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत अत्याधुनिक तकनीक से बनी ‘अग्नि-2’ मिसाइल भारत की मध्यवर्ती दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे तीन हजार किलोमीटर तक के दायरे में इस्तेमाल किया जा सकता है। बेहतरीन कमांड व कंट्रोल सिस्टम तथा अत्याधुनिक नेविगेशन सिस्टम से लैस इस मिसाइल में लगे हाई एक्युरेसी नेविगेशन सिस्टम से सटीक निशाने पर मार की जा सकती है। यह परमाणु हथियारों से लैस होकर एक टन पैलोड ले जाने में सक्षम है। ‘अस्त्र’ मिसाइल जमीन से हवा में वार करने में पूरी तरह सक्षम है। बहरहाल, इस वर्ष गणतंत्र दिवस की परेड में जहां अत्याधुनिक तकनीक से लैस चिनूक और अपाचे अपना शौर्य दिखाएंगे, वहीं पूरी दुनिया भारतीय वायुसेना का दमखम भी देखेगी।